हिसार: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार वायदे तो बहुत करती है पर उन्हें कम ही निभाती है. भाजपा राज में स्वास्थ्य सेवाएं का हाल ये है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं खुद के इलाज के लिए भी मोहताज है. प्रदेश में चिकित्सक और स्टाफ के 42 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं, इतना ही नहीं अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न ही दवाइयां. आखिर मरीज जाए तो कहां जाएं. निजी अस्पतालों का उपचार इतना महंगा हो गया है कि मरीज कंगाल होकर अस्पताल से बाहर निकलता है. जिस आयुष्मान कार्ड को लेकर सरकार उछल रही है, उस कार्ड के आधार पर अब प्राइवेट चिकित्सक उपचार ही नहीं करते.
पद खाली, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं : मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करती है, उसका यह दावा केवल कागजों तक ही सीमित है, क्योंकि धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक और स्टाफ के 42 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं. इन दोनों के करीब 41,628 पद स्वीकृत है. उनमें से 17409 खाली पड़े हैं. इतना ही नहीं, प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में न तो स्थायी निदेशक हैं और न ही चिकित्सा अधीक्षक हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिरसा की अपनी अलग ही पहचान होती है. यहा का जिला अस्पताल यानी सिविल हॉस्पिटल तो इस समय मात्र एक भवन ही बनकर रह गया है. इस सिविल अस्पताल में अधिकतर विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है, जब डॉक्टर नहीं है तो जरूरत के अनुसार कोई उपकरण नहीं हैं.
स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं सरकार : उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन, दवाओं, उपकरणों आदि को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है. बीमार और आघात पीड़ितों के अलावा शिशुओं, बच्चों, किशोरों, माताओं, योग्य जोड़ों और बुजुर्गों सहित सभी श्रेणियों की आबादी की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल आजकल रैफर सेंटर बनकर रह गए हैं. जब भी कोई मरीज इलाज के लिए आता है कि उसे रेफर कर दिया जाता है. सरकार को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में उचित कदम उठाना चाहिए.
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