नई दिल्ली/गाजियाबाद: सरकारी नौकरी या फिर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई करते हैं. लाइब्रेरी में युवा एकांत में घंटों तक पढ़ सकते हैं. जबकि कई बार घर में पढ़ाई करने के दौरान कई तरह का डिस्टरबेंस हो जाता है. बड़े शहरों में लाइब्रेरी आसानी से उपलब्ध होती है. कई सामाजिक संस्थाएं बड़े शहरों में लाइब्रेरी का संरक्षण करती हैं साथ ही प्राइवेट निजी लाइब्रेरी की सुविधा भी मौजूद होती है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में लाइब्रेरी की उपलब्धता काफी कम होती है. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी छात्रों के लिए लाइब्रेरी उपलब्ध होगी.
गाजियाबाद में 142 ग्राम पंचायत हैं. सभी ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी की सुविधा विकसित की जाएगी. जिससे युवा एकांत में बैठकर पढ़ाई कर सकें. लाइब्रेरी में न सिर्फ युवाओं को शांति मिलेगी बल्कि पढ़ने के लिए किताबें समेत विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी. डीआईओएस राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर लाइब्रेरी विकसित की जाएगी. शासन से सभी ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी विकसित करने के निर्देश मिले हैं. भारत सरकार की बाल एवं किशोर पुस्तकालय व डिजिटल मूलभूत सुविधा योजना के तहत ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर लाइब्रेरी विकसित की जानी है.
राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक लाइब्रेरी में पुस्तकों के साथ-साथ छात्रों के बैठने के लिए फर्नीचर, कंप्यूटर और वाई-फाई समेत विभिन्न सुविधाएं मौजूद रहेंगी. शासन को ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी विकसित करने के लिए स्थान चिह्नित कर सूची भेजी गई है. शासन से धनराशि प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
गाजियाबाद की जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी के मुताबिक भारत सरकार की योजना के तहत लाइब्रेरी विकसित की जाएगी. ग्राम पंचायतों में 50 स्क्वायर मीटर लाइब्रेरी विकसित करने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी. हमारा काम केवल लाइब्रेरी के लिए जगह उपलब्ध कराना है. संबंधित विभाग द्वारा लाइब्रेरी विकसित की जाएगी.
ये भी पढ़ें: बदलते समय में लाइब्रेरी के ढांचे में बदलाव आवश्यक, पढ़ें, डॉ अलका राय से खास बातचीत...