नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी के नाम एक पत्र लिखा. उन्होंने पत्र के माध्यम से आतिशी को आने वाले नए साल की शुभकामनाएं दी. विधानसभा चुनाव सामने है, सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुट गई है. सत्ताधारी पार्टी की चुनी हुई मुख्यमंत्री भी जिस तरह अपने दायित्व को निभा रही है, उपराज्यपाल ने इसकी तारीफ की है.
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि अपने ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन किसी व्यक्ति को काम करते देखा है. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास सरकार का एक भी विभाग नहीं था, वह फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं किया करते थे, वहीं, आतिशी अनेक विभागों का दायित्व लेते हुए प्रशासन के विभिन्न मुद्दों पर काम करने का प्रयास किया है.
पत्र के अगले हिस्से में उपराज्यपाल ने आतिशी को केजरीवाल द्वारा कामचलाऊ और अस्थाई मुख्यमंत्री घोषित किए जाने पर दुख जताया. उन्होंने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा मीडिया में सार्वजनिक रूप से आपको एक अस्थाई कामचलाऊ मुख्यमंत्री घोषित किया जाना, उन्हें आपत्तिजनक लगा, इससे वे आहत हैं. उपराज्यपाल ने कहा"यह न केवल उनका अपमान था बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान था." अस्थाई अथवा कामचलाऊ मुख्यमंत्री की जो सार्वजनिक व्याख्या केजरीवाल ने की उसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. यह बाबा साहब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की निंदनीय अवहेलना भी है.
उपराज्यपाल ने पत्र में आगे लिखा कि आपको उन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया जब पिछले 10 सालों में यमुना की बदतर हालत, पीने के पानी की भयंकर कमी, कचरे के पहाड़ का मुद्दा, औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा, स्वास्थ्य व्यवस्था, अनधिकृत कॉलोनी में सुविधाओं का घोर अभाव. एक मुख्यमंत्री द्वारा जिसको अस्थाई और कामचलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है. यह सभी जानते हैं इन क्षेत्रों में अपनी असफलता और आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया. परंतु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी.
आगे उपराज्यपाल ने लिखा है जिस प्रकार केजरीवाल आपकी उपस्थिति में अनधिकृत रूप से वरिष्ठ नागरिकों एवं मुख्यमंत्री के नाम पर ही महिला संबंधित योजनाओं की हवा-हवाई घोषणा कर रहे हैं, इससे मुख्यमंत्री पद और मंत्रिपरिषद की गरिमा भी धूमिल हुई है. उपराज्यपाल के नाते वे इस गिरे स्तर के शब्दों के इस्तेमाल से चिंतित हैं. अंत में उपराज्यपाल ने अपने इस पत्र को उनका व्यक्तिगत तौर पर लिखा गया पत्र होने की बात कही है और उन्होंने आतिशी के सफल एवं उज्जवल भविष्य की कामना की है.
बता दें कि उपराज्यपाल इससे पहले भी मुख्यमंत्री आतिशी के नाम कई पत्र लिख चुके हैं. लेकिन उन पत्रों में सरकार से जुड़े कामों के बारे में उन्हें पटरी पर लाने उससे संबंधित दिशा निर्देश आदि का जिक्र उन्होंने किया. यह पत्र उससे बिल्कुल अलग है और अंत में उपराज्यपाल ने साफ भी किया कि यह उनके द्वारा व्यक्तिगत तौर पर लिखा गया है. उन्होंने यह भी लिखा है कि आने वाले समय में इसे वर्तमान के परिपेक्ष को रेखांकित और रिकॉर्ड करता हुआ दस्तावेज माना जाए.
LG के पत्र पर मुख्यमंत्री आतिशी ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री आतिशी ने पत्र में लिखा है, "आप गंदी राजनीति करने की जगह दिल्ली की बेहतरी पर ध्यान दीजिए. अरविंद केजरीवाल ने साढ़े नौ साल दिल्ली की बेहतरी के लिए काम किया है. मैं अरविंद केजरीवाल द्वारा दिखाए रास्ते पर सरकार चला रहीं हूं."
आतिशी ने लिखा है, "दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को बार-बार जिताया है. आपके द्वारा महिला सम्मान योजना में अड़ंगा डालने से महिला होने के नाते व्यक्तिगत रूप से आहत हूँ."
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