कांकेर: छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार ने जगह-जगह गौठान का निर्माण कराया था. गौठानों से गोबर और गौमूत्र से अलग-अलग उत्पाद तैयार किए जाते थे. हालांकि जैसे ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी. गौठानों का काम ठप पड़ गया. कई गौठान बंद पड़े हैं. इस बीच कांकेर के गौठान को युवाओं ने ट्रेनिंग सेंटर बना लिया है. यहां हर दिन सुबह आर्मी में भर्ती लेने के लिए इच्छुक युवक-युवती पहुंचते हैं और दौड़ लगाते हैं.
हर दिन पहुंचते हैं सैंकड़ों युवा: दरअसल, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद कांकेर स्थित 417 गौठानों में तालाबंदी की नौबत आ गई है. वहीं, कांकेर के सरंगपाल क्षेत्र के सैकड़ों युवक-युवतियों ने बन्द पड़े गौठान को अपना ट्रेनिग सेंटर बना लिया है. युवक-युवती आर्मी में भर्ती होने के लिए रोज इस गौठान में दौड़ लगाते हैं. प्रेक्टिस करते है. क्षेत्र में कोई मैदान नहीं होने के कारण युवाओं ने इसी बन्द पड़े गौठान को अपना प्रेक्टिस सेंटर बना लिया. आलम यह है कि हर रोज यहां सैंकड़ों के आसपास युवा पहुंचते हैं और आर्मी की प्रेक्टिस करते हैं.
हर दिन बढ़ती जा रही युवाओं की संख्या: यहां प्रैक्टिस के लिए पहुंचे युवाओं से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने बताया, " यहां गौठान में कोई काम नहीं होता है. हमलोग यहां हर दिन प्रैक्टिस करने पहुंचते हैं. सुबह शाम हम प्रैक्टिस करते हैं. हर दिन युवा यहां दौड़ लगाते हैं. हम सभी आर्मी में जाने की तैयारी कर रहे हैं.इस गौठान में धीरे-धीरे प्रेक्टिस करने वाले युवक युवतियों की संख्या बढ़ते जा रही है."
वन विभाग, पुलिस और आर्मी भर्ती के लिए इस गौठान में फिजिकल तैयारी करते है. मैदान नहीं होने के कारण कई बार आर्मी भर्ती में फिजिकल टेस्ट में पीछे हो जाते थे. अब यहां रोजाना प्रेक्टिस करते है. कांकेर नगर के अलावा आस-पास क्षेत्र के सैकड़ों लड़के-लड़कियां यह पहुंचकर प्रेक्टिस करते है. इस गौठान में कई सारे समान चोरी हो गए हैं. मोटर पंप लगा था, वो भी चोरी हो गया है. हम लोगों ने प्रशासन से मिल कर यह शौचालय, पानी और गौठान को मैदान में तब्दील करने का मांग की है.-ट्रेनिंग करने वाली युवती
बता दें कि तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार ने गौठान योजना शुरू की थी. इसने देशभर में सुर्खियां बटोरी थी.तीन साल पहले बड़े तामझाम से ये योजना शुरू हुई और बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन वक्त बीतने के साथ जमीनी हकीकत बदलने लगी है. जिले में 417 गौठान खोले गए.आलम यह है कि गौठान के अधिकांश समान चोरी हो गए हैं. गौठानों में तालाबंदी हो गई है.गौठान की जमीन का ग्रामीण दूसरे उपयोग में ला रहे है. इसी का एक उदाहरण है कि कांकेर के सरंगपाल में बने गौठान. इसका उपयोग अब आर्मी में भर्ती होने के फिजिकल प्रेक्टिस के लिए किया जा रहा है.