करनाल: हरियाणा की करनाल विधानसभा सीट पर 25 मई को उप चुनाव हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक करनाल उपचुनाव के लिए 57.90 प्रतिशत मतदान हुआ. करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है. इस विधानसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनावी मैदान में हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने तरलोचन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा जन नायक जनता पार्टी ने राजेंद्र को टिकट दिया है.
साल 2019 करनाल विधानसभा चुनाव के नतीजे: साल 2019 के विधानसभा चुनाव में करनाल से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मनोहर लाल विधायक चुने गए थे. उन्हें 79,906 यानी 63.72% वोट मिले थे. मनोहर लाल ने कांग्रेस उम्मीदवार तरलोचन सिंह को 45,188 वोटों से हराया था. तरलोचन सिंह को 34,718 यानी 27.68% वोट मिले थे.
2014 का जनादेश: साल 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल की सीट से बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने आजाद उम्मीदवार जयप्रकाश को 63,773 वोटों से हराया था. मनोहर लाल को 82,485 यानी 58.75% वोट मिले थे.
बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: करनाल विधानसभा में पंजाबी वर्ग की सबसे ज्यादा वोट है. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि नायब सैनी की बिरादरी की यहां पर करीब 5800 वोट है. ऐसे में इस बार करनाल विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है.
अगर मनोहर लाल सीएम नायब सैनी को पंजाबी समुदाय की वोट दिलाने में कामयाब रहते हैं, तो यहां से वह जीत सकते हैं. ऐसे समीकरण नहीं बनते तो हालात बिगड़ते हुए दिखाई देते हैं. जिसके चलते भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. वहीं, अगर बात करें त्रिलोचन सिंह करनाल के स्थानीय निवासी है. जिनका जनता के बीच में काफी मेलजोल है. जबकि मुख्यमंत्री करनाल के स्थानीय निवासी नहीं हैं.