मंडी: हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली फोरलेन की कटिंग का नतीजा मंडी की जनता को लगातार झेलना पड़ रहा है. इस कटिंग के चलते जहां चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर गुजरने वाले वाहन चालकों को हर समय मौत के साए से होकर गुजरना पड़ रहा है. वहीं, मंडी शहर के साथ लगते लोगों के घरों पर भी इस कटिंग का असर साफ दिख रहा है.
पुराना मकान गिरा, नए पर मंडराया खतरा
मंडी शहर के साथ लगते जरली गांव के देवी चंद ने फोरलेन निर्माण के लिए अपनी कुछ भूमि एनएचएआई को दी, लेकिन जब यहां पर कटिंग की गई तो यह सीधी 90 डिग्री एंगल वाली कर दी गई. इस कारण पहाड़ी पर बने देवी चंद के नए और पुराने घर पर खतरा मंडराने लग गया. बीती 6 फरवरी को देवी चंद का तीन कमरों वाला पुराना मकान इस कटिंग के कारण ध्वस्त हो गया. वहीं, अब नए मकान पर भी खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं.
मजबूरन किराए के घर में रहना पड़ रहा
देवी चंद ने बताया कि उसके नए घर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. जिस कारण उसे अपना घर खाली करके किराए के घर में रहना पड़ रहा है. देवी चंद ने बताया कि वह साल 2022 से डीसी मंडी, एसडीएम सदर और एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पास कई बार गुहार लगाने गया, लेकिन कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
जमीन और मुआवजे की मांग
देवी चंद ने सरकार, एनएचएआई और प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसे जमीन के बदले जमीन और घर के बदले मुआवजा अदा किया जाए. देवी चंद का कहना है कि राष्ट्र निर्माण के लिए उसने अपनी नीजि भूमि एनएचएआई को दी. जिसके बदले उसे मुआवजा भी मिला, लेकिन किस कानून में ऐसा लिखा है कि इस तरह से काम किया जाए कि साथ लगती जमीन और घर पर भी खतरा मंडराने लग जाए. अगर एनएचएआई ने पहले स्टेप वाईज कटिंग की होती तो आज यह नौबत नहीं आती.
कमेटी के पास मामला विचाराधीन
वहीं, जब इस बारे में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके ध्यान में है. ऐसे मामलों के लिए जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है और यह देवी चंद का मामला भी इसी कमेटी के पास विचाराधीन है. एसडीएम सदर ने नुकसान का आंकलन कर लिया है और जल्द ही पीडब्ल्यूडी से भी आंकलन करवाकर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.