कोरबा: क्यूलॉफ (QLOF) एप में छोटी रकम निवेश करके शॉर्टकट से चंद दिनों में रकम कई गुना होने का खेल चलाकर ऑनलाइन ठगों ने लाखों लोगों से रकम निवेश करा लिया. शुरूआती दिनों में रकम जमा करने वालों को कंपाउंड मनी के नाम पर प्रतिदिन सैलरी देकर झांसे में लिया गया. वाट्सअप ग्रुप के जरिए ऑनलाइन ठगों का गिरोह लोगों को जोड़कर लखपति बनने के लिए प्रोत्साहित करता रहा.
कोरबा में हजारों लोग बने शिकार: यूजर्स की मानें तो करीब 8-10 माह से चल रही क्यूलॉफ कंपनी का नेटवर्क कोरबा के शहर से लेकर गांव-गांव तक में फैला हुआ है. सरकारी कर्मचारी, निजी कर्मचारी, किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं और तो और स्कूल और कॉलेज के छात्र भी क्यूलॉफ से जुड़ गए थे. हालात यह है कि हर दूसरा और तीसरा व्यक्ति इस एप्प से जुड़ा हुआ है. ऑनलाइन कंपनी ने कोरबा के हजारों लोगों को अपना निशाना बनाया है.
इस तरह फैलाया मकड़जाल: ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में कोरबा के हजारों लोग क्यूलॉफ में जुड़े और अपने रिश्तेदारों और परिचितों को जोड़ते चले गए. लोगों को उम्मीद थी कि क्यूलॉफ कंपनी का पैसा शेयर मार्केट या क्रिप्टो करैंसी में लग रहा है. जहां से मिल रहे फायदे से वह उपयोगकर्ताओं को रकम कई गुना करके दे रही है. इसके लिए लोगों से क्यूलॉफ का एप्प डाउनलोड कराया गया, जिसमे न्यूनतम 6 हजार रुपये ट्रांसफर करने की कंडीशन है. पुराने निवेशक नए लोगों की आईडी अपने नीचे बनवाते थे, जिसका कुछ कुछ अंश उन्हें दिया जाता था. वॉलेट में जमा पैसे हर दिन एक निश्चित दर से बढ़ती रहती थी, जिसे लोग वॉच करते रहते थे. पैसे निकासी की भी छूट थी. लोग नियमित अंतरालों पर पैसे निकासी भी कर रहे थे.
ये है मौजबदा हालात : जानकारों की मानें तो लोगों का जमा किया गया पैसा ही दूसरे लोगों को कई गुना करके दिया जा रहा था, जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़े और करोड़ों रुपए समेटने के बाद ऑनलाइन ठग भाग सके. अब एक सप्ताह से क्यूलॉफ कंपनी कभी साइबर अटैक तो कभी सिस्टम क्रैश होने के बहाने लोगों की रकम निकासी बंद करके अपडेट का बहाना कर रही थी. लोगों से वादा किया गया था कि शुक्रवार 28 जून की सुबह 7 बजे से सिस्टम सही हो जाएगा. निकासी आसानी से होने लगेगी. वादे के मुताबिक सुबह क्यूलॉफ एप्प आसानी से खुला और लोग रकम ट्रांसफर करने लगे, लेकिन बैंक एकांउट में रकम नहीं पहुंचा और शाम को रकम वापस एप में रिफंड होने का मैसेज मिला.
इंतजार में निवेशक: जब तक लोग ठगी को समझ पाते इससे पहले ऑनलाइन ठगों ने एक बार फिर से ग्राहकों को मूर्ख बनाने की चाल चली. क्यूलॉफ एप कंपनी को भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो से एक नोटिस मिलने और अब से प्रत्येक नकद निकासी राशि संबंधित विभागों और एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी और समीक्षा के अधीन होने का जिक्र किया. धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने और समीक्षा पारित होने के बाद, बैंक निकासी अनुरोध के 1-3 दिनों के भीतर निकासी राशि उपयोगकर्ता के बैंक खाते में भेजने का उल्लेख किया गया. ग्राहक इंतजार में लग गए कि थोड़ी देर बाद फिर से एक मैसेज भेजा गया, जिसमें भारत सरकार की अनुपालन आवश्यकताओं का अनुपालन करने के लिए ग्राहकों के क्यूलॉफ खाते का केवाईसी सत्यापन आवश्यक बताया गया.
इस तरह के किसी एप के बारे में अब तक कि स्थिति में कोई सूचना या शिकायत नहीं है. यदि लोगों ने इसमें पैसे लगाए हैं और किसी तरह के फ्रॉड की संभावना है. तो इस दिशा में जांच की जाएगी. -सिद्धार्थ तिवारी, एसपी, कोरबा
निवेशकों के उड़े होश: खाता फ्रीज होने के बाद अब क्यूलॉफ कंपनी ने केवाईसी सत्यापन का नया पैंतरा ईजाद किया है. मैसेज में कहा गया है कि 2 दिन के भीतर 29 से 30 जून तक 6 हजार रुपए जमा करके केवाईसी सत्यापन कराना होगा. केवाईसी कराने वालों को ही सोमवार से लेनदेन जारी रखने की अनुमति होगी. सत्यापन नहीं कराने वालों का क्यूलॉफ खाता पूरी तरह फ्रीज करने का मैसेज भेजा गया है. इस मैसेज के बाद कई निवेशक जहां डूबी रकम को वापस पाने की उम्मीद से कथित केवाईसी सत्यापन कराने के चक्कर में 6-6 हजार जमा करने की तैयारी में हैं. तो वहीं बड़ी संख्या में निवेशक चिंतित हैं और असमंजस में हैं.
महादेव एप्प के बाद अब क्यूलोफ ट्रेडिंग एप्प: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले महादेव सट्टा एप्प का खुलासा हुआ था. उसी तर्ज पर क्यूलॉफ ट्रेडिंग एप्प महिनों से संचालित था, लेकिन आमजन को जागरूक करने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ. किसी यूजर ने भी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि आखिर इसका संचालन कौन कर रहा है? ये लीगल है या नहीं? घर बैठे मुनाफा कमाने चक्कर में बड़े पैमाने पर लोग इसमे फंसते चले गए. चर्चा यह भी है कि क्यूलॉफ महादेव सट्टा का ही चैनल है. वहीं, इस मामले में पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं की गई है.