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लखनऊ की सबसे शानदार 4 लेन सड़क बनने का रास्ता साफ, जानिए- सेना और LDA के बीच क्या हुआ समझौता?

UP NEWS LUCKNOW: पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधा और 4-लेन रोड निर्माण पर सहमति, छावनी बोर्ड व आसपास के क्षेत्रों से एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टीविटी होगी, ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के तहत सैन्य अफसरों और आम पब्लिक को बड़ी सुविधा.

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एलडीए को ग्रीन कॉरीडोर निर्माण के लिए मिली जमीन. (photo credit: etv bharat archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 8:27 AM IST

Updated : Nov 16, 2024, 7:59 AM IST

लखनऊ : लखनऊ को एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच जोड़ने वाली शानदार ग्रीन काॅरिडोर परियोजना पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधा व 4-लेन सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि एलडीए (LDA) को देने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है. यहां बंधा का निर्माण होने से बारिश के मौसम में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगा. इसके अलावा छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व आम नागरिकों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिलेगी.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिनें तट पर 5.8 किलोमीटर लंबे फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाना है. इसमें से बंधा का 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र में आ रहा है, जिसके लिए लगभग 21.81 हेक्टेयर सैन्य भूमि प्राधिकरण को चाहिए थी. इस सम्बंध में बीते 23 सितम्बर को दिल्ली के साउथ ब्लाॅक स्थित रक्षा मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (भूमि एवं कार्य) के समक्ष परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया था. इस बैठक के काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और मंत्रालय ने सेना की भूमि पर बंधा व 4-लेन सड़क का निर्माण कराने के लिए एलडीए को अनुमति प्रदान कर दी है. मंगलवार को मंत्रालय का अनुमति पत्र प्राप्त हो गया है. इसमें सेना की तरफ से कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसका पालन सुनिश्चित कराते हुए स्थल पर बंधा का निर्माण कराया जाएगा


तीन अंडरपास और रोटरी विकसित की जाएंगी: एलडीए के प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट के प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि बंधा बनने से सेना की भूमि दो भागों में विभाजित हो जाएगी। लिहाजा सेना ने छावनी क्षेत्र में आंतरिक आवागमन के लिए बंधे में तीन अंडरपास अथवा रोटरी विकसित करने के निर्देश दिये हैं. साथ में यह शर्त भी रखी गई है कि बंधा निर्माण के लिए मिट्टी की खोदाई सेना की भूमि से नहीं किया जाएगा.


घुसपैठ रोकने को सुरक्षा के समुचित उपाय: सेना द्वारा बंधा व 4-लेन सड़क के निर्माण में सुरक्षा के जरूरी उपाय भी सम्मलित करने के निर्देश दिये गये हैं. इसमें कहा गया है कि बंधा निर्मित होने व उस पर यातायात संचालित होने के बाद कोई भी व्यक्ति/वाहन छावनी क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश न कर सके, इसके लिए सम्बंधित क्षेत्र में बैरिकेडिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करानी होगी.


दिलकुशा को लिंक किया जाएगाः सेना द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व जवानों के सुगम आवागमन के लिए ग्रीन काॅरिडोर से दिलकुशा तक एक लिंक प्रदान किया जाएगा. जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा बंधे के एलाइनमेंट में पहले से ही जरूरी बदलाव कर लिए गए हैं.



क्या है ग्रीन कॉरिडोर परियोजनाः यह परियोजना कुल 28 किलोमीटर की है. इसमें चार लेन के ग्रीन कॉरीडोर का निर्माण होना है. यह काम चार चरणों में होना है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से पक्का पुल तक पूरो हो चुका है. दूसरे चरण में पक्का पुल से पिपराघाट तक काम होना है. तीसरे चरण में पिपराघाट से शहीद तक और चौथे फेज में शहीद पथ से किसान पथ तक निर्माण कार्य किया जाना है. अनुमान है कि ग्रीन कॉरीडोर बन जाने से लखनऊ में रोज करीब 1 लाख लोगों को आवागमन में सहूलियत मिल जाएगी.


अधिकारी क्या बोलेः इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार का कहना है कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना पार्ट-3 के तहत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधे व 4-लेन सड़क का निर्माण होने से शहर की बड़ी आबादी को सुगम आवागमन का बेहतर विकल्प मिलेगा. बंधा बनने से बारिश के मौसम में क्षेत्र में होने वाले जलभराव से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगा. इससे बाढ़ से प्रभावित होने वाली सैन्य भूमि की उपयोगिता भी बढ़ेगी और लोगों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिल जाएगी.

ये भी पढ़ेंः दुनिया भर में अयोध्या का डंका, 15 दिन में 5 कीर्तिमान, अब छठा रिकॉर्ड बनाने की चल रही तैयारी

लखनऊ : लखनऊ को एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच जोड़ने वाली शानदार ग्रीन काॅरिडोर परियोजना पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधा व 4-लेन सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि एलडीए (LDA) को देने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है. यहां बंधा का निर्माण होने से बारिश के मौसम में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगा. इसके अलावा छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व आम नागरिकों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिलेगी.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिनें तट पर 5.8 किलोमीटर लंबे फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाना है. इसमें से बंधा का 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र में आ रहा है, जिसके लिए लगभग 21.81 हेक्टेयर सैन्य भूमि प्राधिकरण को चाहिए थी. इस सम्बंध में बीते 23 सितम्बर को दिल्ली के साउथ ब्लाॅक स्थित रक्षा मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (भूमि एवं कार्य) के समक्ष परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया था. इस बैठक के काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और मंत्रालय ने सेना की भूमि पर बंधा व 4-लेन सड़क का निर्माण कराने के लिए एलडीए को अनुमति प्रदान कर दी है. मंगलवार को मंत्रालय का अनुमति पत्र प्राप्त हो गया है. इसमें सेना की तरफ से कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसका पालन सुनिश्चित कराते हुए स्थल पर बंधा का निर्माण कराया जाएगा


तीन अंडरपास और रोटरी विकसित की जाएंगी: एलडीए के प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट के प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि बंधा बनने से सेना की भूमि दो भागों में विभाजित हो जाएगी। लिहाजा सेना ने छावनी क्षेत्र में आंतरिक आवागमन के लिए बंधे में तीन अंडरपास अथवा रोटरी विकसित करने के निर्देश दिये हैं. साथ में यह शर्त भी रखी गई है कि बंधा निर्माण के लिए मिट्टी की खोदाई सेना की भूमि से नहीं किया जाएगा.


घुसपैठ रोकने को सुरक्षा के समुचित उपाय: सेना द्वारा बंधा व 4-लेन सड़क के निर्माण में सुरक्षा के जरूरी उपाय भी सम्मलित करने के निर्देश दिये गये हैं. इसमें कहा गया है कि बंधा निर्मित होने व उस पर यातायात संचालित होने के बाद कोई भी व्यक्ति/वाहन छावनी क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश न कर सके, इसके लिए सम्बंधित क्षेत्र में बैरिकेडिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करानी होगी.


दिलकुशा को लिंक किया जाएगाः सेना द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों व जवानों के सुगम आवागमन के लिए ग्रीन काॅरिडोर से दिलकुशा तक एक लिंक प्रदान किया जाएगा. जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा बंधे के एलाइनमेंट में पहले से ही जरूरी बदलाव कर लिए गए हैं.



क्या है ग्रीन कॉरिडोर परियोजनाः यह परियोजना कुल 28 किलोमीटर की है. इसमें चार लेन के ग्रीन कॉरीडोर का निर्माण होना है. यह काम चार चरणों में होना है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से पक्का पुल तक पूरो हो चुका है. दूसरे चरण में पक्का पुल से पिपराघाट तक काम होना है. तीसरे चरण में पिपराघाट से शहीद तक और चौथे फेज में शहीद पथ से किसान पथ तक निर्माण कार्य किया जाना है. अनुमान है कि ग्रीन कॉरीडोर बन जाने से लखनऊ में रोज करीब 1 लाख लोगों को आवागमन में सहूलियत मिल जाएगी.


अधिकारी क्या बोलेः इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार का कहना है कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना पार्ट-3 के तहत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधे व 4-लेन सड़क का निर्माण होने से शहर की बड़ी आबादी को सुगम आवागमन का बेहतर विकल्प मिलेगा. बंधा बनने से बारिश के मौसम में क्षेत्र में होने वाले जलभराव से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगा. इससे बाढ़ से प्रभावित होने वाली सैन्य भूमि की उपयोगिता भी बढ़ेगी और लोगों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिल जाएगी.

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Last Updated : Nov 16, 2024, 7:59 AM IST
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