भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 24 दिन से जयचोली में भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाट महापड़ाव डाले हुए हैं. शुक्रवार को आरक्षण संघर्ष समिति के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार के साथ वार्ता हुई. वार्ता सकारात्मक हुई. अब अगले दौर की वार्ता 12 फरवरी को होगी. फिलहाल जाट समाज का महापड़ाव जारी है.
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि शुक्रवार को समाज का 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा. दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई. वार्ता में केंद्र में ओबीसी आरक्षण, ओबीसी आयोग की रिपोर्ट समेत हर पहलू पर चर्चा हुई. सभी पहलू काफी सकारात्मक हैं. केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार की तरफ से भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.
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प्रतिनिधिमंडल सदस्य दिलीप सिनसिनवार ने बताया कि अब प्रतिनिधिमंडल की दूसरे दौर की वार्ता 12 फरवरी को होगी. दूसरे दौर की वार्ता में केंद्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर न्यायालय के फैसले को लेकर चर्चा होगी. उसके बाद केंद्र सरकार का रुख देखा जाएगा. पहले दौर की वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल देर रात को दिल्ली से महापड़ाव स्थल के लिए रवाना हो गया.
ये हैं मांग : तीनों जिलों के जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं. इनमें तीनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.
गौरतलब है कि भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाट 17 जनवरी से केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जयचोली गांव में महापड़ाव कर रहे हैं. महापड़ाव स्थल पर समाज के 19 लोगों ने कई दिन तक आमरण अनशन भी किया. राज्य सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री के साथ समाज के प्रतिनिधिमंडल की सकारात्मक वार्ता हुई. वार्ता के बाद आरक्षण संघर्ष समिति और समाज के लोग केंद्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर काफी आशान्वित हैं.