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64 साल पुराने रेलवे वर्कशॉप में तैयार होंगे मालगाड़ी के डिब्बे, अपग्रेड करने में खर्च हुए 83 करोड़ रुपये

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 11, 2024, 5:55 PM IST

Kota 64 Year Old Railway Workshop, कोटा में 64 साल पुराने रेलवे वर्कशॉप में मालगाड़ी के डिब्बे तैयार होंगे. इसे अपग्रेड करने में 83 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. जानिए और क्या होगा खास ?

Workshop Upgradation in Kota
64 साल पुराने रेलवे वर्कशॉप में तैयार होंगे मालगाड़ी के डिब्बे
कोटा डीआरएम मनीष तिवारी ने क्या कहा, सुनिए...

कोटा. राजस्थान के कोटा में 64 सालों से रेलवे वर्कशॉप में मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत का कार्य जारी था. अब इस रेलवे वर्कशॉप को अपडेट किया गया है और इसमें आने वाले कुछ सालों में मालगाड़ी के डिब्बे बनाने का काम शुरू होगा. इस कार्य के लिए रेलवे ने 82.64 करोड़ रुपए खर्च किया है. कोटा के मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को वर्कशॉप को अपग्रेड करने के कार्य का लोकार्पण करेंगे. इसमें वर्कशॉप को वैगन निर्माण के लिए तैयार किया गया है.

ऐसे में कोटा में भी मालगाड़ी के डिब्बे बनना शुरू हो जाएंगे. इसके लिए अभी कुछ कार्य शेष हुई है. इसमें वर्कशॉप को तैयार होने में रेलवे बोर्ड से अनुमति आएगी. कोटा मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारी रोहित मालवीय ने बताया कि गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, भरतपुर व सुवासरा पर एक स्टेशन एक उत्पाद स्टाल, सवाई माधोपुर स्टेशन पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र का लोकार्पण भी किया जाएगा.

पढ़ें : कभी कबाड़ अब 'क्लब क्वीन', विंटेज लुकिंग गोल्फ कार्ट को रेलवे अधिकारी ने दिया नया रूप

हर महीने 550 से ज्यादा वैगन हो रही दुरुस्त : डीआरएम मनीष तिवारी का कहना है कि साल 1957 में कारखाने का निर्माण शुरू हुआ था. इस निर्माण के पूरा होने के बाद अक्टूबर 1960 में यहां पर रेलवे वैगन की मरम्मत होना शुरू हो गई थी. शुरुआत में हर महीने 250 वैगन की मरम्मत की जाती थी, लेकिन अब लक्ष्य बढ़ाकर 550 हो गया है. इस वर्कशॉप में कई अत्याधुनिक मशीनें भी स्थापित की गई हैं. यहां तक कि यहां पर एलपीजी वैगन आर की मरम्मत भी 1983 और बॉक्सन वैगन की 1989 में शुरू हो गई थी. वर्तमान में अपग्रेडेशन के बाद वैगन रिपेयर का लक्ष्य 600 हो जाएगा.

15 किलोमीटर लंबा रेलवे सेक्शन भी हुआ तैयार : रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन के तहत अकलेरा से घाटोली के 14.72 किलोमीटर के सेक्शन का भी लोकार्पण होगा. इसके बाद रामगंजमंडी से 90 किलोमीटर दूर घाटोली तक रेल यातायात चल सकेगा. वर्तमान में जूनाखेड़ा तक ही रेल यातायात संचालित हो रहा है. इस रेलवे ट्रैक पर अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. यह 2000-2001 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन काफी धीमी गति से इस पर काम चल रहा है. शुरुआत में इस रेलवे लाइन प्रोजेक्ट नहीं मिल रहा था, लेकिन कुछ सालों से ही इसको पर्याप्त बजट दिया जा रहा है, जिससे काम की गति भी बढ़ी है.

दो टनल और चट्टानी इलाकों में ब्लास्टिंग से बन रहा रेल मार्ग : डीआरएम कोटा मनीष तिवारी का कहना है कि इस घाटोली अकलेरा क्षेत्र में चार बड़े व 24 छोटे ब्रिज, दो फ्लाईओवर और दो टनल भी बनाई गई हैं. उनका कहना है कि रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन में निर्माण के दौरान काफी चुनौतियां सामने आ रही हैं. यह पूरा एरिया काफी चट्टानी है, साथ ही एक तरफ कोटा स्टोन तो दूसरी तरफ ग्रेनाइट और मालवा का पथरीला इलाका है. इसमें पहाड़ी इलाका भी है. ऐसे में ब्लास्टिंग करके ही रेल मार्ग निकाला जा रहा है. इसमें काफी समय भी लग रहा है और कड़ी मेहनत भी करनी पड़ रही है.

कोटा डीआरएम मनीष तिवारी ने क्या कहा, सुनिए...

कोटा. राजस्थान के कोटा में 64 सालों से रेलवे वर्कशॉप में मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत का कार्य जारी था. अब इस रेलवे वर्कशॉप को अपडेट किया गया है और इसमें आने वाले कुछ सालों में मालगाड़ी के डिब्बे बनाने का काम शुरू होगा. इस कार्य के लिए रेलवे ने 82.64 करोड़ रुपए खर्च किया है. कोटा के मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को वर्कशॉप को अपग्रेड करने के कार्य का लोकार्पण करेंगे. इसमें वर्कशॉप को वैगन निर्माण के लिए तैयार किया गया है.

ऐसे में कोटा में भी मालगाड़ी के डिब्बे बनना शुरू हो जाएंगे. इसके लिए अभी कुछ कार्य शेष हुई है. इसमें वर्कशॉप को तैयार होने में रेलवे बोर्ड से अनुमति आएगी. कोटा मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारी रोहित मालवीय ने बताया कि गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, भरतपुर व सुवासरा पर एक स्टेशन एक उत्पाद स्टाल, सवाई माधोपुर स्टेशन पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र का लोकार्पण भी किया जाएगा.

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हर महीने 550 से ज्यादा वैगन हो रही दुरुस्त : डीआरएम मनीष तिवारी का कहना है कि साल 1957 में कारखाने का निर्माण शुरू हुआ था. इस निर्माण के पूरा होने के बाद अक्टूबर 1960 में यहां पर रेलवे वैगन की मरम्मत होना शुरू हो गई थी. शुरुआत में हर महीने 250 वैगन की मरम्मत की जाती थी, लेकिन अब लक्ष्य बढ़ाकर 550 हो गया है. इस वर्कशॉप में कई अत्याधुनिक मशीनें भी स्थापित की गई हैं. यहां तक कि यहां पर एलपीजी वैगन आर की मरम्मत भी 1983 और बॉक्सन वैगन की 1989 में शुरू हो गई थी. वर्तमान में अपग्रेडेशन के बाद वैगन रिपेयर का लक्ष्य 600 हो जाएगा.

15 किलोमीटर लंबा रेलवे सेक्शन भी हुआ तैयार : रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन के तहत अकलेरा से घाटोली के 14.72 किलोमीटर के सेक्शन का भी लोकार्पण होगा. इसके बाद रामगंजमंडी से 90 किलोमीटर दूर घाटोली तक रेल यातायात चल सकेगा. वर्तमान में जूनाखेड़ा तक ही रेल यातायात संचालित हो रहा है. इस रेलवे ट्रैक पर अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. यह 2000-2001 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन काफी धीमी गति से इस पर काम चल रहा है. शुरुआत में इस रेलवे लाइन प्रोजेक्ट नहीं मिल रहा था, लेकिन कुछ सालों से ही इसको पर्याप्त बजट दिया जा रहा है, जिससे काम की गति भी बढ़ी है.

दो टनल और चट्टानी इलाकों में ब्लास्टिंग से बन रहा रेल मार्ग : डीआरएम कोटा मनीष तिवारी का कहना है कि इस घाटोली अकलेरा क्षेत्र में चार बड़े व 24 छोटे ब्रिज, दो फ्लाईओवर और दो टनल भी बनाई गई हैं. उनका कहना है कि रामगंजमंडी भोपाल रेल लाइन में निर्माण के दौरान काफी चुनौतियां सामने आ रही हैं. यह पूरा एरिया काफी चट्टानी है, साथ ही एक तरफ कोटा स्टोन तो दूसरी तरफ ग्रेनाइट और मालवा का पथरीला इलाका है. इसमें पहाड़ी इलाका भी है. ऐसे में ब्लास्टिंग करके ही रेल मार्ग निकाला जा रहा है. इसमें काफी समय भी लग रहा है और कड़ी मेहनत भी करनी पड़ रही है.

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