हिसार: हिसार में शनिवार को किसानों की महापंचायत है. इसमें हजारों की तादाद में किसान शामिल होंगे. इस महापंचायत में किसान संगठन कई खास मुद्दों पर मंथन करेंगे. इसकी जानकारी भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौथ ने दी.
शनिवार को किसानों की महापंचायत: हिसार के जाट धर्मशाला में सुरेश कौथ ने प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को नई कृषि उपज विपणन नीति भेजी है. ये वही तीन काले कानून हैं, जिनका किसानों ने विरोध किया है. केंद्र सरकार घुमा-फिराकर और नाम बदलकर फिर से इन काले कानूनों को किसानों पर थोपना चाहते हैं, लेकिन किसान ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे. इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं. 4 जनवरी को टोहाना में किसानों की एक महापंचायत आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रदेश भर के हजारों किसान हिस्सा लेंगे. इस दौरान कई खास मुद्दों पर चर्चा होगी.
कृषि को मनरेगा से जोड़ा जाए: सुरेश कौथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब तीन काले कानून वापस लिए थे. उस समय किसानों से ये अपील की थी कि मेरे से ही कोई गलती हो गई शायद. अब आप घर लौट जाएं, जो भी आपकी बची हुई मांगें हैं, उनको संज्ञान में लेकर पूरा किया जाएगा. तो अब समय आ गया है किसानों की लंबे समय से चली आ रही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का. यानि कि लागत का डेढ़ गुणा भाव और किसानों के सभी कर्ज माफ करना. इसके साथ ही सुरेश कौथ ने मनरेगा मजदूर को कृषि से जोड़ने की मांग भी प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि कृषि को भी मनरेगा मजदूर की श्रेणी से जोड़ा जाए.
खनौरी बार्डर और देश के अन्य हिस्सों मेंं जहां भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. हम उनसे दूर नहीं हैं. सरकार समय रहते किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सुध ले और किसानों से बात करे. नहीं तो किसानों का यह आंदोलन बड़ा रूप लेगा. भारतीय किसान मजदूर यूनियन तन-मन-धन से आंदोलन में साथ है. -सुरेश कौथ, प्रदेशाध्यक्ष, भारतीय किसान मजदूर यूनियन
किसानों की अनदेखी कर रही सरकार: प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता जोगेंद्र मैयड़ ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की अनदेखी करके बड़ी गलती कर रही है. अपने खून-पसीने से देश का पेट भरने वाला किसान सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण भूखा मरने की कगार पर है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. केंद्र सरकार को अपना रवैया बदलते हुए तुरंत किसानों के हक में स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने सहित अन्य मांगे पूरी करनी चाहिए.
बता दें कि 4 जनवरी को किसानों का महापंचायत हिसार है. इसमें हिसार से ही हजार किसान हिस्सा लेंगे. इस दौरान ये किसान कई मुद्दों पर खास चर्चा करेंगे.
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