ETV Bharat / state

4 परमवीर चक्र, 10 महावीर चक्र, 3 अशोक चक्र व 18 कीर्ति चक्रों से सजी हिमाचली वीरों की शौर्य तस्वीर, यहां जानिए अपने नायकों के पवित्र नाम - Gallantry Awards of Himachal

Gallantry Awards of Himachal Pradesh: देश आज कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद कर देने वाले वीर जवानों को याद कर रहा है. हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ वीरभूमि भी कहा जाता है. देश का पहला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र इसी वीरभूमि के हिस्से आया है. हिमाचल के वीर सपूतों को परमवीर चक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र और कीर्ति चक्र समते कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.

Gallantry Awards of Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश के वीर (File Photo)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 1:29 PM IST

शिमला: करगिल युद्ध में नापाक दुश्मन पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले भारत मां के वीर सपूतों को देश आदर से याद कर रहा है. करगिल युद्ध का जिक्र आते ही कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन (अब सूबेदार मेजर) संजय कुमार सरीखे सभी वीरों के प्रति सर अनायास ही श्रद्धा से झुक जाता है. हिमाचल की वीर परंपरा का जिक्र भी इस दौरान सर्वत्र होता है. हिमाचल को ये गौरव हासिल है कि देश का पहला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र देवभूमि के हिस्से ही आया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर हैं. इस कड़ी में कुल चार नाम हैं. मेजर सोमनाथ शर्मा, मेजर धन सिंह थापा, कैप्टन विक्रम बत्रा और राइफलमैन संजय कुमार. देश का सौभाग्य है कि संजय कुमार का शौर्य खुद उनके श्रीमुख से सुना जा सकता है. संजय कुमार को देश के कई प्रतिष्ठानों में आमंत्रित किया जाता है, जहां उनकी बहादुरी की गाथा सुनकर देशवासी हर्षित होते हैं. यहां हम वीरता पुरस्कार विजेताओं के नामों का स्मरण करेंगे.

ये हैं हमारे परमवीर

  1. देश का पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम है. कांगड़ा जिले के रहने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा चार कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा थे. कबायलियों के भेष में नापाक पाकिस्तान को उन्होंने सबक सिखाया था.
  2. मेजर धन सिंह थापा शिमला जिले से संबंध रखते थे. गोरखा राइफल्स की शान मेजर धन सिंह थापा ने भारत-चीन युद्ध में अदम्य साहस दिखाया था.
  3. कैप्टन विक्रम बत्रा 13 जैक राइफल्स में थे. कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा करगिल हीरो कहलाते हैं. उन्हें अप्रतिम शौर्य के लिए परमवीर चक्र (बलिदान उपरांत) दिया गया.
  4. राइफलमैन संजय कुमार बिलासपुर जिले से हैं और अब सूबेदार मेजर के पद पर हैं. उन्होंने भी करगिल युद्ध में नापाक दुश्मन को करारा सबक सिखाया था.
Gallantry Awards of Himachal Pradesh
हिमाचल के परमवीर चक्र विजेता (File Photo)

महावीरों की सूची में शामिल हैं ये नाम

  1. मेजर एएस पठानिया, गोरखा राइफल्स, जिला कांगड़ा
  2. लैफ्टीनेंट कर्नल कमान सिंह गढ़वाल राइफल्स, जिला कांगड़ा
  3. लैफ्टीनेंट कर्नल रतन नाथ शर्मा 21 पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  4. मेजर खुशाल चंद, 2 डोगरा रैजिमेंट, लाहौल-स्पीति
  5. सिपाही कांशीराम, पंजाब रैजिमेंट, मंडी जिला
  6. हवलदार सतिज्ञान फुंचोक (बलिदान उपरांत) लद्दाख स्काउट्स, कुल्लू जिला
  7. लैफ्टीनेंट जनरल आरएस दयाल, पैरा एसएफ, जिला ऊना
  8. लैफ्टीनेंट कर्नल (अब मेजर जनरल) कश्मीरी लाल रतन, जिला कांगड़ा
  9. मेजर बीएस मनकोटिया, पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  10. लैफ्टीनेंट कर्नल इंद्र बल सिंह बावा, (बलिदान उपरांत), जिला ऊना

अशोक चक्र विजेता

  1. कैप्टन जसबीर सिंह रैणा, शिमला जिला
  2. कैप्टन सुधीर कुमार वालिया, (बलिदान उपरांत), जिला कांगड़ा
  3. मेजर संदीप सांखला, (बलिदान उपरांत), जिला हमीरपुर

कीर्ति चक्र विजेताओं की अमर कीर्ति

  1. कर्नल डीएन कंवरपाल, आसाम राइफल्स, जिला सोलन
  2. विंग कमांडर केके शर्मा, भारतीय वायु सेना, जिला कांगड़ा
  3. कर्नल प्रेम चंद, जिला कुल्लू
  4. राइफलमैन पुरषोत्तम दास (बलिदान उपरांत)
  5. ओईएम (ऑपरेटर एक्सक्वेटर मशीनरी) कांशीराम (बलिदान उपरांत), ऑपरेशन रक्षक के दौरान वर्ष 1990, जिला कांगड़ा
  6. ब्रिगेडियर इंद्रजीत सिंह, इन्फैंट्री, जिला कांगड़ा (ये अति विशिष्ट सेवा मैडल, विशिष्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित हैं)
  7. कर्नल एमएस पठानिया, 19 पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  8. हवलदार मदन स्वरूप (बलिदान उपरांत), डोगरा रैजिमेंट, जिला सिरमौर
  9. कर्नल एएस गुलेरिया, आर्टलरी, जिला कांगड़ा
  10. कर्नल अनिल कुमार, डोगरा रैजिमेंट, जिला बिलासपुर
  11. सिपाही संजीव सिंह (बलिदान उपरांत), 18 डोगरा रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  12. हवलदार राकेश पाल (बलिदान उपरांत), 16 डोगरा रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  13. नायब सूबेदार जगरूप सिंह (बलिदान उपरांत), 28 पंजाब रैजिमेंट, जिला हमीरपुर
  14. कर्नल सुभाष चंद राणा, 16 राष्ट्रीय राइफल्स, जिला कांगड़ा
  15. राइफलमैन अनिल कुमार, ग्रेनेडियर्स, जिला कांगड़ा
  16. ब्रिगेडियर रवि दत्त मेहता, आईएनटी काप्र्स. काबुल में ऑपरेशन, जिला शिमला
  17. नायब सूबेदार राजेश कुमार (बलिदान उपरांत) 30 राष्ट्रीय राइफल्स, जिला कुल्लू
  18. सिपाही जगदीश चंद (बलिदान उपरांत) जिला चंबा
Gallantry Awards of Himachal Pradesh
कीर्ति चक्र सम्मानित शहीद कुलभूषण मांटा और शहीद पवन धंगल (File Photo)

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बलिदानी पवन धंगल के माता-पिता को वीर सपूत का कीर्ति चक्र सौंपा. इसके अलावा शिमला जिले के चौपाल के वीर कुलभूषण मांटा को बलिदान उपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी मां व पत्नी ने ये सम्मान ग्रहण किया था.य हिमाचल को इसके अलावा वीर चक्र, शौर्य चक्र व सेना मैडल सहित अन्य वीरता पुरस्कार मिले हैं. इनकी संख्या 1165 से अधिक है. ऐसे में हिमाचल न केवल देवभूमि बल्कि वीरभूमि की संज्ञा को भी पूरा करती है. विजय दिवस पर देशवासी सभी महान सपूतों को गर्व से याद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: करगिल की चोटियों पर कण-कण में बिखरी है हिमाचल के 52 वीरों की शौर्य गाथा, भारतीय सेना के मुकुट पर सजे हैं देवभूमि के अमर सितारे

ये भी पढ़ें: कारगिल की जंग का 'शेरशाह', जिसने 'दिल मांगे मोर' कहकर पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी

ये भी पढ़ें: Kargil War का 22 साल का वो पहला शहीद, जिसने 22 दिन झेली पाकिस्तान की दरिंदगी, फिर तिरंगे में लिपटकर पहुंचा घर

ये भी पढ़ें: अगर ये लड़का करगिल से लौट आया होता तो बनता भारत का सबसे युवा सेनाध्यक्ष, यहां पढ़िए परमवीर विक्रम बत्रा की कुछ अमिट कहानियां

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस: जब ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की गोद में शहीद हुए थे कर्नल विश्वनाथन, खत नहीं पढ़ पाए थे मेजर राजेश अधिकारी

ये भी पढ़ें: हमीरपुर: शादी के 2 साल बाद करगिल युद्ध में मिली थी शहादत, परिवार की आंखें आज भी हैं नम

शिमला: करगिल युद्ध में नापाक दुश्मन पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले भारत मां के वीर सपूतों को देश आदर से याद कर रहा है. करगिल युद्ध का जिक्र आते ही कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन (अब सूबेदार मेजर) संजय कुमार सरीखे सभी वीरों के प्रति सर अनायास ही श्रद्धा से झुक जाता है. हिमाचल की वीर परंपरा का जिक्र भी इस दौरान सर्वत्र होता है. हिमाचल को ये गौरव हासिल है कि देश का पहला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र देवभूमि के हिस्से ही आया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर हैं. इस कड़ी में कुल चार नाम हैं. मेजर सोमनाथ शर्मा, मेजर धन सिंह थापा, कैप्टन विक्रम बत्रा और राइफलमैन संजय कुमार. देश का सौभाग्य है कि संजय कुमार का शौर्य खुद उनके श्रीमुख से सुना जा सकता है. संजय कुमार को देश के कई प्रतिष्ठानों में आमंत्रित किया जाता है, जहां उनकी बहादुरी की गाथा सुनकर देशवासी हर्षित होते हैं. यहां हम वीरता पुरस्कार विजेताओं के नामों का स्मरण करेंगे.

ये हैं हमारे परमवीर

  1. देश का पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम है. कांगड़ा जिले के रहने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा चार कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा थे. कबायलियों के भेष में नापाक पाकिस्तान को उन्होंने सबक सिखाया था.
  2. मेजर धन सिंह थापा शिमला जिले से संबंध रखते थे. गोरखा राइफल्स की शान मेजर धन सिंह थापा ने भारत-चीन युद्ध में अदम्य साहस दिखाया था.
  3. कैप्टन विक्रम बत्रा 13 जैक राइफल्स में थे. कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा करगिल हीरो कहलाते हैं. उन्हें अप्रतिम शौर्य के लिए परमवीर चक्र (बलिदान उपरांत) दिया गया.
  4. राइफलमैन संजय कुमार बिलासपुर जिले से हैं और अब सूबेदार मेजर के पद पर हैं. उन्होंने भी करगिल युद्ध में नापाक दुश्मन को करारा सबक सिखाया था.
Gallantry Awards of Himachal Pradesh
हिमाचल के परमवीर चक्र विजेता (File Photo)

महावीरों की सूची में शामिल हैं ये नाम

  1. मेजर एएस पठानिया, गोरखा राइफल्स, जिला कांगड़ा
  2. लैफ्टीनेंट कर्नल कमान सिंह गढ़वाल राइफल्स, जिला कांगड़ा
  3. लैफ्टीनेंट कर्नल रतन नाथ शर्मा 21 पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  4. मेजर खुशाल चंद, 2 डोगरा रैजिमेंट, लाहौल-स्पीति
  5. सिपाही कांशीराम, पंजाब रैजिमेंट, मंडी जिला
  6. हवलदार सतिज्ञान फुंचोक (बलिदान उपरांत) लद्दाख स्काउट्स, कुल्लू जिला
  7. लैफ्टीनेंट जनरल आरएस दयाल, पैरा एसएफ, जिला ऊना
  8. लैफ्टीनेंट कर्नल (अब मेजर जनरल) कश्मीरी लाल रतन, जिला कांगड़ा
  9. मेजर बीएस मनकोटिया, पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  10. लैफ्टीनेंट कर्नल इंद्र बल सिंह बावा, (बलिदान उपरांत), जिला ऊना

अशोक चक्र विजेता

  1. कैप्टन जसबीर सिंह रैणा, शिमला जिला
  2. कैप्टन सुधीर कुमार वालिया, (बलिदान उपरांत), जिला कांगड़ा
  3. मेजर संदीप सांखला, (बलिदान उपरांत), जिला हमीरपुर

कीर्ति चक्र विजेताओं की अमर कीर्ति

  1. कर्नल डीएन कंवरपाल, आसाम राइफल्स, जिला सोलन
  2. विंग कमांडर केके शर्मा, भारतीय वायु सेना, जिला कांगड़ा
  3. कर्नल प्रेम चंद, जिला कुल्लू
  4. राइफलमैन पुरषोत्तम दास (बलिदान उपरांत)
  5. ओईएम (ऑपरेटर एक्सक्वेटर मशीनरी) कांशीराम (बलिदान उपरांत), ऑपरेशन रक्षक के दौरान वर्ष 1990, जिला कांगड़ा
  6. ब्रिगेडियर इंद्रजीत सिंह, इन्फैंट्री, जिला कांगड़ा (ये अति विशिष्ट सेवा मैडल, विशिष्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित हैं)
  7. कर्नल एमएस पठानिया, 19 पंजाब रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  8. हवलदार मदन स्वरूप (बलिदान उपरांत), डोगरा रैजिमेंट, जिला सिरमौर
  9. कर्नल एएस गुलेरिया, आर्टलरी, जिला कांगड़ा
  10. कर्नल अनिल कुमार, डोगरा रैजिमेंट, जिला बिलासपुर
  11. सिपाही संजीव सिंह (बलिदान उपरांत), 18 डोगरा रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  12. हवलदार राकेश पाल (बलिदान उपरांत), 16 डोगरा रैजिमेंट, जिला कांगड़ा
  13. नायब सूबेदार जगरूप सिंह (बलिदान उपरांत), 28 पंजाब रैजिमेंट, जिला हमीरपुर
  14. कर्नल सुभाष चंद राणा, 16 राष्ट्रीय राइफल्स, जिला कांगड़ा
  15. राइफलमैन अनिल कुमार, ग्रेनेडियर्स, जिला कांगड़ा
  16. ब्रिगेडियर रवि दत्त मेहता, आईएनटी काप्र्स. काबुल में ऑपरेशन, जिला शिमला
  17. नायब सूबेदार राजेश कुमार (बलिदान उपरांत) 30 राष्ट्रीय राइफल्स, जिला कुल्लू
  18. सिपाही जगदीश चंद (बलिदान उपरांत) जिला चंबा
Gallantry Awards of Himachal Pradesh
कीर्ति चक्र सम्मानित शहीद कुलभूषण मांटा और शहीद पवन धंगल (File Photo)

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बलिदानी पवन धंगल के माता-पिता को वीर सपूत का कीर्ति चक्र सौंपा. इसके अलावा शिमला जिले के चौपाल के वीर कुलभूषण मांटा को बलिदान उपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी मां व पत्नी ने ये सम्मान ग्रहण किया था.य हिमाचल को इसके अलावा वीर चक्र, शौर्य चक्र व सेना मैडल सहित अन्य वीरता पुरस्कार मिले हैं. इनकी संख्या 1165 से अधिक है. ऐसे में हिमाचल न केवल देवभूमि बल्कि वीरभूमि की संज्ञा को भी पूरा करती है. विजय दिवस पर देशवासी सभी महान सपूतों को गर्व से याद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: करगिल की चोटियों पर कण-कण में बिखरी है हिमाचल के 52 वीरों की शौर्य गाथा, भारतीय सेना के मुकुट पर सजे हैं देवभूमि के अमर सितारे

ये भी पढ़ें: कारगिल की जंग का 'शेरशाह', जिसने 'दिल मांगे मोर' कहकर पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी

ये भी पढ़ें: Kargil War का 22 साल का वो पहला शहीद, जिसने 22 दिन झेली पाकिस्तान की दरिंदगी, फिर तिरंगे में लिपटकर पहुंचा घर

ये भी पढ़ें: अगर ये लड़का करगिल से लौट आया होता तो बनता भारत का सबसे युवा सेनाध्यक्ष, यहां पढ़िए परमवीर विक्रम बत्रा की कुछ अमिट कहानियां

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस: जब ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की गोद में शहीद हुए थे कर्नल विश्वनाथन, खत नहीं पढ़ पाए थे मेजर राजेश अधिकारी

ये भी पढ़ें: हमीरपुर: शादी के 2 साल बाद करगिल युद्ध में मिली थी शहादत, परिवार की आंखें आज भी हैं नम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.