जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों के जनजीवन को अस्त-व्यस्त हो गया है. नर्मदा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. बरेला के कई गांव प्रभावित हुए हैं. गौर नदी की बाढ़ ने बरेला से सटे घुघरी गांव को भी अपनी चपेट में ले लिया है. गांव के कुछ हिस्सों में पानी घुस गया है. जिससे वहां के निवासी अभी भी बुरी तरह फंसे हुए हैं. कुछ लोगों ने तो निकलने से इनकार कर दिया है. जहां मोटर वोट की मदद से 11 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया है. फिलहाल टीम अभी भी रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है.
गौर नदी का जलस्तर बढ़ा, 11 लोग खेत में फंसे
दरअसल, गौर नदी में आई बाढ़ के चलते 11 ग्रामीण खेत में फंस गए. इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने तत्काल कार्रवाई की. टीम ने इन ग्रामीणों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला लिया. एसडीआरएफ की टीम ने उन्हे लगभग 10 किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ की टीम के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे. टीम ने 8 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
SDRF की टीम ने सभी का किया रेस्क्यू
तेज बारिश के चलते गौर नदी उफान पर चल रही है. जिससे नदी का पानी गांव में घुस गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए. खेतों में लगी फसल चौपट हो गई और खेत में घर बनाकर रह रहे किसान नदी की बाढ़ के पानी में फंस गए थे. करीब 11 लोग देर रात से सुबह तक बाढ़ में फंसे रहे और खुद को किसी तरह बचा कर रखा. सुबह होते ही इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी, इसके बाद पुलिस ने SDRF की टीम के साथ घुघरी गांव पहुंचकर बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया.
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लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति
एसडीआरएफ के कंट्रोल रूम प्रभारी रामजी चौधरी ने बताया "लगातार बारिश के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई थी. टीम ने पूरी मुस्तैदी और साहस के साथ काम किया और सभी ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया." इस मुश्किल समय में सभी संबंधित अधिकारियों और टीमों ने मिलकर कार्य किया. जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई. ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के बाद अब उन्हें आवश्यक सहायता और राहत प्रदान की जा रही है.