सिरोही: जालौर सांसद लुंबाराम चौधरी ने पोकरण में पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग रक्षा मंत्रालय की डिफेंस प्लानिंग कमेटी में रखी. कमेटी की गुरुवार को दिल्ली में राधामोहन सिंह की अध्यक्षता एवं देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान के सानिध्य में बैठक हुई. इसमें थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के अधिकारी एवं डिफेंस समिति के सदस्य उपस्थित रहे. बैठक में जालौर सांसद चौधरी ने भी बतौर सदस्य भाग लिया.
उन्होंने बैठक में कहा कि जैसलमेर जिले के पोकरण में परमाणु परीक्षण किया गया था. इसमें वैज्ञानिक एवं राष्ट्रपति रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विशेष भूमिका रही, इसलिए उनकी स्मृति में दोनों की आदमकद प्रतिमा पोकरण में लगाई जानी चाहिए. सांसद चौधरी ने कहा कि सीमावर्ती गांवों में सेना के माध्यम से पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क का विकास किया जाए. इससे सेना व ग्रामीणों के मध्य सहज वातावरण बन सकेगा. बैठक में सामान्य रक्षा बजट, रक्षा सेवाओं पर पूंजीगत व्यय, खरीद नीति और रक्षा योजना पर अनुदानों की मांगों (2024-25) की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों की ओर से मौखिक साक्ष्य रखे गए.
बैठक सत्र में थल सेना, वायु सेना, नौसेना, भारतीय तटरक्षक, संयुक्त कर्मचारी, रक्षा संपदा महानिदेशालय,अनुकूली रक्षा और सीमा सड़क संगठन पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में डिफेंस कमेटी के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा कि 'अडप्टिव डिफेंस' एक रणनीतिक दृष्टिकोण है, जिसमें किसी देश की सैन्य और रक्षा प्रणाली उभरते खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए निरंतर विकसित होती है. उन्होंने कहा, 'अडप्टिव डिफेंस केवल जो हुआ है, उसका जवाब देना नहीं है, बल्कि जो हो सकता है, उसका पूर्वानुमान लगाना और उसके लिए सक्रिय रूप से तैयारी करना है'. इसमें अप्रत्याशित और बदलती परिस्थितियों के बावजूद अनुकूलन, नवाचार और विकास करने की मानसिकता और क्षमता विकसित करना शामिल है.