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"कर्मचारियों की भविष्य निधि को गिरवी रख कर कर्ज ले रही सरकार, आर्थिक दिवालियापन की ओर जा रहा हिमाचल" - Jairam Thakur Slams CM Sukhu - JAIRAM THAKUR SLAMS CM SUKHU

Jairam Thakur Targets CM Sukhu On Himachal Economic Crisis: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जयराम ठाकुर ने कहा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कर्मचारियों की भविष्य निधि को गिरवी रख कर कर्ज ले रहे हैं. सुक्खू सरकार में प्रदेश आर्थिक दिवालियापन की ओर जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर निशाना
जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर निशाना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 5:39 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 6:32 PM IST

जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर निशाना (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में डीए और एरियर को लेकर जहां कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, अब विपक्ष भी लगातार सरकार पर हमलावर है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जयराम ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार कर्मचारियों की भविष्य निधि गिरवी रख कर कर्ज ले रही है और प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर लेकर जा रही है.

हिमाचल प्रदेश की खराब आर्थिक हालत को लेकर जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को जमकर घेरा. जयराम ठाकुर ने कहा, "सरकार हिमाचल प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की तरफ ले जा रही है. जो पैसा कर्मचारी अपने भविष्य के लिए संभाल कर रखते हैं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे भी गिरवी रखकर उसके बदले कर्ज ले लिया है".

वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा, "सरकार द्वारा कर्मचारियों को 5 तारीख को और पेंशनर को 10 तारीख को पेंशन दिए जाने के निर्देश ट्रेजरी को दिए हैं. यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों पर बड़ी आफत आएगी. क्योंकि कर्मचारी का एक-एक पैसा भी निर्धारित होता है कि कहां खर्च होगा. कर्मचारियों को ईएमआई देनी होती है, बच्चों की फीस देनी होती है. घर का किराया देना होता है और सभी चीजें की 5 तारीख से पहले ही देनी पड़ती है. ऐसे में कर्मचारियों को एक अलग तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ेगा".

सीएम सुक्खू पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, "अपना वेतन देर से लेने की बात तो बहाना है, सरकार इसी बहाने कर्मचारियों से कहेगी कि आप भी अपना वेतन दो तीन महीने बाद लो. फिर कुछ महीने बाद कहेंगे कि हम वेतन देने में सक्षम नहीं हैं. भवन निर्माण और कर्मचारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन के ऑनररेरियम को 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार कर दिया. एक तरफ सरकार कहती है वह अपने मंत्रियों और सीपीएस का वेतन दो महीने के लिए विलंबित करती है. दूसरी तरफ उनकी असंवैधानिक नियुक्ति को बचाने के लिए छह करोड़ से ज्यादा रुपये दिल्ली के वकीलों पर खर्च करती है. हम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाखून कटवाकर शहीद होने के हथकंडे को कामयाब होने नहीं देंगे.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार ने इस बोर्ड के चेयरमैन की सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर कर दी 1.30 लाख

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों के डीए और एरियर को बहाने, लेकिन सुख की सरकार में अपनों के लिए खुला खजाने का मुख

जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर निशाना (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में डीए और एरियर को लेकर जहां कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, अब विपक्ष भी लगातार सरकार पर हमलावर है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जयराम ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार कर्मचारियों की भविष्य निधि गिरवी रख कर कर्ज ले रही है और प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर लेकर जा रही है.

हिमाचल प्रदेश की खराब आर्थिक हालत को लेकर जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को जमकर घेरा. जयराम ठाकुर ने कहा, "सरकार हिमाचल प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की तरफ ले जा रही है. जो पैसा कर्मचारी अपने भविष्य के लिए संभाल कर रखते हैं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे भी गिरवी रखकर उसके बदले कर्ज ले लिया है".

वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा, "सरकार द्वारा कर्मचारियों को 5 तारीख को और पेंशनर को 10 तारीख को पेंशन दिए जाने के निर्देश ट्रेजरी को दिए हैं. यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों पर बड़ी आफत आएगी. क्योंकि कर्मचारी का एक-एक पैसा भी निर्धारित होता है कि कहां खर्च होगा. कर्मचारियों को ईएमआई देनी होती है, बच्चों की फीस देनी होती है. घर का किराया देना होता है और सभी चीजें की 5 तारीख से पहले ही देनी पड़ती है. ऐसे में कर्मचारियों को एक अलग तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ेगा".

सीएम सुक्खू पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, "अपना वेतन देर से लेने की बात तो बहाना है, सरकार इसी बहाने कर्मचारियों से कहेगी कि आप भी अपना वेतन दो तीन महीने बाद लो. फिर कुछ महीने बाद कहेंगे कि हम वेतन देने में सक्षम नहीं हैं. भवन निर्माण और कर्मचारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन के ऑनररेरियम को 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार कर दिया. एक तरफ सरकार कहती है वह अपने मंत्रियों और सीपीएस का वेतन दो महीने के लिए विलंबित करती है. दूसरी तरफ उनकी असंवैधानिक नियुक्ति को बचाने के लिए छह करोड़ से ज्यादा रुपये दिल्ली के वकीलों पर खर्च करती है. हम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाखून कटवाकर शहीद होने के हथकंडे को कामयाब होने नहीं देंगे.

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Last Updated : Aug 31, 2024, 6:32 PM IST
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