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"दिवालियापन की कगार पर खड़ा हिमाचल, 3 तारीख बीतने पर भी कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, कांग्रेस की झूठी गारंटियां जिम्मेदार" - Jairam Thakur on Sukhu Govt - JAIRAM THAKUR ON SUKHU GOVT

Himachal Economic Crisis: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के आर्थिक संकट पर चिंता जताते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. जयराम ठाकुर का कहना है कि हिमाचल पर आए आर्थिक संकट का कारण कांग्रेस द्वारा दी गई चुनावी गारंटियां है. कांग्रेस के कारण आज प्रदेश दिवालियापन की कगार पर खड़ा हो गया है.

Himachal Economic Crisis
सुक्खू सरकार ने जयराम ठाकुर पर साधा निशाना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 2:33 PM IST

Updated : Sep 3, 2024, 2:47 PM IST

जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों को महीने की तीन तारीख बीतने के भी वेतन नहीं मिल पाया है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को प्रदेश में आर्थिक संकट की वजह कांग्रेस सरकार की गारंटियों को करार दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार हुआ की 3 तारीख बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाई है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि संकट नहीं है और हिमाचल को 2027 तक देश का समृद्ध राज्य बनाया जाएगा, लेकिन हिमाचल में ऐसी स्थिति आई है कि कर्मचारियों को वेतन देने में ये सरकार असमर्थ हो गई है. सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए. हिमाचल दिवालियापन की कगार पर खड़ा हो गया है. प्रदेश में विकास कार्य रुके पड़े हैं. इसको लेकर विधानसभा के अंदर विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत चर्चा लाने की मांग की गई, लेकिन सरकारी इस पर चर्चा नहीं करना चाहती है. जबकि हिमाचल प्रदेश हिमाचल घोर आर्थिक संकट से गुजर रहा है."

वहीं, केंद्र द्वारा मदद न करने के आरोपों पर जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट हिमाचल को मिलती है. 6 तारीख को उसकी किस्त आएगी. उसे रोका नहीं गया है. इसके अलावा केंद्र से क्या मदद चाहिए? संकट तो मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए कि प्रदेश में आर्थिक संकट है. हर वक्त केंद्र को कोसने रहना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो जिम्मेदारी भी उनकी है. सत्ता को हासिल करने के लिए कांग्रेस ने झूठी गारंटी दी और जब इनमें से कोई गारंटी लागू करने लगी तो प्रदेश आर्थिक संकट में आ गया. प्रदेश में आर्थिक संकट के लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वो कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "ये दूसरे राज्यों के लिए भी उदाहरण है. जिस तरह से कांग्रेस फ्रीबीज के तहत राहुल गांधी का खटाखट का फार्मूला अपना रही है, इससे दूसरे प्रदेशों की आंखें भी खुल गई हैं. ये जो गारंटी दी जा रही हैं उनका यही हश्र होगा कि कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिलेगी और आने वाले समय में हिमाचल में संकट और भी गहरा जाएगा."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कांग्रेस सरकार नहीं दे पाई वेतन और पेंशन, राज्य के इतिहास में पहली बार महीने की शुरुआत में नहीं आई सैलरी

ये भी पढ़ें: हिमाचल में वेतन के लिए अब 5 सितंबर पर टिकी नजर, पेंशन के लिए भी बरकरार रहेगा इंतजार

ये भी पढ़ें: नहीं आई सैलरी, कर्मचारी बोले- अगर बैंक की EMI कटी तो सब्जी खरीदने के लिए भी नहीं बचेंगे पैसे

जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों को महीने की तीन तारीख बीतने के भी वेतन नहीं मिल पाया है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को प्रदेश में आर्थिक संकट की वजह कांग्रेस सरकार की गारंटियों को करार दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार हुआ की 3 तारीख बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाई है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि संकट नहीं है और हिमाचल को 2027 तक देश का समृद्ध राज्य बनाया जाएगा, लेकिन हिमाचल में ऐसी स्थिति आई है कि कर्मचारियों को वेतन देने में ये सरकार असमर्थ हो गई है. सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए. हिमाचल दिवालियापन की कगार पर खड़ा हो गया है. प्रदेश में विकास कार्य रुके पड़े हैं. इसको लेकर विधानसभा के अंदर विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत चर्चा लाने की मांग की गई, लेकिन सरकारी इस पर चर्चा नहीं करना चाहती है. जबकि हिमाचल प्रदेश हिमाचल घोर आर्थिक संकट से गुजर रहा है."

वहीं, केंद्र द्वारा मदद न करने के आरोपों पर जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट हिमाचल को मिलती है. 6 तारीख को उसकी किस्त आएगी. उसे रोका नहीं गया है. इसके अलावा केंद्र से क्या मदद चाहिए? संकट तो मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए कि प्रदेश में आर्थिक संकट है. हर वक्त केंद्र को कोसने रहना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो जिम्मेदारी भी उनकी है. सत्ता को हासिल करने के लिए कांग्रेस ने झूठी गारंटी दी और जब इनमें से कोई गारंटी लागू करने लगी तो प्रदेश आर्थिक संकट में आ गया. प्रदेश में आर्थिक संकट के लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वो कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "ये दूसरे राज्यों के लिए भी उदाहरण है. जिस तरह से कांग्रेस फ्रीबीज के तहत राहुल गांधी का खटाखट का फार्मूला अपना रही है, इससे दूसरे प्रदेशों की आंखें भी खुल गई हैं. ये जो गारंटी दी जा रही हैं उनका यही हश्र होगा कि कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिलेगी और आने वाले समय में हिमाचल में संकट और भी गहरा जाएगा."

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Last Updated : Sep 3, 2024, 2:47 PM IST
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