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LG ने झंडा नहीं फहराने दिया; केजरीवाल ने बनाया सीएम, जानें आतिशी के CM बनने की इनसाइड स्टोरी - Delhi Next CM Atishi inside story

दिल्ली के नए सीएम के नाम का ऐलान हो गया है. आतिशी को अरविंद केजरीवाल यानी आम आदमी पार्टी ने नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. ऐसे में बीते दो दिनों से सीएम की रेस में रहे कैलाश गहलोत, सुनीता केजरीवाल और गोपाल राय पीछे छूट गए. आशुतोष झा की रिपोर्ट में जानिए आतिशी के सीएम बनने की कहानी...

दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री बनीं आतिशी
दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री बनीं आतिशी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 17, 2024, 4:03 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 4:23 PM IST

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री रहीं आतिशी अब मुख्यमंत्री होंगी. वे तीसरी महिला और दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री बनेंगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी के नाम पर सहमति बन गई. इसके बाद मंत्री गोपाल राय ने मीडिया को दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी के होने की जानकारी साझा की.

दरअसल, आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के संकेत दो दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में दे दिया था. रविवार को आम आदमी पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने जब अपने इस्तीफे की बात कही थी, तभी उन्होंने कहा था कि इस बात का बड़ा दुख है कि जेल से पत्र लिखने के बावजूद एलजी ने आतिशी को झंडा तक फहराने नहीं दिया.

सिसोदिया ने आतिशी का नाम आगे कियाः आतिशी की सोच और विजन को देखते हुए जब अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की बात कही और उनकी जगह नए मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो मनीष सिसोदिया ने आतिशी का नाम आगे किया और अपने तर्क दिए. तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन थे. दोनों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उसके बाद आतिशी दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी और तब से वह सबसे पावरफुल मंत्री के रूप में पहचान बनाई. अभी उनके पास सर्वाधिक 11 विभाग थे. वह वित्त, राजस्व, सेवा, विजिलेंस, जल विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कानून व न्याय विभाग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, सूचना विभाग देख रहीं थीं.

सीएम रेस में सबको पीछे छोड़ मारी बाजीः खराब स्वास्थ्य कारणों के चलते मंत्री गोपाल राय मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं थे. केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के सीएम बनने की भी चर्चा थी, मगर परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए उनका नाम सामने नहीं लाया गया. मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने भी सामने आकर कहा कि सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने की इच्छुक नहीं है.

वहीं, मीडिया की सुर्खियों में सीएम की रेस में आगे चल रहे कैबिनेट कैलाश गहलोत सोमवार शाम की बैठक होने के बाद रेस से बाहर हो गए. सूत्रों के अनुसार, उनका काम पिछले दिनों एलजी से बेहतर संबंध होना और शराब घोटाले में ईडी की पूछताछ ने बिगाड़ दिया. विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई. जबकि, सौरभ भारद्वाज मीडिया की चर्चा तक ही सिमट तक रह गए.

"मुझ पर इतना भरोसा किया मैं काफी खुश हूं. लेकिन उतना ही दुखी भी हूं कि आज मेरे बड़े भाई अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं. हमें कोई बधाई न दे, माला न पहनाएं. उनके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं, हम सबको उनको दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करना है." -आतिशी, सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद

2020 में पहली बार बनीं विधायकः आम आदमी पार्टी से जुड़ने के करीब 8 साल बाद वर्ष 2020 में आतिशी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और वह बीजेपी के उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11 हज़ार से अधिक वोटों से हराया था. तब से सरकार में आतिशी ने जो भी जिम्मेदारी मिली उसका उन्होंने बेहतर प्रदर्शन दिया. साफ-सुथरी और विश्वसनीय चेहरे में आतिशी का नाम सबसे ऊपर रहा.

LG ने झंडा नहीं फहराने दिया केजरीवाल ने बनाया सीएम (ETV BHARAT)

2013 में घोषणा पत्र तैयार करने में निभायी अहम भूमिकाः आम आदमी पार्टी से प्रभावित होकर अन्ना आंदोलन के दौरान ही अतिशी जुड़ गई थी. पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखने वाली आतिशी ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की. वर्ष 2013 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पहली बार लड़ने का फैसला लिया था, तब आतिशी की भूमिका पार्टी के लिए घोषणा पत्र तैयार करने में रही थी. इस घोषणा पत्र में पहली बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनने पर बिजली बिल हाफ, पानी बिल माफ जैसा चुनावी वादा किया. यह वादा इतना हिट रहा कि दिल्ली में लगातार आम आदमी पार्टी की तीसरी बार सरकार बनी. उसके बाद आतिशी की भूमिका दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया के शिक्षा से जुड़े कार्यों तक सीमित रही. शिक्षा विभाग में जो भी नई योजनाएं और बदलाव हुए, उनमें आतिशी की भूमिका अधिक रही है.

दिल्ली के अब तक मुख्यमंत्री को जानिए
दिल्ली के अब तक मुख्यमंत्री को जानिए (ETV Bharat)

एक नजर में आतिशी को जानेंः आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता विजय सिंह डीयू में प्रोफेसर रहे. उन्होंने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिगडेल स्कूल से हासिल की. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हिस्ट्री से ग्रेजुएट करने के बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल की. उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में भी कई साल बिताए, वहां पर जैविक खेती की और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ी रही हैं.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल की दिल्ली में समय से पहले चुनाव कराने की अपील, संभव तभी जब चुनाव आयोग तैयार होगा

ये भी पढ़ें : Delhi CM के लिए नाम फाइनल होने के बाद आतिशी बोलीं- 'केजरीवाल के मार्गदर्शन में सरकार चलाऊंगी'

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री रहीं आतिशी अब मुख्यमंत्री होंगी. वे तीसरी महिला और दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री बनेंगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी के नाम पर सहमति बन गई. इसके बाद मंत्री गोपाल राय ने मीडिया को दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी के होने की जानकारी साझा की.

दरअसल, आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के संकेत दो दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में दे दिया था. रविवार को आम आदमी पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने जब अपने इस्तीफे की बात कही थी, तभी उन्होंने कहा था कि इस बात का बड़ा दुख है कि जेल से पत्र लिखने के बावजूद एलजी ने आतिशी को झंडा तक फहराने नहीं दिया.

सिसोदिया ने आतिशी का नाम आगे कियाः आतिशी की सोच और विजन को देखते हुए जब अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की बात कही और उनकी जगह नए मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो मनीष सिसोदिया ने आतिशी का नाम आगे किया और अपने तर्क दिए. तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन थे. दोनों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उसके बाद आतिशी दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी और तब से वह सबसे पावरफुल मंत्री के रूप में पहचान बनाई. अभी उनके पास सर्वाधिक 11 विभाग थे. वह वित्त, राजस्व, सेवा, विजिलेंस, जल विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कानून व न्याय विभाग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, सूचना विभाग देख रहीं थीं.

सीएम रेस में सबको पीछे छोड़ मारी बाजीः खराब स्वास्थ्य कारणों के चलते मंत्री गोपाल राय मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं थे. केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के सीएम बनने की भी चर्चा थी, मगर परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए उनका नाम सामने नहीं लाया गया. मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने भी सामने आकर कहा कि सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने की इच्छुक नहीं है.

वहीं, मीडिया की सुर्खियों में सीएम की रेस में आगे चल रहे कैबिनेट कैलाश गहलोत सोमवार शाम की बैठक होने के बाद रेस से बाहर हो गए. सूत्रों के अनुसार, उनका काम पिछले दिनों एलजी से बेहतर संबंध होना और शराब घोटाले में ईडी की पूछताछ ने बिगाड़ दिया. विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई. जबकि, सौरभ भारद्वाज मीडिया की चर्चा तक ही सिमट तक रह गए.

"मुझ पर इतना भरोसा किया मैं काफी खुश हूं. लेकिन उतना ही दुखी भी हूं कि आज मेरे बड़े भाई अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं. हमें कोई बधाई न दे, माला न पहनाएं. उनके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं, हम सबको उनको दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करना है." -आतिशी, सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद

2020 में पहली बार बनीं विधायकः आम आदमी पार्टी से जुड़ने के करीब 8 साल बाद वर्ष 2020 में आतिशी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और वह बीजेपी के उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11 हज़ार से अधिक वोटों से हराया था. तब से सरकार में आतिशी ने जो भी जिम्मेदारी मिली उसका उन्होंने बेहतर प्रदर्शन दिया. साफ-सुथरी और विश्वसनीय चेहरे में आतिशी का नाम सबसे ऊपर रहा.

LG ने झंडा नहीं फहराने दिया केजरीवाल ने बनाया सीएम (ETV BHARAT)

2013 में घोषणा पत्र तैयार करने में निभायी अहम भूमिकाः आम आदमी पार्टी से प्रभावित होकर अन्ना आंदोलन के दौरान ही अतिशी जुड़ गई थी. पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखने वाली आतिशी ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की. वर्ष 2013 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पहली बार लड़ने का फैसला लिया था, तब आतिशी की भूमिका पार्टी के लिए घोषणा पत्र तैयार करने में रही थी. इस घोषणा पत्र में पहली बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनने पर बिजली बिल हाफ, पानी बिल माफ जैसा चुनावी वादा किया. यह वादा इतना हिट रहा कि दिल्ली में लगातार आम आदमी पार्टी की तीसरी बार सरकार बनी. उसके बाद आतिशी की भूमिका दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया के शिक्षा से जुड़े कार्यों तक सीमित रही. शिक्षा विभाग में जो भी नई योजनाएं और बदलाव हुए, उनमें आतिशी की भूमिका अधिक रही है.

दिल्ली के अब तक मुख्यमंत्री को जानिए
दिल्ली के अब तक मुख्यमंत्री को जानिए (ETV Bharat)

एक नजर में आतिशी को जानेंः आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता विजय सिंह डीयू में प्रोफेसर रहे. उन्होंने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिगडेल स्कूल से हासिल की. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हिस्ट्री से ग्रेजुएट करने के बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल की. उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में भी कई साल बिताए, वहां पर जैविक खेती की और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ी रही हैं.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 4:23 PM IST
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