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झांसी अग्निकांड; मिलिए उस नाना से, जो जान पर खेलकर अपने नाती सहित 20 बच्चों को मौत के मुंह खींच लाया

JHANSI FIRE LATEST UPDATES: मेडिकल काॅलेज में कोहराम और बदहवासी के बीच एक व्यक्ति ने 13 बच्चों को NICU गेट से जबकि 7 मासूमों को खिड़की से सुरक्षित बाहर निकाल लाया. कृपाल सिंह धुएं और लपटों से भरे वार्ड में बेहिचक घुस गए थे.

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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में कृपाल सिंह ने बचाई 20 बच्चों की जान. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

झांसी: यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में हुए आग्निकांड में 10 बच्चों की मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों को संख्या और ज्यादा हो सकती था लेकिन, कृपाल सिंह राजपूत ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए ऐसा होने से रोक लिया. कृपाल ने अपनी जान पर खेलकर 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला.

ईटीवी भारत से बातचीत में कृपाल सिंह ने बताया कि रात करीब 10 बजे डॉक्टर्स ने बच्चों को फीड कराने के लिए आवाज लगाई थी. इस पर जैसे ही वो NICU की तरफ गए तो देखा एक नर्स जलती हुई कुर्सी हाथ में लेकर चीखती हुई बाहर आई. उसके कपड़ों में भी आग लगी थी. जिसको देख वह बिना सोचे-समझे वार्ड के अंदर दाखिल हो गए और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने की जुगत में जुट गए.

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी से संवाददाता ने की बात. (Video Credit; ETV Bharat)

कृपाल सिंह ने घटना का आंखों देखा हाल बताया. कहा कि उनका नाती भी इसी वर्ड में भर्ती था. वह जब NICU वार्ड में अंदर घुसे तो वहां का नजारा देखकर दिल दहल गया. इसके बाद उन्होंने करीब 13 बच्चों को तो NICU गेट से बाहर सुरक्षित निकाला. लेकिन, इसके बाद NICU से बाहर निकलने के रास्तों को आग की लपटों ने घेर लिया. इस पर उन्होंने किसी तरह खिड़की को तोड़ा और 7 बच्चों को वहां से बाहर सुरक्षित हाथों में सौंपा.

शुक्रवार की देर रात मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई. ये बच्चे एक दिन से लेकर एक महीने तक के थे. 7 बच्चों की पहचान हो चुकी है. जबकि 3 बच्चों के शवों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं. सीएम योगी ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे.

ये भी पढ़ेंः झांसी मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में आग, एक दिन से लेकर एक माह की उम्र के 10 बच्चों की मौत

ये भी पढ़ेंः झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा; डिप्टी CM बृजेश पाठक बोले- शवों की पहचान के लिए होगा DNA टेस्ट, परिजनों को मिलेंगे 5-5 लाख

झांसी: यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में हुए आग्निकांड में 10 बच्चों की मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों को संख्या और ज्यादा हो सकती था लेकिन, कृपाल सिंह राजपूत ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए ऐसा होने से रोक लिया. कृपाल ने अपनी जान पर खेलकर 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला.

ईटीवी भारत से बातचीत में कृपाल सिंह ने बताया कि रात करीब 10 बजे डॉक्टर्स ने बच्चों को फीड कराने के लिए आवाज लगाई थी. इस पर जैसे ही वो NICU की तरफ गए तो देखा एक नर्स जलती हुई कुर्सी हाथ में लेकर चीखती हुई बाहर आई. उसके कपड़ों में भी आग लगी थी. जिसको देख वह बिना सोचे-समझे वार्ड के अंदर दाखिल हो गए और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने की जुगत में जुट गए.

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड के प्रत्यक्षदर्शी से संवाददाता ने की बात. (Video Credit; ETV Bharat)

कृपाल सिंह ने घटना का आंखों देखा हाल बताया. कहा कि उनका नाती भी इसी वर्ड में भर्ती था. वह जब NICU वार्ड में अंदर घुसे तो वहां का नजारा देखकर दिल दहल गया. इसके बाद उन्होंने करीब 13 बच्चों को तो NICU गेट से बाहर सुरक्षित निकाला. लेकिन, इसके बाद NICU से बाहर निकलने के रास्तों को आग की लपटों ने घेर लिया. इस पर उन्होंने किसी तरह खिड़की को तोड़ा और 7 बच्चों को वहां से बाहर सुरक्षित हाथों में सौंपा.

शुक्रवार की देर रात मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई. ये बच्चे एक दिन से लेकर एक महीने तक के थे. 7 बच्चों की पहचान हो चुकी है. जबकि 3 बच्चों के शवों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं. सीएम योगी ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे.

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Last Updated : 2 hours ago
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