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किसानों की आवाज उठाने से पहले पूर्व मंत्री आवास पर ही नजर बंद, कहा- जेल से भी आवाज उठाऊंगा - FORMER MINISTER HOUSE ARREST

Former Minister House Arrest : ढांढा चीनी मिल के एथेनॉल प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के बाबत हुई कार्रवाई का विरोध हो रहा है.

पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह हाउस अरेस्ट.
पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह हाउस अरेस्ट. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

कुशीनगर : ढांढा चीनी मिल द्वारा लगाए जाने वाले एथेनॉल प्लांट में किसानों की जमीन अधिग्रहण के लिए 1 दिसंबर की कार्रवाई के विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं. किसानों पर लाठी चार्ज और जेल भेजने की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने तहसील का घेराव की अनुमति मांगी थी. हालांकि प्रशासन ने अनुमित नहीं दी और पुलिस ने हाउस अरेस्ट करके उनके आवास पर ही रोक दिया.

पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि सोमवार को तहसील हाटा के घेराव और ज्ञापन देने का कार्यक्रम था. जिला प्रशासन ने हमें अनुमति नहीं दी और हमारे घर पर ही हमें नजर बंद कर रखा है. हम अपने घर पर ही धरने पर बैठे हैं. जिला प्रशासन अगर हमें जेल में भी बंद करेगा तो किसानों की आवाज हम जेल से भी उठाते रहेंगे.

पूर्व मंत्री ने कहा कि हाटा में एथनॉल की फैक्ट्री लग रही है. हम समाजवादी लोग विकास विरोधी नहीं है. जिले में जो भी बड़े विकास कार्य हुए हैं, सभी समाजवादी सरकार में हुए. यहां तक की ढांढा चीनी मिल भी समाजवादी सरकार में ही लगी, लेकिन उस समय किसानों को मुंह मांगा मुआवजा दिया गया. उसके बाद हमारे नेता मुलायम सिंह ने इसकी आधारशिला रखी. हमने दो-दो तहसील जिले में बनवाई, लेकिन कहीं लाठी नहीं चली. सपा सरकार में ही जिला बना पर किसी किसान पर लाठी नहीं चली. भाजपा सरकार में किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा मांग रहे हैं पर मिल वाले नहीं दे रहे हैं. 145000 कट्ठा किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि उन खेती की जमीनों में धान, गेहूं, गन्ना पैदा होता है और उसकी कीमत तीन लाख से ज्यादा है. सर्किल रेट के चार गुना मुआवजा किसानों को मिलना चाहिए. यही मांग सत्ता पक्ष के जिले में सभी विधायकों के साथ जिला अध्यक्ष ने भी कर रखी है.

कुशीनगर : ढांढा चीनी मिल द्वारा लगाए जाने वाले एथेनॉल प्लांट में किसानों की जमीन अधिग्रहण के लिए 1 दिसंबर की कार्रवाई के विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं. किसानों पर लाठी चार्ज और जेल भेजने की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने तहसील का घेराव की अनुमति मांगी थी. हालांकि प्रशासन ने अनुमित नहीं दी और पुलिस ने हाउस अरेस्ट करके उनके आवास पर ही रोक दिया.

पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि सोमवार को तहसील हाटा के घेराव और ज्ञापन देने का कार्यक्रम था. जिला प्रशासन ने हमें अनुमति नहीं दी और हमारे घर पर ही हमें नजर बंद कर रखा है. हम अपने घर पर ही धरने पर बैठे हैं. जिला प्रशासन अगर हमें जेल में भी बंद करेगा तो किसानों की आवाज हम जेल से भी उठाते रहेंगे.

पूर्व मंत्री ने कहा कि हाटा में एथनॉल की फैक्ट्री लग रही है. हम समाजवादी लोग विकास विरोधी नहीं है. जिले में जो भी बड़े विकास कार्य हुए हैं, सभी समाजवादी सरकार में हुए. यहां तक की ढांढा चीनी मिल भी समाजवादी सरकार में ही लगी, लेकिन उस समय किसानों को मुंह मांगा मुआवजा दिया गया. उसके बाद हमारे नेता मुलायम सिंह ने इसकी आधारशिला रखी. हमने दो-दो तहसील जिले में बनवाई, लेकिन कहीं लाठी नहीं चली. सपा सरकार में ही जिला बना पर किसी किसान पर लाठी नहीं चली. भाजपा सरकार में किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा मांग रहे हैं पर मिल वाले नहीं दे रहे हैं. 145000 कट्ठा किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि उन खेती की जमीनों में धान, गेहूं, गन्ना पैदा होता है और उसकी कीमत तीन लाख से ज्यादा है. सर्किल रेट के चार गुना मुआवजा किसानों को मिलना चाहिए. यही मांग सत्ता पक्ष के जिले में सभी विधायकों के साथ जिला अध्यक्ष ने भी कर रखी है.

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