नई दिल्ली : दिल्ली समेत उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोग परेशान हैं. प्रदूषण की रोकथाम के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय शामिल हुए. इस बैठक के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जरूरत हुई तो कृत्रिम बारिश कराने के संबंध में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया है.
केंद्र-राज्य के मंत्रियों की संयुक्त बैठक: इस बैठक के बाद सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस में गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के बढ़ने का असर न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे उत्तर भारत में देखा जा रहा है. आज केंद्र सरकार के मंत्रियों और उत्तर भारत के राज्य सरकारों के मंत्रियों के साथ बहुप्रतीक्षित बैठक अभी संपन्न हुई है. जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और उनके साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री भी बैठक में शामिल थे. उन्होंने कहा कि आज उन्होंने दिल्ली के लोगों की तरफ से अपनी बात रखी. पहली बार इस तरह की बैठक पिछले वर्ष 3 अगस्त को हुई थी. इस बार अक्टूबर के आखिरी में यह बैठक हुई है. अगर यह बैठक 3 महीने पहले होती जैसा पिछले साल हुई थी तो शायद और बेहतर प्लानिंग हो पाता.
कृषि मंत्री ने कृत्रिम वर्षा का दिया आश्वासन : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के लिए उन्होंने तीन बार केंद्रीय पर्यावरण को चिट्ठी लिखी, आज उन्होंने दोनों ही मंत्रियों के समक्ष निवेदन किया है कि इसको लेकर बैठक बुलाई जाए. तब कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया है. भरोसा है कि केंद्र सरकार आईआईटी कानपुर का रिसर्च है उसको देखते हुए केंद्र सरकार से परमिशन की जरूरत है उसमें सहयोग करेगी. अगर कोई इमरजेंसी सिचुएशन बनती है तो कृत्रिम बारिश का उपयोग कर पाएंगे.
पिछले अक्टूबर के मुकाबले 5500 पराली के मामले आए कम : आज की बैठक काफी सकारात्मक रही है और भरोसा है सभी सरकार अभी सक्रियता से काम करती है तो प्रदूषण का जो आगे खतरा है उसे काम करने में हम सब लोग सफल होंगे. और लोगों की जो सांसों पर संकट है उनके प्रभाव को हम कम कर पाएंगे. इस बैठक में पंजाब के कृषि मंत्री ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं जो हो रही है उनकी रिपोर्ट रखी और जिसके अनुसार पिछले साल अक्टूबर के महीने के मुकाबले अब तक लगभग 5500 पराली जलने की घटनाएं कम हुई है.
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