जयपुर. जन्माष्टमी के पर्व पर राजधानी जयपुर के मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जयपुर पुलिस की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं. मंदिरों में तीसरी आंख से बदमाशों पर नजर रखी जाएगी. विशेष तकनीकी युक्त सॉफ्टवेयर से जयपुर के तीन बड़े मंदिरों को जोड़ा गया है. जिनमें गोविंद देव जी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, और अक्षय पात्र मंदिर शामिल हैं. कैमरो के साथ फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है. बदमाशों के मंदिर में कदम रखते ही सॉफ्टवेयर अलर्ट भेजेगा. अपराधी के आने का अलर्ट आते ही कंट्रोल रूम की ओर से पुलिस की टीम को सूचित किया जाएगा, जो अपराधी को तुरंत हिरासत में ले लेगी.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने बताया कि जयपुर शहर में जन्माष्टमी पर होने वाले आयोजनों पर पुलिस की तीसरी आंख से नजर रहेगी. जयपुर शहर में जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण से संबंधित तीन बड़े मंदिर गोविंद देव जी, इस्कॉन मंदिर मानसरोवर, अक्षय पात्र मंदिर है. जहां पर होने वाले आयोजनों में लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस भीड़ भाड़ का फायदा उठाकर आपराधिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, जो भीड में जेब काटने, चैन स्नैचिंग, चोरी, मोबाइल स्नैचिंग, वाहन चोरी, छेडछाड़ वारदातों को अंजाम देते हैं.
इन वारदातो को रोकने के लिए इस बार फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से ऐसे अपराधियों की धर पकड़ की जाएगी. इसके लिए सभी मंदिरो मे सीसीटीवी कैमरों के साथ फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर इन्सटॉल किया गया है. इसमें प्रदेश और अर्न्तराजीय सभी अपराधियों का डाटा, फोटो और पूरी कुडंली फीड किए गए हैं. जब भी ये अपराधी मंदिरों मे पहुंचेंगे कैमरा के माध्यम से ये सॉफ्टवेयर तुरंत अलर्ट कर देगा कि अपराधी आ चुका है. निगरानी के लिए तीनों मंदिरों पर एक- एक कन्ट्रोल रूम अलग से बनाकर टीम नियुक्त की गई है, जिसकी सहायता के लिए सिविल ड्रेस पांच- पांच टीमें लगाई गई है.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ के मुताबिक अपराधी के आने का अलर्ट आते ही कन्ट्रोल रूम की ओर से टीम को सूचित किया जाएग, जो अपराधी को तुरंत हिरासत में ले लेगी. इस प्रकार आधुनिक तकनीक के माध्यम से कड़ी नजर रख कर अपराधियों को वारदात करने से पूर्व ही हिरासत में ले लिया जाएगा.