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हेल्थ टिप्स : वायरल इंफेक्शन को न लें हल्के में, लक्षण दिखते ही चिकित्सक से लें परामर्श - prevention of Viral Infection

प्रदेश में तापमान में बदलाव हो रहा है. इस कारण मौसमी बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ने लगा है. चिकित्सकों का कहना है कि हल्की खांसी-जुखाम को हल्के में न लेकर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. आइए जानते हैं क्या हैं इन्फ्लूएंजा के समान लक्ष्ण और कैसे बदलते मौसम में इससे बच सकते हैं.

Symptoms and prevention of Viral Infection
Symptoms and prevention of Viral Infection
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 17, 2024, 6:25 PM IST

जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता

अजमेर. बदलते मौसम के साथ ही बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं. वायरल के प्रकोप से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हर घर तक वायरल पहुंच गया है. खास बात यह है कि यह कोई साधारण वायरल नहीं है. इन्फ्लूएंजा के समान इसके लक्षण मरीज में प्रतीत होते हैं, लेकिन मरीज में इसका असर 4-5 दिन नहीं बल्कि 2 सप्ताह तक हो रहा है. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि इस वायरल को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डॉ. गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण रेस्पिरेटिव इंफेक्शन ज्यादा देखने को मिल रहा है. वायरल इंफेक्शन 3 दिन या 5 दिन असर करता है. इसके बाद मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन यह इन्फेक्शन लंबे समय तक असर कर रहा है. उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक मरीज को खांसी के साथ जुकाम रहता है और कफ बनने की शिकायत होती है. कई लोगों को घबराहट, उल्टी से मन करना, सिर दर्द और पेट में दर्द में शिकायत होती है. इसके अलावा कई मरीजों में साइनोसाइटिस के लक्षण भी नजर आ रहे हैं. वायरस के साथ इसमें टिपिकल बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की भी संभावना रहती है. ऐसे लक्षण प्रतीत होने पर समय रहते अपने चिकित्सक से संपर्क कर उपचार शुरू कर लेना चाहिए. इस वायरस से हर उम्र के लोग चपेट में आ रहे हैं.

पढ़ें. भरतपुर में बढ़े मौसमी बीमारियों के मरीज, अस्पताल के आउटडोर और इनडोर फुल

एक को होने पर अन्य सदस्य भी आ रहे हैं चपेट में : जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि परिवार में किसी एक सदस्य को इन्फेक्शन होता है तो अन्य सदस्य भी उसकी चपेट में आ जाते हैं. डॉ. गुप्ता ने बताया कि इंफेक्शन किसी और को न लगे, इसलिए मरीज को खांसते और छींकते हुए मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए. घर और कार्यस्थल पर अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखें. साथ ही मास्क लगाकर रहें. उन्होंने बताया कि इस वायरस का कोरोना से कोई लिंक नहीं है. जिस प्रकार कोरोना वायरस उसी प्रकार यह भी वायरस है. इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस होने की संभावना ज्यादा है. निमोनिया के मामले भी सामने आ रहे हैं. खासकर गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगियों, बुजुर्ग और बच्चों को इससे बचने के लिए विशेष सावधानी रखें.

ज्यादा ठंडा पेय पदार्थ का सेवन न करें: इंफेक्शन होने पर इसको बिल्कुल भी हल्के में न लें. चिकित्सक की सलाह से दवाइयां समय पर लें और गर्म पानी पिएं. ज्यादा ठंडा पानी या अन्य पेय पदार्थ और ठंडा खाद्य पदार्थ न लें. इससे तकलीफ और बढ़ सकती है. इससे कफ में बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही निमोनिया की भी शिकायत हो सकती है. इसके अलावा सर्दी से खुद को बचाकर रखें.

जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता

अजमेर. बदलते मौसम के साथ ही बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं. वायरल के प्रकोप से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हर घर तक वायरल पहुंच गया है. खास बात यह है कि यह कोई साधारण वायरल नहीं है. इन्फ्लूएंजा के समान इसके लक्षण मरीज में प्रतीत होते हैं, लेकिन मरीज में इसका असर 4-5 दिन नहीं बल्कि 2 सप्ताह तक हो रहा है. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि इस वायरल को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डॉ. गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण रेस्पिरेटिव इंफेक्शन ज्यादा देखने को मिल रहा है. वायरल इंफेक्शन 3 दिन या 5 दिन असर करता है. इसके बाद मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन यह इन्फेक्शन लंबे समय तक असर कर रहा है. उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक मरीज को खांसी के साथ जुकाम रहता है और कफ बनने की शिकायत होती है. कई लोगों को घबराहट, उल्टी से मन करना, सिर दर्द और पेट में दर्द में शिकायत होती है. इसके अलावा कई मरीजों में साइनोसाइटिस के लक्षण भी नजर आ रहे हैं. वायरस के साथ इसमें टिपिकल बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की भी संभावना रहती है. ऐसे लक्षण प्रतीत होने पर समय रहते अपने चिकित्सक से संपर्क कर उपचार शुरू कर लेना चाहिए. इस वायरस से हर उम्र के लोग चपेट में आ रहे हैं.

पढ़ें. भरतपुर में बढ़े मौसमी बीमारियों के मरीज, अस्पताल के आउटडोर और इनडोर फुल

एक को होने पर अन्य सदस्य भी आ रहे हैं चपेट में : जेएलएन अस्पताल में अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता बताते हैं कि परिवार में किसी एक सदस्य को इन्फेक्शन होता है तो अन्य सदस्य भी उसकी चपेट में आ जाते हैं. डॉ. गुप्ता ने बताया कि इंफेक्शन किसी और को न लगे, इसलिए मरीज को खांसते और छींकते हुए मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए. घर और कार्यस्थल पर अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखें. साथ ही मास्क लगाकर रहें. उन्होंने बताया कि इस वायरस का कोरोना से कोई लिंक नहीं है. जिस प्रकार कोरोना वायरस उसी प्रकार यह भी वायरस है. इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस होने की संभावना ज्यादा है. निमोनिया के मामले भी सामने आ रहे हैं. खासकर गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगियों, बुजुर्ग और बच्चों को इससे बचने के लिए विशेष सावधानी रखें.

ज्यादा ठंडा पेय पदार्थ का सेवन न करें: इंफेक्शन होने पर इसको बिल्कुल भी हल्के में न लें. चिकित्सक की सलाह से दवाइयां समय पर लें और गर्म पानी पिएं. ज्यादा ठंडा पानी या अन्य पेय पदार्थ और ठंडा खाद्य पदार्थ न लें. इससे तकलीफ और बढ़ सकती है. इससे कफ में बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही निमोनिया की भी शिकायत हो सकती है. इसके अलावा सर्दी से खुद को बचाकर रखें.

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