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हिमाचल विधानसभा में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास, राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को छूट का रास्ता साफ - HP LAND CEILING ACT AMENDMENT BILL

हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल 2024 पास हो गया. अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन ट्रांसफर की जा सकेगी.

हिमाचल विधानसभा में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास
हिमाचल विधानसभा में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास (Himachal Assembly)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 4:55 PM IST

Updated : Dec 20, 2024, 7:08 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित अन्य धार्मिक संस्थाओं को लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन कर छूट देने का रास्ता साफ कर दिया है. विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास हो गया है. हालांकि, विपक्ष इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की वकालत कर रहा था. खैर, संशोधन बिल पास होने के बाद अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को तय शर्तों के साथ लैंड ट्रांसफर की छूट मिलेगी.

उल्लेखनीय है कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया था. शुक्रवार को सदन में इस बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी इस संशोधन विधेयक को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे मंजूर नहीं किया और फिर संशोधन बिल को ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया. अब ये बिल राष्ट्रपति भवन से मंजूर हुआ तो फिर लागू हो जाएगा.

बिल पर चर्चा में किसने क्या कहा?

बिल पर सदन में चर्चा हुई. इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में बताया कि इस संशोधन विधेयक के जरिए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने वाली संस्थाओं को जमीन हस्तांतरण में छूट मिलेगी. मुख्य रूप से राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य संस्थाओं को 30 एकड़ अथवा डेढ़ सौ बीघा तक जमीन ट्रांसफर की जा सकेगी. राजस्व मंत्री ने कहा कि यदि इस जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए होगा, तो यह वापस सरकार में निहित हो जाएगी. सरकार ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि भूमि का गलत इस्तेमाल न हो.

चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी मानती है कि राधा स्वामी सत्संग की इस समस्या का समाधान हो. भारतीय जनता पार्टी इस संस्था की ओर से किए जाने वाले कार्यों की भी सराहना करती है, लेकिन हमें इसके दुरुपयोग का डर है. उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में अन्य संस्थाएं भी छूट को आगे आएंगी. ऐसे में इस बिल को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के हितों का संरक्षण किया जा सके.

जयराम बोले, संशोधन के बाद दुरुपयोग की आशंका

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रति अपनी आस्था जताई. उन्होंने कहा कि हम ब्यास डेरा के सेवा कार्यों का सम्मान करते हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि अच्छी बात है कि राज्य सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास की मदद का रास्ता निकाला है, लेकिन प्रदेश के हित सर्वोपरि रखने की जरूरत है. यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि अन्य संस्थाएं इसका गलत लाभ न उठाएं. उन्होंने कहा कि यह भी प्रश्न है कि क्या इस तरह का संशोधन किया भी जा सकता है या नहीं? ऐसे में संशोधन बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. राज्य सरकार को इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. सिलेक्ट कमेटी के पास आकर संशोधन विधायक जाएगा, तो इसका एक बेहतर रास्ता भी निकल सकता है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (ETVn Bharat)

हिमाचल के हित सर्वोपरि, सीएम बोले

संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेस सरकार यह जमीन उद्योगपतियों को नहीं दे रही है, बल्कि राज्य सरकार का इसके पीछे एक ईमानदार प्रयास है. इस पर विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वह इस संशोधन विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए.

इसके बाद राजस्व मंत्री ने दोबारा स्पष्ट किया कि सेवा, अध्यात्म और धार्मिक कार्यों के लिए ही भूमि ट्रांसफर करने की छूट दी जाएगी. इस संशोधन के बाद डेढ़ सौ बीघा तक भूमि ट्रांसफर की जा सकेगी. अन्य किसी कार्यों के लिए इस भूमि का इस्तेमाल नहीं होगा. सीएम ने कहा कि डेरा ब्यास सिर्फ 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर सकेगा. फिलहाल, अब डेरा ब्यास को राहत मिल गयी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा में 7 साल के विनियोग विधेयक एक साथ हुए पारित, लोक लेखा समिति ने देरी से किए थे क्लियर

शिमला: हिमाचल सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित अन्य धार्मिक संस्थाओं को लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन कर छूट देने का रास्ता साफ कर दिया है. विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास हो गया है. हालांकि, विपक्ष इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की वकालत कर रहा था. खैर, संशोधन बिल पास होने के बाद अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को तय शर्तों के साथ लैंड ट्रांसफर की छूट मिलेगी.

उल्लेखनीय है कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया था. शुक्रवार को सदन में इस बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी इस संशोधन विधेयक को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे मंजूर नहीं किया और फिर संशोधन बिल को ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया. अब ये बिल राष्ट्रपति भवन से मंजूर हुआ तो फिर लागू हो जाएगा.

बिल पर चर्चा में किसने क्या कहा?

बिल पर सदन में चर्चा हुई. इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में बताया कि इस संशोधन विधेयक के जरिए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने वाली संस्थाओं को जमीन हस्तांतरण में छूट मिलेगी. मुख्य रूप से राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य संस्थाओं को 30 एकड़ अथवा डेढ़ सौ बीघा तक जमीन ट्रांसफर की जा सकेगी. राजस्व मंत्री ने कहा कि यदि इस जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए होगा, तो यह वापस सरकार में निहित हो जाएगी. सरकार ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि भूमि का गलत इस्तेमाल न हो.

चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी मानती है कि राधा स्वामी सत्संग की इस समस्या का समाधान हो. भारतीय जनता पार्टी इस संस्था की ओर से किए जाने वाले कार्यों की भी सराहना करती है, लेकिन हमें इसके दुरुपयोग का डर है. उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में अन्य संस्थाएं भी छूट को आगे आएंगी. ऐसे में इस बिल को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के हितों का संरक्षण किया जा सके.

जयराम बोले, संशोधन के बाद दुरुपयोग की आशंका

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रति अपनी आस्था जताई. उन्होंने कहा कि हम ब्यास डेरा के सेवा कार्यों का सम्मान करते हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि अच्छी बात है कि राज्य सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास की मदद का रास्ता निकाला है, लेकिन प्रदेश के हित सर्वोपरि रखने की जरूरत है. यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि अन्य संस्थाएं इसका गलत लाभ न उठाएं. उन्होंने कहा कि यह भी प्रश्न है कि क्या इस तरह का संशोधन किया भी जा सकता है या नहीं? ऐसे में संशोधन बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. राज्य सरकार को इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. सिलेक्ट कमेटी के पास आकर संशोधन विधायक जाएगा, तो इसका एक बेहतर रास्ता भी निकल सकता है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (ETVn Bharat)

हिमाचल के हित सर्वोपरि, सीएम बोले

संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेस सरकार यह जमीन उद्योगपतियों को नहीं दे रही है, बल्कि राज्य सरकार का इसके पीछे एक ईमानदार प्रयास है. इस पर विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वह इस संशोधन विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए.

इसके बाद राजस्व मंत्री ने दोबारा स्पष्ट किया कि सेवा, अध्यात्म और धार्मिक कार्यों के लिए ही भूमि ट्रांसफर करने की छूट दी जाएगी. इस संशोधन के बाद डेढ़ सौ बीघा तक भूमि ट्रांसफर की जा सकेगी. अन्य किसी कार्यों के लिए इस भूमि का इस्तेमाल नहीं होगा. सीएम ने कहा कि डेरा ब्यास सिर्फ 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर सकेगा. फिलहाल, अब डेरा ब्यास को राहत मिल गयी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा में 7 साल के विनियोग विधेयक एक साथ हुए पारित, लोक लेखा समिति ने देरी से किए थे क्लियर

Last Updated : Dec 20, 2024, 7:08 PM IST
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