नई दिल्लीः 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई हुई. इसमें टाइटलर की ओर से दलीलें पेश की गई. वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. स्पेशल जज राकेश स्याल ने आरोप तय करने पर अगली सुनवाई 12 फरवरी को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने दलीलें रखते हुए गुरपतवंत पन्नून का नाम लेते हुए कहा कि चूंकि पन्नून गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था. ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए. 18 दिसंबर 2023 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जगदीश टाइटलर के वकील से दिल्ली पुलिस और सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर की सूची और जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.
बता दें, 10 अगस्त 2023 को कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने की इजाजत दे दी थी. टाइटलर ने सुरक्षा का हवाला देते हुए वर्चुअली कोर्ट में पेश होने की इजाजत मांगी थी. वह 5 अगस्त को कोर्ट में पेश हुए थे और अपना बेल बांड भरा था. 5 अगस्त 2023 को कोर्ट के बाहर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत देने के कोर्ट के आदेश पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया था. 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. स्पेशल जज विकास ढल ने एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. सीबीआई के मुताबिक, टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. इसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.