नई दिल्ली: दिल्ली के 90 हज़ार गरीबों को राशन कार्ड न दिए जाने के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव से जांच करने के आदेश दिए हैं. पिछले माह विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर राशन कार्ड नहीं देने का मुद्दा उठाया था. एलजी ने मुख्य सचिव को इस मामले की जांच का आदेश दिया है.
एलजी द्वारा मुख्य सचिव से इसकी जांच करने के आदेश का नेता विपक्ष ने स्वागत किया है. विजेंद्र गुप्ता ने आप आदमी पार्टी की सरकार को दलितों और गरीबों का शोषण करने वाली सरकार करार दिया और कहा कि इस सरकार ने हजारों गरीब परिवारों को राशन न देकर उनके मुंह से निवाला छीना है.
![एलजी ने मुख्य सचिव को दिए जांच के आदेश](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-10-2024/del-ndl-01-lg-enquiry-order-vis-7201354_12102024185856_1210f_1728739736_880.jpg)
विजेंद्र गुप्ता ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 'नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट' के तहत 'अंत्योदय अन्न योजना' का शुभारंभ किया गया था. इस योजना के अंतर्गत 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली के अति गरीब 1,56,800 परिवारों को हर महीने 35 किलो राशन देने का प्रावधान था. 10 साल पहले 2015 में जब आम आदमी पार्टी सरकार सत्ता में आई थी उस समय इस योजना के तहत 76,458 गरीब परिवारों को राशन मिल रहा था.
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लेकिन आज लगभग 10 साल बीतने के बाद इनकी संख्या घटकर 66,532 हो गई है. यानी लगभग 10 हजार लोग कम हो गए हैं, जबकि इनकी संख्या 10 सालों में बढ़नी चाहिए थी. इस हिसाब से 1,56,800 में से बचे हुए 90 हज़ार गरीबों को राशन कार्ड दिए जा सकते थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने नहीं दिए.
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि भाजपा द्वारा इन्हें राशन कार्ड देने की मांग उठाए जाने पर 31 जुलाई 2019 को दिल्ली सरकार के 'फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग' ने इन गरीबों को राशन कार्ड देने के लिए विधानसभा अनुसार सूची बनाई थी और संबंधित विभाग के मंत्री इमरान हुसैन की मंजूरी के लिए इसे भेजा. लेकिन मंत्री ने इस फाइल पर अपनी टिप्पणी करते हुए इसे अगले आदेश तक रोकने का आदेश दे दिया था.
गुप्ता ने कहा कि 90 हजार गरीब, जिनके अगर राशन कार्ड बन जाते तो उन्हें आज केंद्र सरकार की तरप से हर महीने 35 किलो राशन फ्री में मिल रहा होता. लेकिन दिल्ली सरकार ने 5 साल तक इन्हें फ्री के अन्न से वंचित रखा.
नेता विपक्ष ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा मामले की जांच का आदेश दिए जाने के बाद उम्मीद जगी है कि जांच पूरी होने के बाद इन 90 हजार गरीबों को भी राशन कार्ड जारी किए जाएंगे और केंद्र सरकार की अंत्योदय योजना के तहत फ्री राशन मिल सकेगा.
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