जबलपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पंच की पत्नी को नियुक्ति प्रदान किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई करते हुए नियुक्ति निरस्त करने के आदेश जारी किये हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि नियमानुसार पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्यों के सगे संबंधी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं.
कहां का है मामला
मामला पन्ना जिले के चौपड़ा गांव का है.यहां आंगनबाड़ी केन्द्र में अनीता गौड़ को कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ती प्रदान की गई थी.हाईकोर्ट में गांव की ही तुलसा बाई की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि चयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पति ग्राम पंचायत का निर्वाचित पंच है. ऐसे में उनके रिश्तेदार इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते.नियम विरुद्ध की गयी नियुक्ति के खिलाफ तुलसा बाई ने सागर संभागायुक्त के समक्ष अपील दायर की थी. इस अपील को संभागायुक्त ने खारिज कर दी थी जिसके चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.
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हाईकोर्ट ने दिया आदेश
याचिकाकर्ता तुलसा बाई की तरफ से दायर याचिका में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नियुक्ति निरस्त करने के आदेश जारी किये हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अनावेदक चयनित महिला का पति ग्राम पंचायत में पंच है इसलिए वह चयन प्रक्रिया के अयोग्य है और उसकी नियुक्ति निरस्त की जाती है.उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी तथा पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्यों के सगे रिश्तेदार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं.