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शुरू होने के पहले ही खंडहर हो गए हॉस्टल, अब और ढाई करोड़ खर्च कर मरम्मत की तैयारी - KORBA GIRLS HOSTEL

कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल शुरू होने से पहले ही खंडहर हो गया है. वहीं अब और ढाई करोड़ खर्च कर मरम्मत की तैयारी है.

Korba PG Collage hostel DILAPIDATED
कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल हुआ खंडहर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 7, 2024, 4:38 PM IST

Updated : Nov 7, 2024, 4:45 PM IST

कोरबा : जिले के शासकीय इंजीनियर विश्वेश्वरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 9 साल पहले बेटियों के हॉस्टल का निर्माण पूरा कर लिया गया था. 100 सीटर और 50 सीटर गर्ल्स हॉस्टल के साथ ही कॉलेज में 50 सीटर का एक बॉयज हॉस्टल भी बनकर तैयार है. इसमें से एक 100 सीटर हॉस्टल का निर्माण 2018 में पूरा किया गया. कोरबा पीजी कॉलेज के साथ ही जिले के कटघोरा, हरदीबाजार और मिनिमता गर्ल्स कॉलेज में भी गर्ल्स हॉस्टल है.

कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल जर्जर : खासतौर पर कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल ज्यादा पुराना होने के कारण अधिक जर्जर अवस्था में है. इसके निर्माण पर तब लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. हॉस्टल आज तक शुरू ही नहीं हुए, लेकिन इसके पहले ही यह खंडहर होने के कगार पर हैं. अब इसके मरम्मत पर खनिज न्यास मद से ढाई करोड़ रुपए और खर्च किए जाने की तैयारी है. हॉस्टल शुरू कब होगा और कॉलेज में पढ़ने वाली बेटियों को इसका लाभ कब मिलेगा, यह बता पाने की स्थिति में अभी कॉलेज प्रबंधन नहीं है.

कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल का होगा मरम्मत (ETV Bharat)

प्रशासनिक उदासीनता के चलते भवन खंडहर : हॉस्टल के संचालन का पेंच शासन स्तर से भी फंसा हुआ है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह परिस्थितियां निर्मित हुई हैं. शासन स्तर पर हॉस्टल के लिए एक हॉस्टल अधीक्षक का पद जरूर सैंक्शन किया गया है. कोरबा पीजी कॉलेज में उसकी नियुक्ति भी हो चुकी है, लेकिन हॉस्टल का संचालन शुरू नहीं होने की वजह से हॉस्टल वार्डन से क्लर्क का काम लिया जा रहा है.

भवन के मरम्मत में होंगे लाखों रुपए खर्च : शासकीय महाविद्यालय कटघोरा, कोरबा पीजी कॉलेज व हरदीबाजार के छात्रावास को लगभग पांच से 10 साल हो गए हैं. लेकिन भवन के देखरेख के अभाव के कारण यह जर्जर हो चुकी है. खिड़की व दरवाजे टूट गए हैं. कटघोरा महाविद्यालय के भवन का हाल बदहाल हो गया है. ऐसे में इन भवन में छात्रावास शुरू करने से पहले अब मरम्मत करने में करोड़ों रुपए खर्च होंगे.

मरम्मत कराकर हॉस्टल शुरु करने की तैयारी : सरकारी पैसे एक बार निर्माण में लगे और अब हॉस्टल के बिना शुरू हुए ही 2.34 करोड रुपए खनिज न्यास मद से हॉस्टल की मरम्मत के लिए स्वीकृत किए गए हैं. कोरबा पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल की माने तो कलेक्टर से मुलाकात के बाद जर्जर भवन की मरम्मत कार्यों के लिए पैसे स्वीकृत हो चुके हैं. जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. हॉस्टल शुरू होता, इसके पहले ही यह भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है, जिसके लिए अब इसकी मरम्मत की तैयारी की जा रही है.

कॉलेज में तीन हॉस्टल मौजूद हैं. सभी काफी पुराने हो गए हैं, जर्जर अवस्था में है. इसके मरम्मत के लिए कलेक्टर से मिलकर पहल की गई है. पैसों की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. मरम्मत होने के बाद हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इसका संचालन शुरू किया जाए. ताकि छात्रों को हॉस्टल का लाभ मिल सके. : डॉ साधना खरे, प्राचार्य, शासकीय ईवीपीजी लीड कॉलेज कोरबा

जिले के सभी हॉस्टल की हालत खस्ताहाल : कोरबा जिले के सरकारी कॉलेजों में कोरबा पीजी कॉलेज, मिनीमाता, शासकीय कॉलेज कटघोरा में हॉस्टल की बिल्डिंग उपलब्ध है. तीनों स्थानों पर हॉस्टल बनकर तैयार है, लेकिन किसी का भी संचालन शुरू नहीं किया गया है. शासन स्तर पर हॉस्टलों के संचालन को लेकर कोई भी ठोस पहल नहीं की गई. कॉलेज प्रबंधन पत्राचार करते रहते हैं और फाइलें मोटी होती चली जा रही हैं. हॉस्टल का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है. स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक उदासीनता और निष्क्रियता के कारण छात्रों को हॉस्टल का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

स्टूडेंट्स किराए के भवन में रहने को मजबूर : कोरबा पीजी कॉलेज जिले का लीड कॉलेज होने के साथ ही सबसे बड़ा कॉलेज है. यहां लगभग 3 हजार नियमित छात्र अध्ययनरत हैं. कॉलेज परिसर में 150 सीटर गर्ल्स हॉस्टल मौजूद है, लेकिन संचालन नहीं शुरु होने के कारण बेटियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण खासतौर पर ग्रामीण अंचल से शहर आकर उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना देखने वाली बेटियों को मायूस होना पड़ता है.

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कोरबा : जिले के शासकीय इंजीनियर विश्वेश्वरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 9 साल पहले बेटियों के हॉस्टल का निर्माण पूरा कर लिया गया था. 100 सीटर और 50 सीटर गर्ल्स हॉस्टल के साथ ही कॉलेज में 50 सीटर का एक बॉयज हॉस्टल भी बनकर तैयार है. इसमें से एक 100 सीटर हॉस्टल का निर्माण 2018 में पूरा किया गया. कोरबा पीजी कॉलेज के साथ ही जिले के कटघोरा, हरदीबाजार और मिनिमता गर्ल्स कॉलेज में भी गर्ल्स हॉस्टल है.

कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल जर्जर : खासतौर पर कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल ज्यादा पुराना होने के कारण अधिक जर्जर अवस्था में है. इसके निर्माण पर तब लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. हॉस्टल आज तक शुरू ही नहीं हुए, लेकिन इसके पहले ही यह खंडहर होने के कगार पर हैं. अब इसके मरम्मत पर खनिज न्यास मद से ढाई करोड़ रुपए और खर्च किए जाने की तैयारी है. हॉस्टल शुरू कब होगा और कॉलेज में पढ़ने वाली बेटियों को इसका लाभ कब मिलेगा, यह बता पाने की स्थिति में अभी कॉलेज प्रबंधन नहीं है.

कोरबा पीजी कॉलेज का हॉस्टल का होगा मरम्मत (ETV Bharat)

प्रशासनिक उदासीनता के चलते भवन खंडहर : हॉस्टल के संचालन का पेंच शासन स्तर से भी फंसा हुआ है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह परिस्थितियां निर्मित हुई हैं. शासन स्तर पर हॉस्टल के लिए एक हॉस्टल अधीक्षक का पद जरूर सैंक्शन किया गया है. कोरबा पीजी कॉलेज में उसकी नियुक्ति भी हो चुकी है, लेकिन हॉस्टल का संचालन शुरू नहीं होने की वजह से हॉस्टल वार्डन से क्लर्क का काम लिया जा रहा है.

भवन के मरम्मत में होंगे लाखों रुपए खर्च : शासकीय महाविद्यालय कटघोरा, कोरबा पीजी कॉलेज व हरदीबाजार के छात्रावास को लगभग पांच से 10 साल हो गए हैं. लेकिन भवन के देखरेख के अभाव के कारण यह जर्जर हो चुकी है. खिड़की व दरवाजे टूट गए हैं. कटघोरा महाविद्यालय के भवन का हाल बदहाल हो गया है. ऐसे में इन भवन में छात्रावास शुरू करने से पहले अब मरम्मत करने में करोड़ों रुपए खर्च होंगे.

मरम्मत कराकर हॉस्टल शुरु करने की तैयारी : सरकारी पैसे एक बार निर्माण में लगे और अब हॉस्टल के बिना शुरू हुए ही 2.34 करोड रुपए खनिज न्यास मद से हॉस्टल की मरम्मत के लिए स्वीकृत किए गए हैं. कोरबा पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल की माने तो कलेक्टर से मुलाकात के बाद जर्जर भवन की मरम्मत कार्यों के लिए पैसे स्वीकृत हो चुके हैं. जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. हॉस्टल शुरू होता, इसके पहले ही यह भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है, जिसके लिए अब इसकी मरम्मत की तैयारी की जा रही है.

कॉलेज में तीन हॉस्टल मौजूद हैं. सभी काफी पुराने हो गए हैं, जर्जर अवस्था में है. इसके मरम्मत के लिए कलेक्टर से मिलकर पहल की गई है. पैसों की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. मरम्मत होने के बाद हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इसका संचालन शुरू किया जाए. ताकि छात्रों को हॉस्टल का लाभ मिल सके. : डॉ साधना खरे, प्राचार्य, शासकीय ईवीपीजी लीड कॉलेज कोरबा

जिले के सभी हॉस्टल की हालत खस्ताहाल : कोरबा जिले के सरकारी कॉलेजों में कोरबा पीजी कॉलेज, मिनीमाता, शासकीय कॉलेज कटघोरा में हॉस्टल की बिल्डिंग उपलब्ध है. तीनों स्थानों पर हॉस्टल बनकर तैयार है, लेकिन किसी का भी संचालन शुरू नहीं किया गया है. शासन स्तर पर हॉस्टलों के संचालन को लेकर कोई भी ठोस पहल नहीं की गई. कॉलेज प्रबंधन पत्राचार करते रहते हैं और फाइलें मोटी होती चली जा रही हैं. हॉस्टल का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है. स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक उदासीनता और निष्क्रियता के कारण छात्रों को हॉस्टल का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

स्टूडेंट्स किराए के भवन में रहने को मजबूर : कोरबा पीजी कॉलेज जिले का लीड कॉलेज होने के साथ ही सबसे बड़ा कॉलेज है. यहां लगभग 3 हजार नियमित छात्र अध्ययनरत हैं. कॉलेज परिसर में 150 सीटर गर्ल्स हॉस्टल मौजूद है, लेकिन संचालन नहीं शुरु होने के कारण बेटियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण खासतौर पर ग्रामीण अंचल से शहर आकर उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना देखने वाली बेटियों को मायूस होना पड़ता है.

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Last Updated : Nov 7, 2024, 4:45 PM IST
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