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करनाल विधानसभा उपचुनाव पर क्या बन रहे हैं चुनावी समीकरण, जाति फैक्टर रहेगा अहम! - Karnal Assembly by election 2024

Karnal Assembly By Election: करनाल विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने कांग्रेस के त्रिलोचन सिंह चुनावी मैदान में है, जिन्हें पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन क्या इस बार बीजेपी-कांग्रेस में हो सकती है कांटे की टक्कर, चुनावी समीकरण जानने के लिए पढ़े पूरी रिपोर्ट

Karnal Assembly By Election
Karnal Assembly By Election (ईटीवी करनाल)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 11, 2024, 4:27 PM IST

करनाल: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ ही करनाल विधानसभा उपचुनाव भी 25 मई को होगा. दरअसल, करनाल से पूर्व विधायक मनोहर लाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद करनाल विधानसभा खाली हो गई थी. मनोहर लाल के बाद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया और नियमानुसार उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए दोबारा चुनाव कराया जा रहा है. सभी सियासी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. तो आइए करनाल विधानसभा पर बन रहे समीकरण पर इस रिपोर्ट के जरिए एक नजर डालते हैं.

9 प्रत्याशियों की होगी टक्कर: करनाल विधानसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन वीरवार को करनाल विधान सभा-21 क्षेत्र के लिए 13 उम्मीदवारों में से अब 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं. तथा एक निर्दलीय प्रत्याशी प्रवेश कुमार ने अपना नामांकन पत्र वापस लिया है. जबकि 3 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच पड़ताल के दौरान रद्द हो गए थे. करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव मतदान 25 मई को होगा.

कौन सी पार्टी से कौन है प्रत्याशी ?: करनाल विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम अनुभव मेहता ने बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों में भारतीय जनता पार्टी के नायब सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से तरलोचन सिंह, जन नायक जनता पार्टी से राजिंद्र का नाम शामिल है. इसी प्रकार से पंजीकृत राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों में (मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजनीतिक दलों से भिन्न) राष्ट्रीय गरीब दल से तिलक राज सिंगला, राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से रोहताश, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) से सुरेश कुमार का नाम चुनाव लडऩे वालों में शामिल है. इसी प्रकार से निर्दलीय उम्मीदवारों में राजेन्द्र आर्य दादुपुर, शमशेर सिंह नैन तथा सुरेश कुमार का नाम शामिल है. इन सभी निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी दिए जा चुके हैं. करनाल विधानसभा में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी द्वारा कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है.

कौन सी जाति का ज्यादा वोट बैंक: आंकड़ों के अनुसार करनाल विधानसभा सीट 258361 मतदाता है. जिसमें सबसे ज्यादा वोट पंजाबी, खत्री और अरोड़ा जाति की करीब 62 हजार वोट है. वहीं, अग्रवाल समाज की अगर बात करें तो उनकी करीब 21000 वोट है. जबकि रविदासिया समाज की करनाल विधानसभा में करीब 19000 वोट है. ब्राह्मण समाज की करीब 18000 वोट है, रोड समाज की करीब 25000 वोट है. जाट समाज की करीब 11000 वोट हैं. जाट सिख समाज की करीब 10000 वोट है. वाल्मीकि कश्यप और राजपूत समाज के करीब 9 -9 हजार वोट है, तो वही सैनी समाज की करीब 5800 वोट है. गडरिया समाज की करीब 6500 वोट है. गुर्जर और कंबोज की करीब 5-5 हजार वोट है. बाकी अन्य जाति है. यह करनाल विधानसभा की मुख्य जातियां हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पंजाबी जाति का वोट बैंक है. तो इनमें सबसे कम करीब 5800 सैनी समाज का वोट बैंक है. बाकी अन्य बिरादरियों की वोट है.

मौजूदा समय का समीकरण: करनाल विधानसभा उपचुनाव में मौजूद 10 समीकरण की बात करें, तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि कांग्रेस पार्टी ने सरदार त्रिलोचन सिंह को प्रत्याशी बनाया है. सरदार त्रिलोचन सिंह 2019 में करनाल विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. जहां पर उनको मनोहर लाल द्वारा हार का मुंह देखना पड़ा था और वह दूसरे नंबर पर रहे थे. लेकिन अब समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि मनोहर लाल पंजाबी वर्ग से संबंध रखते हैं.

बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: करनाल विधानसभा में पंजाबी वर्ग की सबसे ज्यादा वोट है. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि नायब सैनी की बिरादरी की यहां पर करीब 5800 वोट है. ऐसे में इस बार करनाल विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. अगर मनोहर लाल सीएम नायब सैनी को पंजाबी समुदाय की वोट दिलाने में कामयाब रहते हैं, तो यहां से वह जीत सकते हैं. ऐसे समीकरण नहीं बनते तो हालात बिगड़ते हुए दिखाई देते हैं. जिसके चलते भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. वहीं, अगर बात करें त्रिलोचन सिंह करनाल के स्थानीय निवासी है. जिनका जनता के बीच में काफी मेलजोल है. जबकि मुख्यमंत्री करनाल के स्थानीय निवासी नहीं है, ऐसे में अब देखना होगा कि करनाल विधानसभा चुनाव में कौन जीत हासिल करता है.

2019 के विधानसभा चुनाव पर एक नजर: करनाल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के दो बार विधायक रह चुके मनोहर लाल यहां दोनों बार ही काफी मतों से विधायक बने थे. 2014 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मनोहर लाल को अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिन्होंने 2014 चुनाव में 82485 वोट प्राप्त किए थे. यह जीत उन्होंने 63773 वोट के मार्जिन से हासिल की थी. उन को 58.75% वोट प्राप्त हुए थे. 2019 विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें उन्होंने 79906 वोट प्राप्त हुए थे जिसमें उन्होंने 45188 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी. उनको कल 63.72% वोट प्राप्त हुए थे. वही मनोहर लाल को अब करनाल लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपना प्रत्याशी बनाया गया है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्रत्याशी बनाए गए सरदार त्रिलोचन सिंह रहे थे.

ये भी पढ़ें: हरियाणा CM की डबल मुश्किल, करनाल उपचुनाव के खिलाफ याचिका मंजूर, मंत्रिमंडल विस्तार मामले में भी HC का नोटिस - Notice to Election Commission

ये भी पढ़ें:करनाल उपचुनाव में हार सकते हैं सीएम नायब सैनी, अभय चौटाला ने विपक्षी रणनीति पर दिया बड़ा बयान - abhay chautala on nayab saini

करनाल: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ ही करनाल विधानसभा उपचुनाव भी 25 मई को होगा. दरअसल, करनाल से पूर्व विधायक मनोहर लाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद करनाल विधानसभा खाली हो गई थी. मनोहर लाल के बाद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया और नियमानुसार उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए दोबारा चुनाव कराया जा रहा है. सभी सियासी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. तो आइए करनाल विधानसभा पर बन रहे समीकरण पर इस रिपोर्ट के जरिए एक नजर डालते हैं.

9 प्रत्याशियों की होगी टक्कर: करनाल विधानसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन वीरवार को करनाल विधान सभा-21 क्षेत्र के लिए 13 उम्मीदवारों में से अब 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं. तथा एक निर्दलीय प्रत्याशी प्रवेश कुमार ने अपना नामांकन पत्र वापस लिया है. जबकि 3 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच पड़ताल के दौरान रद्द हो गए थे. करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव मतदान 25 मई को होगा.

कौन सी पार्टी से कौन है प्रत्याशी ?: करनाल विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम अनुभव मेहता ने बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों में भारतीय जनता पार्टी के नायब सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से तरलोचन सिंह, जन नायक जनता पार्टी से राजिंद्र का नाम शामिल है. इसी प्रकार से पंजीकृत राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों में (मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजनीतिक दलों से भिन्न) राष्ट्रीय गरीब दल से तिलक राज सिंगला, राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से रोहताश, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) से सुरेश कुमार का नाम चुनाव लडऩे वालों में शामिल है. इसी प्रकार से निर्दलीय उम्मीदवारों में राजेन्द्र आर्य दादुपुर, शमशेर सिंह नैन तथा सुरेश कुमार का नाम शामिल है. इन सभी निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी दिए जा चुके हैं. करनाल विधानसभा में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी द्वारा कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है.

कौन सी जाति का ज्यादा वोट बैंक: आंकड़ों के अनुसार करनाल विधानसभा सीट 258361 मतदाता है. जिसमें सबसे ज्यादा वोट पंजाबी, खत्री और अरोड़ा जाति की करीब 62 हजार वोट है. वहीं, अग्रवाल समाज की अगर बात करें तो उनकी करीब 21000 वोट है. जबकि रविदासिया समाज की करनाल विधानसभा में करीब 19000 वोट है. ब्राह्मण समाज की करीब 18000 वोट है, रोड समाज की करीब 25000 वोट है. जाट समाज की करीब 11000 वोट हैं. जाट सिख समाज की करीब 10000 वोट है. वाल्मीकि कश्यप और राजपूत समाज के करीब 9 -9 हजार वोट है, तो वही सैनी समाज की करीब 5800 वोट है. गडरिया समाज की करीब 6500 वोट है. गुर्जर और कंबोज की करीब 5-5 हजार वोट है. बाकी अन्य जाति है. यह करनाल विधानसभा की मुख्य जातियां हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पंजाबी जाति का वोट बैंक है. तो इनमें सबसे कम करीब 5800 सैनी समाज का वोट बैंक है. बाकी अन्य बिरादरियों की वोट है.

मौजूदा समय का समीकरण: करनाल विधानसभा उपचुनाव में मौजूद 10 समीकरण की बात करें, तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि कांग्रेस पार्टी ने सरदार त्रिलोचन सिंह को प्रत्याशी बनाया है. सरदार त्रिलोचन सिंह 2019 में करनाल विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. जहां पर उनको मनोहर लाल द्वारा हार का मुंह देखना पड़ा था और वह दूसरे नंबर पर रहे थे. लेकिन अब समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि मनोहर लाल पंजाबी वर्ग से संबंध रखते हैं.

बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: करनाल विधानसभा में पंजाबी वर्ग की सबसे ज्यादा वोट है. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि नायब सैनी की बिरादरी की यहां पर करीब 5800 वोट है. ऐसे में इस बार करनाल विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. अगर मनोहर लाल सीएम नायब सैनी को पंजाबी समुदाय की वोट दिलाने में कामयाब रहते हैं, तो यहां से वह जीत सकते हैं. ऐसे समीकरण नहीं बनते तो हालात बिगड़ते हुए दिखाई देते हैं. जिसके चलते भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. वहीं, अगर बात करें त्रिलोचन सिंह करनाल के स्थानीय निवासी है. जिनका जनता के बीच में काफी मेलजोल है. जबकि मुख्यमंत्री करनाल के स्थानीय निवासी नहीं है, ऐसे में अब देखना होगा कि करनाल विधानसभा चुनाव में कौन जीत हासिल करता है.

2019 के विधानसभा चुनाव पर एक नजर: करनाल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के दो बार विधायक रह चुके मनोहर लाल यहां दोनों बार ही काफी मतों से विधायक बने थे. 2014 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मनोहर लाल को अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिन्होंने 2014 चुनाव में 82485 वोट प्राप्त किए थे. यह जीत उन्होंने 63773 वोट के मार्जिन से हासिल की थी. उन को 58.75% वोट प्राप्त हुए थे. 2019 विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें उन्होंने 79906 वोट प्राप्त हुए थे जिसमें उन्होंने 45188 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी. उनको कल 63.72% वोट प्राप्त हुए थे. वही मनोहर लाल को अब करनाल लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपना प्रत्याशी बनाया गया है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्रत्याशी बनाए गए सरदार त्रिलोचन सिंह रहे थे.

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