बस्तर : टीचर्स डे के मौके पर शहर में अलग-अलग आयोजन हुए. इसी क्रम में धरमपुरा स्थित गायत्री विद्यापीठ गुरुकुल विद्यालय में एक आयोजन किया गया. जहां संभाग के सभी जिलों से बच्चे पहुंचे. इसके अलावा नक्सल पीड़ित बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों के पढ़ाई के लिए पद्मश्री के हाथों लाइब्रेरी का भी शुभारंभ किया गया.
क्या है लाइब्रेरी का उद्देश्य ?: इस लाइब्रेरी का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र जैसे कोंडागांव, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाडा, नारायणपुर के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है. इन जिलों से पहुंचे बच्चों को यहां रहने के साथ ही शिक्षा भी दी जाती है. लगभग 125 आवासीय बच्चे ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र से है. जो यहां पर रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
जरुरतमंदों को निशुल्क शिक्षा : इस विद्यालय के प्रबंधक आर एस पिल्ले का कहना है कि बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों से नक्सल पीड़ित बच्चे इस स्कूल में रहकर पढ़ाई करते हैं. उनके लिए भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें रहने के लिए पूरी व्यवस्था की जाती है. साथ ही अन्य सक्षम बच्चे भी शुल्क देकर पढ़ाई करते हैं. लेकिन जो सक्षम नहीं है. उन्हें निःशुल्क शिक्षा के साथ सुविधाएं दी जाती है.
''स्कूल में काफी समय से एक लाइब्रेरी की कमी थी. जिसकी पूर्ति आज शिक्षक दिवस में हो गई है. शिक्षा से ही हर वर्ग का विकास होता है. इसी हम चाहते हैं कि अच्छी शिक्षा और संस्कार ग्रहण करके बच्चे अपना भविष्य बनाए. हमारे पास बच्चों को रखने की क्षमता कम है. इस क्षमता का विस्तार भविष्य में अगर हो जाएगा तो ऐसे सभी बच्चे जो इस गुरुकुल में रहकर पढ़ाई करना चाहते है. उन बच्चों को जिनके परिवार उन्हें शिक्षा दिलाने में असमर्थ हैं. उन्हें भी गायत्री विद्या गुरुकुल में शिक्षा दी जाएगी.'' आरएस पिल्लै, प्रबंधक
पद्मश्री ने भी की बेहतर भविष्य की कामना : मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने सभी छात्रों को ज्ञान के प्रति भावना जगे इसको लेकर उन्होंने छात्रों को बधाई दी. धर्मपाल सैनी अपने जीवन में कई बच्चों को शिक्षा देकर सफल बनाए है जो बच्चे आज के समय में एक बेहतर भविष्य जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि काफी दिनों से इस संस्था में आने की उत्सुकता थी. इस संस्था में आकर ऐसा प्रतीत हुआ कि ज्ञान को लेकर काफी प्रेरणा महसूस हुई है.
वहीं इस मौके पर डीएन इवेंट ग्रुप की फाउंडर निहारिका मोदी ने बताया कि शिक्षक दिवस के दिन एक बड़ा फैसला लिया था कि इस गुरुकुल में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाए. जहां सभी बच्चे पढ़े और आगे बढ़े. क्योंकि बच्चों को पढ़ने के लिए व्यवस्था सहीं नहीं है. इसीलिए एक सेपरेट रूम उन्हें पढ़ाई के लिए मिले सोचकर निर्माण करवाया गया. जिसका आज शुभारंभ किया गया है.