शिमला: दिवाली खुशियों और त्योहार है. हर साल दिवाली पर लोग अपने घरों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं. वहीं, पूजा के बाद परिवार के सदस्य साथ में आतिशबाजी कर खुशियां मनाते हैं, लेकिन इसी के साथ कई बार पटाखों से लोगों के जलने की खबर सामने आती है. ऐसे में आतिशबाजी करते समय जरूर सावधानी बरतें और फिर भी पटाखों से किसी का स्किन जल जाए तो उसे फर्स्ट एड दें. ऐसे में आइए जानते हैं कि जलने पर डॉक्टर क्या करने की सलाह देते हैं?
दिवाली पर हर साल पटाखों से जलने के मामले सामने आते हैं. ऐसे में हम सुरक्षित दिवाली कैसे मनाए और यदि पटाखे जलाते समय कोई जल जाए तो क्या करें? स्किन बर्न होने पर कैसे प्राथमिक उपचार करना चाहिए इसे लेकर ईटीवी भारत ने आईजीएमसी शिमला में मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विमल भारती से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा पटाखे जलाते समय हमेशा सावधानी बरते.
डॉ. विमल भारती ने कहा, "पटाखे से जलने से दो तरह की इंजरी होती है. एक माइनर इंजरी और एक गंभीर इंजरी. लेकिन जब भी पटाखे से हमारे हाथ और आंख जल जाए तो सबसे पहले पानी का इस्तेमाल करें. जले हुए जगह को पानी से धोएं. पुराने समय में घी लगाना हल्दी लगाना का प्रयोग करते थे लेकिन इनसे बचना चाहिए और तुरंत प्राथमिक उपचार के तौर पर पानी से ही धोना चाहिए. जिससे हमारी जलन थोड़ी कम होगी और यदि ज्यादा जल जाए तो मरीज को जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए".
डॉ. विमल भारती ने कहा, "कई बार फुलझड़ी या बम से बड़ों और बच्चों की त्वचा जल जाती है. इतना ही नहीं सांस के मरीजों को भी पटाखे जलने से निकलने वाले धुएं से काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में पटाखों को भीड़भाड़ वाली जगहों और घर से दूर ही जलाएं. पटाखों की आवाज से दिल के मरीजों को भी परेशानी हो सकती है. पटाखे जलाते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें. ताकि खुशियों की दिवाली किसी के लिए नुकसान की वजह न बन जाए".
पटाखों से त्वचा जलने पर क्या करें और क्या न करें
- त्वचा के जल जाने पर कई लोग जलन से बचने के लिए बर्फ का सहारा लेते हैं. यह बात सही है कि बर्फ की सिकाई से जलन खत्म हो जाएगी, लेकिन बर्फ उस स्थान पर खून को जमा सकती है, जिससे आपका रक्त संचार प्रभावित हो सकता है.
- बर्फ की सिकाई करने पर फफोले पड़ने की संभावना कम नहीं होती, बल्कि इससे आपकी परेशानी बाद में बढ़ सकती है. इसलिए सावधानी जरूर बरतें.
- कभी भी जले हुए स्थान पर कॉटन का प्रयोग, मक्खन या मलहम को तुरंत लगाने से बचें. वहीं, फफोले पड़ने पर उन्हें फोड़ने की गलती बिल्कुल न करें. इससे संक्रमण फैल सकता है और तकलीफ बढ़ सकती है.
- अत्यधिक जल जाने पर घर पर उपचार आजमाने के बजाए तुरंत पीड़ित को अस्पताल लेकर जाएं. जले हुए स्थान पर अगर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे उतारें नहीं, इससे त्वचा के निकलने का खतरा होता है.
- अत्यधिक जले हुए मरीज को एक साथ पानी मत दीजिए, बल्कि ओआरएस का घोल पिलाइए. क्योंकि जलने के बाद आदमी की आंत काम करना बंद कर देती है और पानी सांस नली में फंस सकता है, जो कि जानलेवा हो सकता है.
पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ख्याल और स्किन बर्न होने पर ये करें
- 10 साल से कम आयु के बच्चों के साथ पटाखे चलाते समय स्वयं खड़े रहें.
- पटाखे चलाते समय आंखों और हाथ का खास ख्याल रखें. पटाखों से सबसे अधिक नुकसान आंखों को होता है.
- यदि पटाखे से हाथ जल जाए तो तुरंत ठंडे पानी में हाथ डाल दें.
- पटाखे से जले स्थान पर आटे का लेप बनाकर लगाएं.
- टूथपेस्ट जले पर एंटीबायोटिक काम करता है, पेस्ट लगाना भी अच्छा रहता है.
- यदि बर्फ हो तो तुरंत उसे जले पर लगा दें, इससे भी जले हुए स्थान पर ठंडक रहती है.
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