बालोतरा. राजस्थान के बहुचर्चित जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर बालोतरा के जलदाय विभाग के 8 अधिकारियों पर गाज गिरी है. उप शासन सचिव ने आदेश जारी कर पीएचईडी के 7 इंजीनियर और एक खंड लेखाकार को निलंबित किया है. जिले में जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर यह बड़ी कार्रवाई की गई है.
केंद्र सरकार के हर घर नल कनेक्शन देने को लेकर चलाई जा रही जल जीवन मिशन योजना में राजस्थान में हुए घोटाले को लेकर चल रही कार्रवाई की आंच अब बालोतरा तक आ पहुंची है. विभाग ने बालोतरा खंड में पेयजल स्कीम और प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में अनियमितताएं पाए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए 8 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. उप शासन सचिव कैलाश चंद कुमावत ने बुधवार को आदेश जारी कर बालोतरा पीएचईडी के सात इंजीनियर और एक खंड लेखाकार को निलंबित किया है.
इन्हें किया निलंबित : उन्होंने बताया कि सात इंजीनियरों में तीन अधिशासी अभियंता, दो सहायक अभियंता और दो कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं, जबकि एक लेखाधिकारी को निलंबित किया गया है. उप शासन सचिव कैलाश चंद कुमावत के आदेश के मुताबिक अधिशाषी अभियंता जेपी गुप्ता, जगदीश सिंह राजपुरोहित, मुकेश मानतवालस, सहायक अभियंता सुनील माथुर, दीपक कुमार सिंह, कनिष्ठ अभियंता सार्थ सिन्दोलिया और रामसिंह मीणा सहित खंड लेखाधिकारी गोपीचंद सैनी को भी निलंबित किया गया है. निलंबनकाल के दौरान इन अधिकारियों का मुख्यालय जलभवन जयपुर में रहेगा. जिले में पहली बार एक साथ आठ अधिकारियों पर एक्शन होने के बाद चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
सीबीआई करेगी जांच : बता दें कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना में हुए घोटाले को लेकर दो टूक शब्दों में कहा है कि भ्रष्टाचारी कितना भी बड़ा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा. राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना में करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी.