रायपुर: दुर्ग जिले के अमलेश्वर स्थित श्री महाकाल धाम में शनिवार को ज्योतिष सम्मेलन में लोगों को ज्योतिष और वास्तु के संबंध में जानकारी दी गई. सम्मेलन में ज्योतिष का संबंध विज्ञान और गणित से बताया गया. जहां जातकों की समस्याओं का निदान ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से कैसे होगा, ज्योतिष के माध्यम से जातक की कुंडली को देखकर भूत, वर्तमान और भविष्य का कैसे पता लगाया जा सकता है, इस विषय पर सभी ज्योतिष और वास्तु शास्त्रियों ने अपने विचार रखा.
अमलेश्वर में ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन: ज्योतिष और वास्तुविद डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "सम्मेलन के माध्यम से नए ज्योतिष और वास्तु शास्त्रियों को कुछ नया सीखने को मिलता है. पुराने लोग अपने अनुभव नए लोगों को शेयर करते हैं. नए लोग इन चीजों को इस सम्मेलन के माध्यम से सीखते हैं, जिसका उपयोग भी व्यावहारिक जीवन में करना चाहिए. जाकि जनकल्याण हो सके और लोगों की समस्याओं का निदान हो सके."
"लोगों को अपना भविष्य जानकर उसके अनुरूप अपने कर्म को परिवर्तित कर अपने कर्मफल को अच्छे से अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए. ताकि उनका अगला जीवन या अगला जन्म बेहतर हो सके. इस तरह के सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य से ज्योतिष विद्या की विश्वसनीयता को बनाए रखना है." - डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष और वास्तुविद
धर्म के प्रति जागृत करना सम्मेलन का उद्देश्य: वैदिक नाडी पद्धति की ज्योतिष अनु श्रीवास्तव ने बताया, "आजकल का जो जनरेशन है, उनको धर्म के प्रति जागृत करना सम्मेलन का उद्देश्य है. आज की युवा पीढ़ी अपने फ्यूचर या फिर करियर को लेकर अगर परेशान है तो उन्हें ज्योतिष में समाधान मिल सकता है. अपने करियर या फ्यूचर को लेकर जो लोग निर्णय नहीं ले पा रहे हैं उनके लिए भी यह महत्वपूर्ण है. इससे लोगों में ज्योतिष शास्त्र को लेकर जागरूकता आयेगी." उन्होंने ज्योतिष को एक साइंस बताया और कहा कि ज्योतिष सम्मेलन के आयोजन से धर्म को बढ़ावा मिलेगा.
लोगों को वास्तु की जानकारी दी गई: ज्योतिष और वास्तु शास्त्री ओम नारायण तिवारी ने बताया, "अमलेश्वर के श्री महाकाल धाम में ज्योतिष सम्मेलन का जो आयोजन किया गया है, वह बहुत जरूरी भी था. ज्योतिष को आगे बढ़ाने के साथ ही ज्योतिषियों में आपसी सामंजस्य बना रहे, इसलिए भी ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन जरूरी है. लोग वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर बनाते हैं तो उन्हें वास्तु से संबंधित जानकारी भी यहां पर दी गई. इसके साथ ही जातक की कुंडली के संबंध में भी विस्तार से ज्योतिषों ने अपने विचार रखे. इसके साथ ही टैरो कार्ड और अंक ज्योतिष के माध्यम से भी लोगों की समस्याओं का समाधान बताया गया. उन्होंने ज्योतिष शास्त्र की कई पुस्तकों का भी उदाहरण दिया.
"ज्योतिष का तात्पर्य है. लोगों को अंधकार से प्रकाश में लाना है. किसी भी समस्या का समाधान सहज भाव में बताना ही ज्योतिष का काम होता है. अनेक लोगों के प्रश्नों का सही उत्तर बताना ही एक अच्छे ज्योतिषी का काम है." - ओम नारायण तिवारी, ज्योतिष और वास्तु शास्त्री
ज्योतिषियों को किया गया सम्मानित: ज्योतिष एवं वास्तुविद और आयोजक पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने कहा, "ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन ज्योतिषियों का एक कम्यून, एक रिसर्च, प्रचार प्रसार के लिए, अवेयरनेस के लिए और एक फोरम बनाने के लिए किया गया है. कुछ ऐसे ज्योतिष है जिन्होंने ज्योतिष के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया और ज्योतिष को स्थापित किया. लगातार ज्योतिष के पेशे में रहे. ऐसे 10 ज्योतिषियों को लाइफटाइम अचीवमेंट सर्टिफिकेट से नवाजा गया है.
लोगों का निशुल्क कुंडली बनाकर दिया: अमलेश्वर में आयोजित ज्योतिष सम्मेलन में ज्योतिष के हर एक पहलू पर इस सम्मेलन में बात की गई. जो भी सम्मेलन में पहुंचे थे उनके प्रश्न का उत्तर संबंधित विषय के ज्योतिष और वास्तु शास्त्रियों ने दिए. ज्योतिष सम्मेलन में पहुंचे हुए लोगों का निशुल्क कुंडली बनाकर भी दिया गया.