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Kiran Choudhary Interview: बीजेपी में जाने के बाद किरण चौधरी का हमला, कांग्रेस वेंटिलेटर पर है, भूपेंद्र हुड्डा षडयंत्र करते हैं - Kiran Choudhary on Congress

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 26, 2024, 6:07 PM IST

Kiran Choudhary Interview: कांग्रेस वेंटिलेटर पर है. इसका कुछ नहीं हो सकता. भूपेंद्र हुड्डा षडयंत्र करते हैं. प्रभारी बाबरिया उनका डिक्टेशन लिखते हैं. ये बयान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व मंत्री किरण चौधरी का है. ईटीवी भारत ने किरण चौधरी से कई मामलों को लेकर बातचीत की.

Kiran Choudhary on Congress
किरण चौधरी (Photo- ETV Bharat)

किरण चौधरी से ईटीवी भारत की बातचीत (वीडियो- ईटीवी भारत)

चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में इन दिनों जिस शख्सियत को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है वो हैं कांग्रेस छोड़कर हाल में बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व मंत्री किरण चौधरी. किरण चौधरी करीब चार दशक तक कांग्रेस के साथ रहीं. किरण चौधरी के साथ उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने भी बीजेपी का दाम थामा है. बीजेपी में शामिल हुईं किरण चौधरी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. ईटीवी भारत से बातचीत में किरण चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सहित बड़े प्रमुख नेताओं पर निशाना साधा.

सवाल- आप बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी की पहली बड़ी बैठक में शिरकत कर चुकीं हैं. कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद खुद को कैसे देखती हैं.

जवाब- मुझे बड़ा सहज महसूस हो रहा है. बिल्कुल ऐसे नहीं लगा कि किसी अनजान जगह में आ गई हूं. क्योंकि जिस मान सम्मान के साथ मुझे लाया गया है, सारे के सारे कार्यकर्ताओं, चाहे आरआरएस के हों या बीजेपी के, सभी ने जिस तरह मेरा स्वागत किया है, तो मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने घर में ही हूं. में सोच भी नहीं सकती थी कि पूर्व सीएम मनोहर लाल, सीएम नायब सैनी और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इतना सम्मान देगा.

सवाल- बीजेपी संगठन की पार्टी है, जबकि हरियाणा कांग्रेस एक दशक से संगठन का इंतजार कर रही है, क्या कहेंगी?

जवाब- हरियाणा कांग्रेस अब वेंटिलेटर पर आ गई है. कोई संगठन नहीं है. सब मनमर्जी है. मनमर्जी इस तरह की है कि जो हमारे प्रतिद्वंदी हैं उनको किस तरह से खत्म किया जाए. जब एक दूसरे को खत्म करने आप लग जाते हैं तो आपकी बढ़ोतरी कभी हो ही नहीं सकती. संगठन कभी भी नहीं बना पाए क्योंकि आज के दिन जो पदों पर बैठे हैं ये उनके कारण हुआ है. क्योंकि वह चाहते ही नहीं है कि संगठन बने.

मसलन अगर अब इनका संगठन बनता है तो इनके लिए राह आसान नहीं होगी. क्योंकि हर एक से कुछ ना कुछ वादा किया हुआ है. वो जो बना गया ठीक है, जो नहीं बना वो फिर दूसरी कार्रवाई शुरू करेगा. इसी तरह इन्होंने एमएलए के लिए किया है, ऐसे लोगों को पार्टी में वापस ले लिए हैं जो कांग्रेस के खिलाफ लड़े थे. कांग्रेस के खिलाफ जिन्होंने काम किया था. इन्होंने ही उनको चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस ले लिया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी कैसे आगे बढ़ सकती है.

सवाल - भूपेंद्र हुड्डा कहते हैं इतने नेताओं को शामिल कर लिया. क्या वह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुसीबत खड़ी करेंगे?

जवाब- निश्चित तौर पर. इन्होंने खुद उनको निर्दलीय चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस कर लिया. जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ काम किया. इनके बेटे ने जो हर जगह जाकर पांच-पांच उम्मीदवार तैयार किए हैं, टिकट तो एक को मिलेगी, बाकी जो चार हैं इधर-उधर भागेंगे. क्योंकि उनकी महत्वकांक्षाएं आपने बढ़ा दी है. वे फिर इनको गली देंगे क्योंकि इन्होंने वादा किया है.

सवाल - जब कांग्रेस में इतना कुछ चल रहा है, तो क्या आपने हाईकमान से बात की?

जवाब- मैने स्पष्ट तरीके से कहा. मैं बेबाक तरीके से अपनी बात करती हूं. मैंने उस समय कह दिया था कि उम्मीदवार का बहुत गलत तरीके से चयन हुआ है. यह उम्मीदवार सही तरीके से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. जो चुनाव लड़ता है वो उम्मीदवार सबके सामने हाथ जोड़ता फिरता है. यह उम्मीदवार (यानी राव दान सिंह) तो ऐसे थे जो पूछ ही नहीं रहे थे. नतीजा ये हुआ कि हम तो कुमारी सैलजा जी के प्रचार में जुट गए. भारी मतों से वे जीतकर आई हैं. जो उम्मीदवार अपने ही विधानसभा क्षेत्र जहां से हारे, अपने बूथ से हारे, अपने जिले से हारे, अपने मामा के गांव से हारे, तो आप उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं. ये तो हमारे क्षेत्र के लोगों ने उनको भारी संख्या में वोट किया, नहीं तो उनकी जमानत जब्त हो जाती.

सवाल- लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर, आप, कुमारी सैलजा और कैप्टन अजय यादव सवाल उठाते रहे हैं, क्या ये बात हाईकमान को पता नहीं थी. क्योंकि हुड्डा जी कहते हैं टिकट देना हाईकमान का काम है?

जवाब- नहीं यह झूठ बोलते हैं. हाईकमान के सामने बहुत सारी बातें रखी गई थी. हाईकमान ने भी रखी थी. लेकिन ये षडयंत्र करते हैं. जिस तरह की बातें करते हैं, गारंटी दी, नीचे जाकर लेट गए. कई तरह की बातें हाईकमान के सामने रखी. दबाव की राजनीति के तहत ब्लैकमेल की राजनीति करते हैं. वह करके इन्होंने अपनी मनमर्जी की. क्योंकि ये चाहते थे कि सिर्फ एक सीट कांग्रेस को मिले.

भूपेंद्र हुड्डा ने समझौता किया हुआ है. यह मैं ही नहीं कह रही, सब यह बात जानते हैं, एक सीट के लिए सारी जगह सेटिंग की. बाकी जो सीट कांग्रेस को मिली यह भी लोगों ने दे दी. क्योंकि लोग इन उम्मीदवारों को जिताना चाहते थे. इसलिए पांच सीट पार्टी जीती. कोई यह कहे हम इतनी सीट जीतकर आए हैं, यह अपने आप से ही झूठ बोल रहे हैं.

सावल- आपने कहा है कि श्रुति चौधरी का नाम सर्वे में सबसे ऊपर था, क्या ऐसा अन्य सीटों पर भी हुआ होगा, क्या लगता है आपको?

जवाब- पूरी तरह से. यह तो साजिश करने के मास्टर हैं. राज्यसभा सीट के चुनावों में इन्होने साजिशें की हुई हैं. हर चीज में साजिश ही साजिश है. साजिश अगर सीखनी है तो साजिश में इनकी मास्टरी है. सर्वे के कोई मायने नहीं. जब सर्वे करवा लिया, या तो पार्टी ने सर्वे ना करवाया होता. महेन्द्रगढ़ का मुझे मालूम है बाकी जगह का नहीं मालूम. जैसे महेंद्रगढ़ मैं हुआ ऐसा ही गुरुग्राम में भी हुआ होगा. वहां पर बाहरी उम्मीदवार लाने का क्या मतलब था. सच्चाई यह है कि दस साल से कैप्टन अजय यादव वहां ईमानदारी से काम कर रहे थे.

सवाल- क्या यही फरीदाबाद और करनाल सीट पर भी हुआ?

जवाब- बिल्कुल. हमें तो अब किसी बात का दुख नहीं है. हमने तो इनके सामने मुखर होकर लड़ाई लड़ी. लेकिन जो इनके अपने आदमी थे. उनके साथ भी गलत किया. कुलदीप शर्मा के बेटे उनके साथ क्या किया. ज्यादती की है. जिसको दो साल पहले कहा था कि तेरे को चुनाव लड़वायूंगा, फिर उसको ना लड़वाया जाए. उस बच्चे का तो इन्होंने कैरियर खराब कर दिया. सिर्फ इसलिए कि मेरे लड़के के सामने कोई एजुकेटेड लड़का ना आ जाए. इसी तरह इनके समधी करण दलाल जी. उनका भी आखिरी वक्त पर टिकट काट दिया.

सावल- यह सब बातें हैं तो क्या हरियाणा में प्रभारी अपना रोल नहीं निभा पा रहे हैं?

जवाब- प्रभारी भी इसमें पूरी तरह इनके साथ संलिप्त थे. प्रभारी इनके साथ हैं. इनके बगैर एक पत्ता नहीं हिल सकता. जो ये कहेंगे प्रभारी वह डिक्टेशन लेकर लिखेंगे.

सवाल- कांग्रेस के लोकसभा सांसद जेपी ने महिलाओं के विरासत संभालने को लेकर सवाल उठाया था, क्या कहेंगी इस पर आप?

जवाब- उनके बारे में सभी जानते हैं. जो बिगड़े बोल उनके निकलते हैं, ये हालत इसी कारण से है. महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. वह भी आजकल के जमाने में, जब महिलाएं चांद पर जा चुकी हैं. जिनसे टिकट लेकर आए हैं. नेहरू जी की विरासत इंदिरा गांधी ने संभाली. राजीव जी के जाने के बाद सोनिया जी ने संभाली. वो लॉग सर्विंग कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं. अच्छा काम किया. यो जो व्यक्ति अपने ही नेताओं के लिए इस तरह की सोच रखता है, तो मैं तो फिर कोई चीज ही नहीं हूं.

सवाल- यह बात उठती है कि राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की हार का बदला पार्टी ने आप से लिया?

जवाब- यह षडयंत्र पूरी तरह से इनका था. यह षडयंत्र एक बार नहीं इन्होंने बार-बार किया. 2004 में मेरे साथ किया. 2016 में आर के आनंद के साथ जब स्याही कांड किया. उस स्याही कांड की वजह से चुनाव आयोग को अपने नियमों में लिखना पड़ा कि वहां जो पेन होगा वो इलेक्शन कमीशन का आदमी देगा। वह भी पूरा का पूरा षडयंत्र इनका था. इन जनाब (बिना नाम लिए हुड्डा) का नाम भी उसमें आता है हमने तो यह बातें कभी करी नहीं। इसमें यानी मकान के चुनाव में भी पूरा षडयंत्र इनका था। क्योंकि यह अजय माकन को जीतते नहीं देखना चाहते थे। क्योंकि अजय माकन का केंद्रीय नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। राहुल गांधी के साथ उनका उठना बैठना है। इनकी असलियत वहां तक पहुंच जाती, तो यह षडयंत्र उनके साथ भी किया।मुझे फसाने की कोशिश की.

सवाल - कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं आपके बीजेपी में जाने के पीछे कोई सेटिंग हुई है?

जवाब- उदयभान जी क्या आरोप लगाएंगे।उनकी हिस्ट्री के बारे में कौन नहीं जानता। उनके बारे में क्या बार बार रिपीट करूं सब जानते हैं। क्या उनकी विरासत है कहां से यह तक पहुंचे हैं। कांग्रेस से लड़े, फिर निर्दलीय लड़े, फिर चौटाला से लड़े, यह सारी जगह घूमकर आए हैं। यह क्या आरोप लगाएंगे। यह वह काम करेंगे सिर्फ जिसकी डिक्टेशन हुड्डा से मिलेगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में तीन 'लाल' परिवार हुए 'भगवा', कांग्रेस को झटका देकर बंसीलाल की बहू किरण चौधरी भी BJP में शामिल
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किरण चौधरी से ईटीवी भारत की बातचीत (वीडियो- ईटीवी भारत)

चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में इन दिनों जिस शख्सियत को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है वो हैं कांग्रेस छोड़कर हाल में बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व मंत्री किरण चौधरी. किरण चौधरी करीब चार दशक तक कांग्रेस के साथ रहीं. किरण चौधरी के साथ उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने भी बीजेपी का दाम थामा है. बीजेपी में शामिल हुईं किरण चौधरी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. ईटीवी भारत से बातचीत में किरण चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सहित बड़े प्रमुख नेताओं पर निशाना साधा.

सवाल- आप बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी की पहली बड़ी बैठक में शिरकत कर चुकीं हैं. कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद खुद को कैसे देखती हैं.

जवाब- मुझे बड़ा सहज महसूस हो रहा है. बिल्कुल ऐसे नहीं लगा कि किसी अनजान जगह में आ गई हूं. क्योंकि जिस मान सम्मान के साथ मुझे लाया गया है, सारे के सारे कार्यकर्ताओं, चाहे आरआरएस के हों या बीजेपी के, सभी ने जिस तरह मेरा स्वागत किया है, तो मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने घर में ही हूं. में सोच भी नहीं सकती थी कि पूर्व सीएम मनोहर लाल, सीएम नायब सैनी और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इतना सम्मान देगा.

सवाल- बीजेपी संगठन की पार्टी है, जबकि हरियाणा कांग्रेस एक दशक से संगठन का इंतजार कर रही है, क्या कहेंगी?

जवाब- हरियाणा कांग्रेस अब वेंटिलेटर पर आ गई है. कोई संगठन नहीं है. सब मनमर्जी है. मनमर्जी इस तरह की है कि जो हमारे प्रतिद्वंदी हैं उनको किस तरह से खत्म किया जाए. जब एक दूसरे को खत्म करने आप लग जाते हैं तो आपकी बढ़ोतरी कभी हो ही नहीं सकती. संगठन कभी भी नहीं बना पाए क्योंकि आज के दिन जो पदों पर बैठे हैं ये उनके कारण हुआ है. क्योंकि वह चाहते ही नहीं है कि संगठन बने.

मसलन अगर अब इनका संगठन बनता है तो इनके लिए राह आसान नहीं होगी. क्योंकि हर एक से कुछ ना कुछ वादा किया हुआ है. वो जो बना गया ठीक है, जो नहीं बना वो फिर दूसरी कार्रवाई शुरू करेगा. इसी तरह इन्होंने एमएलए के लिए किया है, ऐसे लोगों को पार्टी में वापस ले लिए हैं जो कांग्रेस के खिलाफ लड़े थे. कांग्रेस के खिलाफ जिन्होंने काम किया था. इन्होंने ही उनको चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस ले लिया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी कैसे आगे बढ़ सकती है.

सवाल - भूपेंद्र हुड्डा कहते हैं इतने नेताओं को शामिल कर लिया. क्या वह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुसीबत खड़ी करेंगे?

जवाब- निश्चित तौर पर. इन्होंने खुद उनको निर्दलीय चुनाव लड़वाया, अब उनको वापस कर लिया. जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ काम किया. इनके बेटे ने जो हर जगह जाकर पांच-पांच उम्मीदवार तैयार किए हैं, टिकट तो एक को मिलेगी, बाकी जो चार हैं इधर-उधर भागेंगे. क्योंकि उनकी महत्वकांक्षाएं आपने बढ़ा दी है. वे फिर इनको गली देंगे क्योंकि इन्होंने वादा किया है.

सवाल - जब कांग्रेस में इतना कुछ चल रहा है, तो क्या आपने हाईकमान से बात की?

जवाब- मैने स्पष्ट तरीके से कहा. मैं बेबाक तरीके से अपनी बात करती हूं. मैंने उस समय कह दिया था कि उम्मीदवार का बहुत गलत तरीके से चयन हुआ है. यह उम्मीदवार सही तरीके से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. जो चुनाव लड़ता है वो उम्मीदवार सबके सामने हाथ जोड़ता फिरता है. यह उम्मीदवार (यानी राव दान सिंह) तो ऐसे थे जो पूछ ही नहीं रहे थे. नतीजा ये हुआ कि हम तो कुमारी सैलजा जी के प्रचार में जुट गए. भारी मतों से वे जीतकर आई हैं. जो उम्मीदवार अपने ही विधानसभा क्षेत्र जहां से हारे, अपने बूथ से हारे, अपने जिले से हारे, अपने मामा के गांव से हारे, तो आप उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं. ये तो हमारे क्षेत्र के लोगों ने उनको भारी संख्या में वोट किया, नहीं तो उनकी जमानत जब्त हो जाती.

सवाल- लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर, आप, कुमारी सैलजा और कैप्टन अजय यादव सवाल उठाते रहे हैं, क्या ये बात हाईकमान को पता नहीं थी. क्योंकि हुड्डा जी कहते हैं टिकट देना हाईकमान का काम है?

जवाब- नहीं यह झूठ बोलते हैं. हाईकमान के सामने बहुत सारी बातें रखी गई थी. हाईकमान ने भी रखी थी. लेकिन ये षडयंत्र करते हैं. जिस तरह की बातें करते हैं, गारंटी दी, नीचे जाकर लेट गए. कई तरह की बातें हाईकमान के सामने रखी. दबाव की राजनीति के तहत ब्लैकमेल की राजनीति करते हैं. वह करके इन्होंने अपनी मनमर्जी की. क्योंकि ये चाहते थे कि सिर्फ एक सीट कांग्रेस को मिले.

भूपेंद्र हुड्डा ने समझौता किया हुआ है. यह मैं ही नहीं कह रही, सब यह बात जानते हैं, एक सीट के लिए सारी जगह सेटिंग की. बाकी जो सीट कांग्रेस को मिली यह भी लोगों ने दे दी. क्योंकि लोग इन उम्मीदवारों को जिताना चाहते थे. इसलिए पांच सीट पार्टी जीती. कोई यह कहे हम इतनी सीट जीतकर आए हैं, यह अपने आप से ही झूठ बोल रहे हैं.

सावल- आपने कहा है कि श्रुति चौधरी का नाम सर्वे में सबसे ऊपर था, क्या ऐसा अन्य सीटों पर भी हुआ होगा, क्या लगता है आपको?

जवाब- पूरी तरह से. यह तो साजिश करने के मास्टर हैं. राज्यसभा सीट के चुनावों में इन्होने साजिशें की हुई हैं. हर चीज में साजिश ही साजिश है. साजिश अगर सीखनी है तो साजिश में इनकी मास्टरी है. सर्वे के कोई मायने नहीं. जब सर्वे करवा लिया, या तो पार्टी ने सर्वे ना करवाया होता. महेन्द्रगढ़ का मुझे मालूम है बाकी जगह का नहीं मालूम. जैसे महेंद्रगढ़ मैं हुआ ऐसा ही गुरुग्राम में भी हुआ होगा. वहां पर बाहरी उम्मीदवार लाने का क्या मतलब था. सच्चाई यह है कि दस साल से कैप्टन अजय यादव वहां ईमानदारी से काम कर रहे थे.

सवाल- क्या यही फरीदाबाद और करनाल सीट पर भी हुआ?

जवाब- बिल्कुल. हमें तो अब किसी बात का दुख नहीं है. हमने तो इनके सामने मुखर होकर लड़ाई लड़ी. लेकिन जो इनके अपने आदमी थे. उनके साथ भी गलत किया. कुलदीप शर्मा के बेटे उनके साथ क्या किया. ज्यादती की है. जिसको दो साल पहले कहा था कि तेरे को चुनाव लड़वायूंगा, फिर उसको ना लड़वाया जाए. उस बच्चे का तो इन्होंने कैरियर खराब कर दिया. सिर्फ इसलिए कि मेरे लड़के के सामने कोई एजुकेटेड लड़का ना आ जाए. इसी तरह इनके समधी करण दलाल जी. उनका भी आखिरी वक्त पर टिकट काट दिया.

सावल- यह सब बातें हैं तो क्या हरियाणा में प्रभारी अपना रोल नहीं निभा पा रहे हैं?

जवाब- प्रभारी भी इसमें पूरी तरह इनके साथ संलिप्त थे. प्रभारी इनके साथ हैं. इनके बगैर एक पत्ता नहीं हिल सकता. जो ये कहेंगे प्रभारी वह डिक्टेशन लेकर लिखेंगे.

सवाल- कांग्रेस के लोकसभा सांसद जेपी ने महिलाओं के विरासत संभालने को लेकर सवाल उठाया था, क्या कहेंगी इस पर आप?

जवाब- उनके बारे में सभी जानते हैं. जो बिगड़े बोल उनके निकलते हैं, ये हालत इसी कारण से है. महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. वह भी आजकल के जमाने में, जब महिलाएं चांद पर जा चुकी हैं. जिनसे टिकट लेकर आए हैं. नेहरू जी की विरासत इंदिरा गांधी ने संभाली. राजीव जी के जाने के बाद सोनिया जी ने संभाली. वो लॉग सर्विंग कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं. अच्छा काम किया. यो जो व्यक्ति अपने ही नेताओं के लिए इस तरह की सोच रखता है, तो मैं तो फिर कोई चीज ही नहीं हूं.

सवाल- यह बात उठती है कि राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की हार का बदला पार्टी ने आप से लिया?

जवाब- यह षडयंत्र पूरी तरह से इनका था. यह षडयंत्र एक बार नहीं इन्होंने बार-बार किया. 2004 में मेरे साथ किया. 2016 में आर के आनंद के साथ जब स्याही कांड किया. उस स्याही कांड की वजह से चुनाव आयोग को अपने नियमों में लिखना पड़ा कि वहां जो पेन होगा वो इलेक्शन कमीशन का आदमी देगा। वह भी पूरा का पूरा षडयंत्र इनका था. इन जनाब (बिना नाम लिए हुड्डा) का नाम भी उसमें आता है हमने तो यह बातें कभी करी नहीं। इसमें यानी मकान के चुनाव में भी पूरा षडयंत्र इनका था। क्योंकि यह अजय माकन को जीतते नहीं देखना चाहते थे। क्योंकि अजय माकन का केंद्रीय नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। राहुल गांधी के साथ उनका उठना बैठना है। इनकी असलियत वहां तक पहुंच जाती, तो यह षडयंत्र उनके साथ भी किया।मुझे फसाने की कोशिश की.

सवाल - कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं आपके बीजेपी में जाने के पीछे कोई सेटिंग हुई है?

जवाब- उदयभान जी क्या आरोप लगाएंगे।उनकी हिस्ट्री के बारे में कौन नहीं जानता। उनके बारे में क्या बार बार रिपीट करूं सब जानते हैं। क्या उनकी विरासत है कहां से यह तक पहुंचे हैं। कांग्रेस से लड़े, फिर निर्दलीय लड़े, फिर चौटाला से लड़े, यह सारी जगह घूमकर आए हैं। यह क्या आरोप लगाएंगे। यह वह काम करेंगे सिर्फ जिसकी डिक्टेशन हुड्डा से मिलेगी.

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