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राजगिरा की नई किस्म जोधपुर राजगिरा-2 तैयार, पीएम करेंगे लॉन्च - Jodhpur Agriculture University

New Variety Rajgira 2, जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय ने राजगिरा की नई किस्म जोधपुर राजगिरा-2 तैयार कर ली है. पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को लॉन्च करेंगे.

Jodhpur Rajgira-2
राजगिरा की नई किस्म जोधपुर राजगिरा-2 तैयार (Agriculture University Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 10, 2024, 4:15 PM IST

जोधपुर : जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय ने राजगिर की नई किस्म विकसित कर ली है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने जा रही है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में चयनित नई 109 तरह की सुपर फूड खाद्य किस्मों को लांच करेंगे. इसमें जोधपुर राजगिरा-2 भी शामिल है.

विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण कुमार ने बताया कि जोधपुर राजगिरा-2 जो विकसित की गई नई किस्म है. हाल ही में 2 अगस्त को नई दिल्ली में सेंट्रल सब कमिटी ऑन क्रॉप स्टैंडर्ड की बैठक में इस किस्म को चयनित किया गया है. राजगिरा को रामदाना के नाम से भी जाना जाता है.

पढ़ें : देश की 23 IIT में 17वें पायदान पर जोधपुर, कंप्यूटर साइंस ब्रांच में 16 आईआईटी आगे - JoSAA Counselling 2024

प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. मिथिलेश ने बताया कि राजगिरा-2 को राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में चिन्हित किया गया है. इसका एक हेक्टर में 13 से 15 क्विंटल उत्पादन होता है. इसमें उच्च पोषण तत्व हैं. इसे उपयोग में लेने से शरीर में प्रोटीन सहित अन्य आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है. कुपोषित क्षेत्रों में काफी लाभकारी होगी. इसके अलावा इससे उत्पादक किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

सहगार में ज्यादा उपयोग होता है : राजस्थान में राजगिरा का उपयोग सामान्यतः व्रत और उपवास में सहकार के रूप में किया जाता है. इतना ही नहीं, आजकल इसके नमकीन भी बनने लगे हैं, जिनका लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है. इसे मैदे और बेसन के विकल्प के रूप में भी काम लिया जाता है. इसमें प्रोटीन की 12.7 प्रतिशत, ऑयल 8.33 व लायसिन की मात्रा 4.72% मौजूद है.

जोधपुर : जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय ने राजगिर की नई किस्म विकसित कर ली है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने जा रही है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में चयनित नई 109 तरह की सुपर फूड खाद्य किस्मों को लांच करेंगे. इसमें जोधपुर राजगिरा-2 भी शामिल है.

विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण कुमार ने बताया कि जोधपुर राजगिरा-2 जो विकसित की गई नई किस्म है. हाल ही में 2 अगस्त को नई दिल्ली में सेंट्रल सब कमिटी ऑन क्रॉप स्टैंडर्ड की बैठक में इस किस्म को चयनित किया गया है. राजगिरा को रामदाना के नाम से भी जाना जाता है.

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प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. मिथिलेश ने बताया कि राजगिरा-2 को राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में चिन्हित किया गया है. इसका एक हेक्टर में 13 से 15 क्विंटल उत्पादन होता है. इसमें उच्च पोषण तत्व हैं. इसे उपयोग में लेने से शरीर में प्रोटीन सहित अन्य आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है. कुपोषित क्षेत्रों में काफी लाभकारी होगी. इसके अलावा इससे उत्पादक किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

सहगार में ज्यादा उपयोग होता है : राजस्थान में राजगिरा का उपयोग सामान्यतः व्रत और उपवास में सहकार के रूप में किया जाता है. इतना ही नहीं, आजकल इसके नमकीन भी बनने लगे हैं, जिनका लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है. इसे मैदे और बेसन के विकल्प के रूप में भी काम लिया जाता है. इसमें प्रोटीन की 12.7 प्रतिशत, ऑयल 8.33 व लायसिन की मात्रा 4.72% मौजूद है.

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