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हिजाब विवाद के बाद गणवेश में नजर आईं छात्राएं, मां सरस्वती की हुई पूजा-अर्चना कर गाया राष्ट्रगान - Jaipur Hijab Controversy

Jaipur Hijab Controversy, हिजाब पर विवाद के बाद स्कूल छात्राएं गणवेश में नजर आईं. मां सरस्वती की हुई पूजा-अर्चना हुई और राष्ट्रगान गाया. यहां जानिए पूरा मामला...

Jaipur Hijab Controversy
हिजाब विवाद के बाद गणवेश में नजर आईं छात्राएं
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 4, 2024, 7:24 AM IST

हिजाब विवाद के बाद गणवेश में नजर आईं छात्राएं

जयपुर. राजधानी जयपुर में गंगापोल स्थित सरकारी स्कूल में हिजाब को लेकर हुए विवाद के बाद अब स्कूल की छात्राएं गणवेश में नजर आने लगी हैं. शनिवार को सभी धर्म की छात्राएं स्कूल ड्रेस में विद्यालय पहुंचीं. विद्यालय में माता सरस्वती की पूजा अर्चना की गई और राष्ट्रगान गाया. इस विद्यालय में सोमवार को हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य के जय श्री राम के नारों और हिजाब को लेकर मुस्लिम छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव किया था. समुदाय विशेष की छात्राओं का आरोप था कि बाबा बालमुकुंद आचार्य ने स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में धार्मिक नारे लगवाए और छात्राओं के हिजाब को लेकर भी सवाल उठाए.

दरअसल, 26 जनवरी को सरकारी विद्यालय के एनुअल फंक्शन में बालमुकुंद आचार्य पहुंचे थे, जहां उन्होंने धार्मिक नारे लगवाए थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल हो गया था. 29 जनवरी सोमवार को सरकारी स्कूल की छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव करके विरोध प्रदर्शन किया. छात्राओं का आरोप था कि विद्यालय के एनुअल फंक्शन में हवा महल विधायक बाबा बालमुकुंद आचार्य को आमंत्रित किया गया था. बाबा बालमुकुंद आचार्य ने एनुअल फंक्शन में हिजाब को लेकर बातें की और धार्मिक नारे लगवाए. हिजाब पहनी हुई छात्राओ के लिए कहा था कि सांस भी आता है या नहीं.

पढ़ें : हिजाब विवाद बरकरार ! भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले - हमारे बच्चे भी अगर लहंगा-चुन्नी पहनकर स्कूल आएंगे तो...

उसके बाद सुभाष चौक इलाके में छात्राओं के प्रदर्शन ने राजनीतिक रूप ले लिया था. प्रदर्शन में कई राजनेता भी शामिल हुए थे. आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान, कांग्रेस नेता आरआर तिवारी, पप्पू कुरैशी समेत कई कांग्रेस के नेता छात्राओं के प्रदर्शन में पहुंचे थे और छात्राओं का समर्थन किया था. वहीं, दूसरी तरफ हिंदू छात्राओं ने बालमुकुंद आचार्य के समर्थन में सुभाष चौक थाना अधिकारी को ज्ञापन सोपा था. ज्ञापन में कहा था कि बाबा बालमुकुंद आचार्य ने कुछ गलत नहीं बोला था. स्कूल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए छात्राओं ने कहा था कि विद्यालय में सरस्वती पूजन नहीं होती है और प्रार्थना भी नहीं करवाई जाती है. इसके बाद यह मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा.

विद्यालय में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल नजर आया : इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सभी सरकारी विद्यालयो में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी. इसके बाद आज विद्यालय में सभी छात्राएं विद्यालय के ड्रेस कोड में पहुंची. मां सरस्वती की पूजा की गई और राष्ट्रगान गाया. विद्यालय में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल नजर आया.

वहीं, इस मामले पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा था कि राम मेरे भगवान हैं, मेरे आदर्श हैं. हर काम की शुरुआत राम के नाम से करता हूं. इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. विद्यालय की प्रिंसिपल से पूछा था कि विद्यालय में दो तरह की ड्रेस कोड है क्या? मुझे दो तरह का माहौल नजर आया था. हिजाब और बिना हिसाब की ड्रेस कोड थी. कल हमारे बच्चे भी लहंगा चुन्नी या अलग कलरफुल ड्रेस कोड में आएंगे तो स्कूल में कैसे चलेगा. कुछ लोगों को राजनीति करनी होती है, वह बाज नहीं आते हैं. सरकारी स्कूल का एक ड्रेस कोड तय होता है, वह वैसे ही रहना चाहिए. बच्चियों को भारत माता की जय बोलने को कहा गया, इसमें क्या गलत है. क्या सरस्वती मां की जय बोलना गलत है? स्कूल के ड्रेस कोड के हिसाब से ही छात्र-छात्राओं को आना चाहिए.

हिजाब विवाद के बाद गणवेश में नजर आईं छात्राएं

जयपुर. राजधानी जयपुर में गंगापोल स्थित सरकारी स्कूल में हिजाब को लेकर हुए विवाद के बाद अब स्कूल की छात्राएं गणवेश में नजर आने लगी हैं. शनिवार को सभी धर्म की छात्राएं स्कूल ड्रेस में विद्यालय पहुंचीं. विद्यालय में माता सरस्वती की पूजा अर्चना की गई और राष्ट्रगान गाया. इस विद्यालय में सोमवार को हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य के जय श्री राम के नारों और हिजाब को लेकर मुस्लिम छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव किया था. समुदाय विशेष की छात्राओं का आरोप था कि बाबा बालमुकुंद आचार्य ने स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में धार्मिक नारे लगवाए और छात्राओं के हिजाब को लेकर भी सवाल उठाए.

दरअसल, 26 जनवरी को सरकारी विद्यालय के एनुअल फंक्शन में बालमुकुंद आचार्य पहुंचे थे, जहां उन्होंने धार्मिक नारे लगवाए थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल हो गया था. 29 जनवरी सोमवार को सरकारी स्कूल की छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव करके विरोध प्रदर्शन किया. छात्राओं का आरोप था कि विद्यालय के एनुअल फंक्शन में हवा महल विधायक बाबा बालमुकुंद आचार्य को आमंत्रित किया गया था. बाबा बालमुकुंद आचार्य ने एनुअल फंक्शन में हिजाब को लेकर बातें की और धार्मिक नारे लगवाए. हिजाब पहनी हुई छात्राओ के लिए कहा था कि सांस भी आता है या नहीं.

पढ़ें : हिजाब विवाद बरकरार ! भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले - हमारे बच्चे भी अगर लहंगा-चुन्नी पहनकर स्कूल आएंगे तो...

उसके बाद सुभाष चौक इलाके में छात्राओं के प्रदर्शन ने राजनीतिक रूप ले लिया था. प्रदर्शन में कई राजनेता भी शामिल हुए थे. आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान, कांग्रेस नेता आरआर तिवारी, पप्पू कुरैशी समेत कई कांग्रेस के नेता छात्राओं के प्रदर्शन में पहुंचे थे और छात्राओं का समर्थन किया था. वहीं, दूसरी तरफ हिंदू छात्राओं ने बालमुकुंद आचार्य के समर्थन में सुभाष चौक थाना अधिकारी को ज्ञापन सोपा था. ज्ञापन में कहा था कि बाबा बालमुकुंद आचार्य ने कुछ गलत नहीं बोला था. स्कूल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए छात्राओं ने कहा था कि विद्यालय में सरस्वती पूजन नहीं होती है और प्रार्थना भी नहीं करवाई जाती है. इसके बाद यह मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा.

विद्यालय में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल नजर आया : इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सभी सरकारी विद्यालयो में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी. इसके बाद आज विद्यालय में सभी छात्राएं विद्यालय के ड्रेस कोड में पहुंची. मां सरस्वती की पूजा की गई और राष्ट्रगान गाया. विद्यालय में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल नजर आया.

वहीं, इस मामले पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा था कि राम मेरे भगवान हैं, मेरे आदर्श हैं. हर काम की शुरुआत राम के नाम से करता हूं. इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. विद्यालय की प्रिंसिपल से पूछा था कि विद्यालय में दो तरह की ड्रेस कोड है क्या? मुझे दो तरह का माहौल नजर आया था. हिजाब और बिना हिसाब की ड्रेस कोड थी. कल हमारे बच्चे भी लहंगा चुन्नी या अलग कलरफुल ड्रेस कोड में आएंगे तो स्कूल में कैसे चलेगा. कुछ लोगों को राजनीति करनी होती है, वह बाज नहीं आते हैं. सरकारी स्कूल का एक ड्रेस कोड तय होता है, वह वैसे ही रहना चाहिए. बच्चियों को भारत माता की जय बोलने को कहा गया, इसमें क्या गलत है. क्या सरस्वती मां की जय बोलना गलत है? स्कूल के ड्रेस कोड के हिसाब से ही छात्र-छात्राओं को आना चाहिए.

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