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12 फीसदी आरक्षण की मांग पर अड़ा कुशवाह समाज, मांग न पूरी होने पर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी, अब 5 मार्च को होगी महापंचायत

Kushwaha community gave warning to Bhajanlal government, धौलपुर में एक बार फिर कुशवाहा समाज ने 12 फीसदी आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ समाज की ओर से सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें साफ कर दिया गया है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

warning to Bhajanlal government
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 28, 2024, 3:48 PM IST

लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

धौलपुर. जिले में एक बार फिर कुशवाहा समाज ने आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर मौजूदा भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही समाज की ओर से सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें साफ कर दिया गया है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. वहीं, कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को भरतपुर प्रशासन की ओर से 10 दिन का समय दिया गया था. साथ ही उन्हें इस समयावधि में सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था. इधर, सरकार की ओर से 25 फरवरी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाए जाने से नाराज समाज के लोगों ने अब आगामी लोसकभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. वहीं, मंगलवार को कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के तत्वावधान में कुशवाहा जगाओ अभियान के तहत 12 फीसदी आरक्षण समेत अन्य 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धौलपुर के बसई नवाब कस्बे में पंचायत का आयोजन किया गया.

लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी : पंचायत में आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने समाज के लिए 12 फीसदी आरक्षण और लव कुश कल्याण बोर्ड को वित्तीय दर्जा दिलाने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा की. पदाधिकारियों ने बताया कि भरतपुर प्रशासन की ओर से 10 दिन का समय देकर सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की ओर से 25 फरवरी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया. सरकार की इस हठधर्मिता के चलते कुशवाहा समाज ने पंचायत में चिंतन मंथन किया. इसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है. साथ ही पांच मार्च को महापंचायत करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें आंदोलन को लेकर आगे के फैसले लिए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें - कुशवाहा समाज ने दी चेतावनी, आरक्षण नहीं मिला तो लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

सरकार के रवैए से नाराज समाज के प्रतिनिधि : पूर्व प्रधान रामहेत कुशवाहा ने बताया कि संभागीय आयुक्त और आईजी भरतपुर रेंज से भी वार्ता हुई थी. दोनों अधिकारियों ने सरकार से वार्ता करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसे में समाज के पटेलों ने एक जाजम पर निर्णय लिया है. 5 मार्च को जिला मुख्यालय पर कुशवाहा समाज की महापंचायत आयोजित होगी, जिसमें आंदोलन की रुपरेखा तय होगी.

इसे भी पढ़ें - Demand For Reservation In Bharatpur : माली, कुशवाहा, सैनी और शाक्य मौर्य समाज का आरक्षण आंदोलन, NH-21 पर किया चक्का जाम

आंदोलन में शामिल होंगी समाज की महिलाएं : कुशवाहा समाज के आंदोलन में समाज की महिलाएं भी शामिल होंगी. यह निर्णय बसई नवाब कस्बे में आयोजित बैठक में लिया गया. साथ ही कहा गया कि महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आरक्षण आंदोलन में उतरने का निर्णय लिया है.

लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

धौलपुर. जिले में एक बार फिर कुशवाहा समाज ने आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर मौजूदा भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही समाज की ओर से सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें साफ कर दिया गया है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. वहीं, कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को भरतपुर प्रशासन की ओर से 10 दिन का समय दिया गया था. साथ ही उन्हें इस समयावधि में सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था. इधर, सरकार की ओर से 25 फरवरी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाए जाने से नाराज समाज के लोगों ने अब आगामी लोसकभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. वहीं, मंगलवार को कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के तत्वावधान में कुशवाहा जगाओ अभियान के तहत 12 फीसदी आरक्षण समेत अन्य 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धौलपुर के बसई नवाब कस्बे में पंचायत का आयोजन किया गया.

लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी : पंचायत में आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने समाज के लिए 12 फीसदी आरक्षण और लव कुश कल्याण बोर्ड को वित्तीय दर्जा दिलाने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा की. पदाधिकारियों ने बताया कि भरतपुर प्रशासन की ओर से 10 दिन का समय देकर सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की ओर से 25 फरवरी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया. सरकार की इस हठधर्मिता के चलते कुशवाहा समाज ने पंचायत में चिंतन मंथन किया. इसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है. साथ ही पांच मार्च को महापंचायत करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें आंदोलन को लेकर आगे के फैसले लिए जाएंगे.

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सरकार के रवैए से नाराज समाज के प्रतिनिधि : पूर्व प्रधान रामहेत कुशवाहा ने बताया कि संभागीय आयुक्त और आईजी भरतपुर रेंज से भी वार्ता हुई थी. दोनों अधिकारियों ने सरकार से वार्ता करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसे में समाज के पटेलों ने एक जाजम पर निर्णय लिया है. 5 मार्च को जिला मुख्यालय पर कुशवाहा समाज की महापंचायत आयोजित होगी, जिसमें आंदोलन की रुपरेखा तय होगी.

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आंदोलन में शामिल होंगी समाज की महिलाएं : कुशवाहा समाज के आंदोलन में समाज की महिलाएं भी शामिल होंगी. यह निर्णय बसई नवाब कस्बे में आयोजित बैठक में लिया गया. साथ ही कहा गया कि महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आरक्षण आंदोलन में उतरने का निर्णय लिया है.

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