कानपुर: कुछ दिनों पहले शहर के कल्याणपुर थाना पुलिस टीम ने दो युवतियों को गिरफ्तार किया था, जो बांग्लादेश की रहने वाली थीं. इसके बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने शहर के डीएम और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर शहर के सीएसए से सटी जमीनों पर बांग्लादेश के रहने वालों की आशंका जताते हुए जांच की मांग की थी. अब, कानपुर पुलिस ने जब बांग्लादेश के निवासियों की तलाश शुरू की, तो बेकनगंज में 181 परिवारों के दस्तावेज जांचे. पुलिस को यह सूचना भी मिली थी, कि यहां बनी बस्तियों में बांग्लादेश के लोग अपनी पहचान छुपाकर रह रहे हैं.
ऐसे में बेकनगंज थाना पुलिस टीम और एलआईयू के कर्मी उस समय हैरान रह गए, जब 90 प्रतिशत लोगों के पास झारखंड का आधार कार्ड मिला. इसी तरह आठ से नौ प्रतिशत परिवारों के पास यूपी के अलग-अलग शहरों के दस्तावेज थे, जबकि एक से दो प्रतिशत लोग अन्य राज्यों से हैं. अब बेकनगंज थाना प्रभारी मतीन खान ने सभी परिवारों के दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए संबंधित राज्यों की पुलिस से संपर्क साधा है. उनका कहना है, कि 30 से अधिक परिवार ऐसे हैं, जिन पर पुलिस को गहरा शक है. अगर सत्यापन में गड़बड़ी मिली, तो सभी को अरेस्ट कर जेल भेजा जाएगा.
एक ओर बांग्लादेश में तख्तापलट, दूसरी ओर कानपुर में बांग्लादेश वालों की तलाश से हड़कंप: एक ओर जहां बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ और वहां की पीएम हसीना शेख को देश छोड़ना पड़ गया. वहीं, अब दूसरी ओर कानपुर में बांग्लादेश के रहने वालों की तलाश से कई इलाकों में हड़कंप की स्थिति है. कानपुर में पिछले कई सालों से लगातार बांग्लादेश के रहने वालों की जानकारी पुलिस को मिलती रही है. तमाम लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भी भेजा है. अब, एक बार फिर से कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बांग्लादेश के लोगों को यहां ढूंढा जा रहा है.
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