चमोली: उत्तराखंड के चार धामों समेत पंच केदारों के कपाट बंद होने का सिलसिला अब अंतिम चरणों में पहुंच चुका है. सबसे पहले उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट बंद हुए. जबकि, आगामी 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. ऐसे में बदरीनाथ धाम की यात्रा अंतिम दौर में है. लिहाजा, बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. अभी तक 13 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं.
चारधामों में से 3 धाम के कपाट हो चुके बंद: बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को बंद कर दिए गए. जबकि, यमुनोत्री धाम और द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. इस बार बाबा केदार के दरबार में करीब 16 लाख 52 हजार श्रद्धालुओं ने अपनी हाजिरी लगाई. आज यानी 4 नवंबर को तृतीय केदार और पंच केदार में सबसे ऊंचे केदार तुंगनाथ धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.
सालभर खुले रहते हैं कल्पेश्वर महादेव के कपाट: वहीं, पंच केदार में अंतिम केदार पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव के मंदिर साल भर श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं. यहां साल भर तीर्थयात्री भगवान शिव की जटाओं के स्वरूप के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित करने आते हैं. ऐसे में अब तीर्थ यात्रियों का रुख सीधा मोक्ष धाम बदरीनाथ की यात्रा पर फोकस रहेगा. हालांकि, इस बार सबसे आखिर में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के कपाट बंद हो रहे हैं.
बदरीनाथ धाम पहुंच चुके 12.90 लाख श्रद्धालु: बात अगर बदरीनाथ धाम की करें तो यहां लगातार श्रद्धालुओं की आमद बढ़ती जा रही है. 3 नवंबर को जहां भू बैकुंठ धाम बदरीनाथ में रिकॉर्ड 10 हजार 682 श्रद्धालु पहुंचे तो वहीं अब तक बदरीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 12 लाख 90 हजार 842 पार कर गया है. आज शाम तक 13 लाख से ज्यादा का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है.
तीर्थयात्रियों की आमद को देखते हुए बीकेटीसी के अधिकारियों का मानना है कि कपाट बंद होने तक यह आकड़ा 15 लाख को भी पार कर जाएगा. चमोली डीएम संदीप तिवारी का कहना है कि रोजाना 10 से 12 हजार तीर्थयात्री भगवान बदरी विशाल के दर्शनों को पहुंच रहे हैं. जिससे इन दिनों तापमान में कमी आने के बावजूद धाम में चहल पहल बनी हुई है.
तीर्थयात्री और राहगीरों के लिए अलाव की व्यवस्था: उन्होंने बताया कि बदरीनाथ नगर पंचायत की ओर से ठंड को देखते हुए धाम में तीर्थयात्री और राहगीरों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है. जबकि, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से भी तीर्थयात्रियों के सुचारू दर्शनों के समुचित प्रबंध किए गए हैं.
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