कोटा : शहर में 2022 में हुई नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले को अब राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में नए थानेदारों को पढ़ाया जाएगा. अकादमी ने इस मामले को अपने कोर्स में शामिल किया है, ताकि पुलिस अधिकारियों को अति संवेदनशील मामलों में काम करने की बेहतर समझ मिल सके. इस मामले में न्यायालय ने अगस्त 2023 में आरोपी ट्यूशन टीचर, गौरव जैन को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी.
मंगलवार को आरपीए में आयोजित एक कार्यक्रम में रिटायर आईपीएस केसर सिंह शेखावत, कोटा के तत्कालीन एसपी, भरतपुर के पुलिस उपअधीक्षक अमर सिंह राठौड़ और स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर महावीर सिंह कृष्णावत ने एक लेक्चर दिया. उन्होंने इस केस के अनुसंधान और अभियोजन पक्ष के संबंध में विस्तार से जानकारी दी, साथ ही यह बताया कि अति संवेदनशील मामलों में पुलिस की कार्यशैली कैसी होनी चाहिए. जब पुलिस के खिलाफ जन आक्रोश बढ़ जाता है, तब जांच और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को क्या कदम उठाने चाहिए और आरोपी के खिलाफ न्यायालय में मजबूत पक्ष कैसे तैयार किया जाता है. इस पर भी चर्चा की गई.
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केस स्टडी के तौर पर शामिल : आरपीए निदेशक और कोटा रेंज प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस सेंगाथिर ने कहा कि यह मामला अनुसंधान और अभियोजन के लिए एक आदर्श उदाहरण है. इसमें दिखाया गया कि पुलिस अधिकारियों ने किस प्रकार से काम किया और आरोपियों को सजा दिलाई. इसीलिए नए पुलिसकर्मियों को यह केस स्टडी के रूप में समझाया जा रहा है, ताकि उन्हें ड्यूटी के दौरान ऐसी परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में मदद मिल सके.
ये था मामला : 13 फरवरी 2022 को ट्यूशन पढ़ने आई नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी और हत्या को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया था. आरोपी ट्यूशन टीचर गौरव जैन ने पहले से ही इस अपराध के लिए योजना बना ली थी. घटना के बाद वह महिला के वेश में फरार हो गया था. 22 फरवरी को आरोपी को गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया, जबकि इस दौरान कोटा में जन आंदोलन भी खड़ा हो गया था. लोग सड़कों पर उतर आए थे और बाजार बंद कर दिए गए थे, ताकि मृतक छात्रा को न्याय मिल सके.
नए पुलिसकर्मियों के लिए केस स्टडी : रिटायर आईपीएस केसर सिंह शेखावत ने बताया कि इस मामले में आरोपी की तलाश के दौरान जन आक्रोश काफी बढ़ गया था, जिससे पुलिस पर दबाव बना हुआ था. उन्होंने बताया कि 32 टीमों को आरोपी की खोज में लगाया गया और शहरवासियों से समय मांगा गया. आरोपी पर 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था. पुलिस ने कई पहलुओं पर काम करते हुए आरोपी को पकड़ लिया और सजा दिलाई. इस मामले में पुलिस अनुसंधान से जुड़ी कई अहम बातें हैं, जिन्हें नए पुलिसकर्मियों को सीखने से उनके काम में मदद मिल सकती है.