देहरादून: उत्तराखंड में दोनों विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का रिल्जट आ गया है. दोनों ही सीटें हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा और चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. ये दोनों सीटें कांग्रेस के पास गई है. बदरीनाथ विधनासभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोली जीते हैं, तो वहीं मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने अपनी जीत दर्ज कराई हैं. आखिर क्या कारण है कि सरकार में होते हुए भी बीजेपी इन दोनों सीटों पर हार गई. ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने कुछ एक्सपर्ट से बात की और उसका कारण जाना.
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand: On Congress leading in bypolls of Badrinath and Manglaur seats, party leader Harish Rawat says, " ...we are going to have a good win...people have given strength to congress and also reply to bjp's hooliganism...they (bjp) started something that… pic.twitter.com/tczYrLA45H
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 13, 2024
मंगलौर विधानसभा सीट: हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था. करतार सिंह भड़ाना की सीधी टक्कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता काजी निजामुद्दीन से थी. इस सीट पर आखिर राउंड तक दोनों प्रत्याशियों करतार सिंह भड़ाना बीजेपी और काजी निजामुद्दीन कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिली है, लेकिन आखिर में काजी निजामुद्दीन 449 वोटों से जीत गए, जो बीजेपी के लिए बड़ा झटका है.
बद्रीनाथ की जनता का मैं बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं... तमाम लोग जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से न्याय की इस लड़ाई में मेरा साथ दिया है, उन्हें इसका श्रेय जाता है। pic.twitter.com/gpoZEgDQMS
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) July 13, 2024
बदरीनाथ विधानसभा सीट: चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यहां बीजेपी ने कांग्रेस के बागी नेता राजेंद्र भंडारी पर ही भरोसा जाता था. वहीं, कांग्रेस ने लखपत बटोला को मैदान में उतारा था, लेकिन यहां भी बीजेपी की रणनीति फेल हो गई और कांग्रेस ने लखपत बटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को हरा दिया.
#मंगलौर_विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी @qazinizamuddin जी को उपचुनाव में जीत दर्ज करने पर बहुत-बहुत मुबारकबाद एवं बधाई….
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) July 13, 2024
तानाशाहियों के खिलाफ मंगलौर की सम्मानित जनता ने वोट किया और हमे जीत दिलाई इसके लिए आप सभी का का बहुत-बहुत धन्यवाद।।@INCIndia pic.twitter.com/zSx3kvuIxO
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए थे शामिल: बता दें कि राजेंद्र भंडारी ने लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़ा था और बीजेपी में शामिल हुए थे. इसी वजह से राजेंद्र भंडारी की विधायकी गई थी और बदरीनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी, जिस पर 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे, जिसका परिणाम आज 13 जुलाई को आया है.
#WATCH | On By-election result, Congress leader Harish Rawat says, " it is a victory of the morale of the people. the government showed its autocratic face and showed force...bjp's days have gone..." pic.twitter.com/ev1IqNBkKu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 13, 2024
गौरतलब हो कि 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को हराया था. इसीलिए बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हराना बीजेपी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
सत्ता में होते हुए भी बीजेपी कैसे इन दोनों सीटों पर हार गई, ये बीजेपी के लिए बड़ी चिंता का विषय है. क्योंकि बीजेपी को पूरी उम्मीद थी कि वो दोनों सीटें जीतेगी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटें जीती थी, जिस कारण बीजेपी का आत्मविश्वास काफी ऊंचा था.
इस बारे में जब उत्तराखंड की राजनीति की बारीकि से समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अपने गृह क्षेत्र बदरीनाथ में नहीं रहे. इसके अलावा बदरीनाथ में बीजेपी प्रत्याशी चुनने में भी धोखा खा गई. बदरीनाथ सीट पर बीजेपी की हार का ये एक बड़ा कारण रहा. जबकि कांग्रेस ने बड़ी रणनीति के तहत चुनाव लड़ा है.
वहीं, मंगलौर विधानसभा सीट को लेकर वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि यहां से बीजेपी ने हरियाण के पूर्व मंत्री और यूपी के पूर्व विधायक करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था. करतार सिंह भड़ाना ने कांग्रेस और बसपा का खेल तो बिगड़ा, लेकिन अंतिम राउंड में आकर काजी निजामुद्दीन ने उन्हें पटकनी दे दी. यहां कुल मिलाकर देखा जाए तो काजी निजामुद्दीन का पलटा भारी रहा.
मंगलौर विधानसभा सीट पर कभी नहीं जीती बीजेपी: वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड के इतिहास में अब तक जीतने भी चुनाव हुए हैं, उसमें बीजेपी कभी भी मंगलौर विधानसभा सीट नहीं जीती है. मंगलौर में हमेशा बीजेपी तीसरे नंबर पर रही है, लेकिन इस बार मंगलौर विधानसभा सीट पर भी बीजेपी दूसरे नंबर रही. इसे भी बीजेपी अपनी जीत की तरह ही देखेंगी.
मंगलौर विधानसभा सीट पर 61,000 मुस्लिम वोटर है और वहां बीजेपी को दूसरे नंबर पर आना बड़ी बात है. कांग्रेस के लिए अच्छी बात ये है कि विधानसभा में वो और मजबूत हुई है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत है.
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