जबलपुर: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2021 में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था. इस भर्ती परीक्षा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि भर्ती मामले में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की गई है. कम अंक पाने वालों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए जबकि ज्यादा अंक वाले उम्मीदवारों को छोड़ दिया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
692 पदों के लिए निकली थी भर्ती
एमपी पीएससी ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की भर्ती के लिए साल 2021 में 692 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था.
डॉक्टर योगीराज प्रजापति की तरफ से दायर की गई याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. हर वर्ग की नियुक्तियों में ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थियों को छोड़ दिया गया है और कम अंक वाले अभ्यर्थियों को अक्टूबर 2024 में नियुक्त पत्र जारी कर दिए गए हैं.
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हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस
डॉक्टर योगीराज प्रजापति की तरफ से दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं. युगलपीठ ने आयुष विभाग के प्रमुख सचिव, कमिश्नर आयुष विभाग, लोक सेवा आयोग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग सहित डॉ रानू मण्डल, डॉ पूजा वासुरे, डॉ प्रगति पंडोले, डॉ भानु अहिरवार और डॉ आकांक्षा ग्वाले को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की.