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नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की सजा - Jaipur POCSO court

जयपुर की पॉक्सो मामले की विशेष अदालत क्रम 3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण करके दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

POCSO COURT SENTENCED,  SENTENCED 20 YEARS IMPRISONMENT
नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की सजा. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 7, 2024, 9:27 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दो माह में कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोहनलाल उर्फ सोनू को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता नाबालिग है. ऐसे में यदि अभियुक्त ने पीड़िता की सहमति से भी संबंध बनाए हैं तो यह दुष्कर्म की श्रेणी में माना जाएगा, क्योंकि कानून की नजर में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने 9 अप्रैल, 2023 को कानोता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 8 अप्रैल को उसकी बेटी घर से स्कूल जाने की कहकर गई थी. शाम तक उसके वापस नहीं आने पर परिजनों ने उसकी सहेलियों से पूछताछ की.

पढ़ेंः बच्ची से रेप के आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Big Decision Of POCSO Court

इस पर पता चला कि वह स्कूल ही नहीं पहुंची. रिपोर्ट में अभियुक्त पर अपहरण का शक जताते हुए कहा गया कि अभियुक्त उससे दुष्कर्म कर जान से भी मार सकता है. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अभियुक्त पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले गया था. अभियुक्त उसे अलीगढ़, यूपी ले गया था. यहां अभियुक्त ने उसे किराए के कमरे में रखा और दोनों पति-पत्नी की तरह रहे. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 जून, 2023 को पीड़िता को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया था.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दो माह में कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोहनलाल उर्फ सोनू को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता नाबालिग है. ऐसे में यदि अभियुक्त ने पीड़िता की सहमति से भी संबंध बनाए हैं तो यह दुष्कर्म की श्रेणी में माना जाएगा, क्योंकि कानून की नजर में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने 9 अप्रैल, 2023 को कानोता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 8 अप्रैल को उसकी बेटी घर से स्कूल जाने की कहकर गई थी. शाम तक उसके वापस नहीं आने पर परिजनों ने उसकी सहेलियों से पूछताछ की.

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इस पर पता चला कि वह स्कूल ही नहीं पहुंची. रिपोर्ट में अभियुक्त पर अपहरण का शक जताते हुए कहा गया कि अभियुक्त उससे दुष्कर्म कर जान से भी मार सकता है. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अभियुक्त पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले गया था. अभियुक्त उसे अलीगढ़, यूपी ले गया था. यहां अभियुक्त ने उसे किराए के कमरे में रखा और दोनों पति-पत्नी की तरह रहे. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 जून, 2023 को पीड़िता को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया था.

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