जयपुर : भजनलाल सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने एक बार फिर सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है. उन्होंने छह पन्नों का एक शिकायत पत्र गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम को देकर DoIT में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और दस मामलों में एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है. किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने DoIT में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. उसी समय योजना भवन स्थित DoIT विभाग के बेसमेंट से 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलो सोना मिला था. उन्होंने कहा कि कम से कम दस मामले ऐसे हैं, जिनमें पहले कभी एफआईआर नहीं हुई. उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है.
किरोड़ीलाल मीणा ने पत्र में बताया कि एक फर्म द्वारा ईपीडीएस प्रोजेक्ट में उदयपुर जिला रसद अधिकारी के फर्जी दस्तखत कर फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया है. जबकि एक अन्य फर्म द्वारा ईपीडीएस प्रोजेक्ट के तहत टोंक जिला रसद अधिकारी के फर्जी दस्तखत कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए DoIT से करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया है.
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फर्जी दस्तावेज से टेंडर, करोड़ों का भुगतान : किरोड़ीलाल मीणा ने आरोप लगाया कि राजस्थान अकाउंटेबिलिटी एश्योरेंस सर्विस प्रोजेक्ट के तहत एक फर्म ने फर्जी दस्तावेजों से टेंडर हासिल कर करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया है. वहीं, एक अन्य फर्म ने भी फाईबर ऑप्टिक केबल प्रोजेक्ट में फर्जी दस्तावेज से टेंडर हासिल कर करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि DoIT के दो अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों से एक फर्म को एक टेंडर दिया गया. एक अन्य प्रोजेक्ट में इस फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. लेकिन अधिकारी फर्म को बार-बार कार्यादेश देते रहे.
पुलिस मुख्यालय से भी हासिल किया टेंडर : किरोड़ीलाल मीणा का आरोप है कि इसी तरह एक फर्म द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पुलिस मुख्यालय से एक टेंडर हासिल किया गया. जबकि फूड एंड सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन से भी फर्म द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर हासिल किया गया. उन्होंने DoIT के एक पूर्व अतिरिक्त निदेशक पर दस्तावेजों में कांटछांट कर निजी फर्मों को करोड़ों रुपए फर्जी तरीके से दिलवाने का भी आरोप लगाया है.
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पत्नी के खाते और कंपनी में ली रिश्वत : इसके साथ ही किरोड़ीलाल मीणा ने DoIT के एक पूर्व जॉइंट डायरेक्टर पर सात साल तक अपनी पत्नी के खाते में रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि दस्तावेजों में इसका सबूत है. जबकि DoIT के एक अन्य जॉइंट डायरेक्टर के द्वारा अपनी पत्नी की कंपनी में भी रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जिन फर्मों को टेंडर दिए गए. उनसे इस कंपनी में रिश्वत के तौर पर रुपए लिए गए.
छह प्रोजेक्ट में 3500 करोड़ के घपले : इस पत्र में डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने आरोप लगाया कि DoIT की विभिन्न योजनाओं में बड़े-बड़े अधिकारियों द्वारा 3500 करोड़ रुपए के घोटाले किए गए. इस संबंध में एसीबी में दो परिवाद भी दर्ज किए गए. एसीबी ने कांग्रेस सरकार में जांच की स्वीकृति मांगी थी. लेकिन सरकार ने मेनपावर घोटाले, राजनेट प्रोजेक्ट, वीडियो वॉल, ई मित्र एवं मशीन घोटाला, डिजिटल पेमेंट किट, माइक्रो एटीएम मशीन, ई-साइन, वाइल्ड लाइफ सर्विलांस घोटाला और फाइबर ऑप्टिक केबल घोटाले में जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.