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फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बने चार केंद्रीय जीएसटी अधिकारी, फर्जीवाड़ा करने वाला निकला कलेक्ट्रेट का रीडर - sdm reader made fake certificate

जबलपुर कलेक्ट्रेट के रीडर ने फर्जी हस्ताक्षर कर जाति प्रमाण पत्र बनाया. इन फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए चार लोगों को केंद्रीय जीएसटी में अधीक्षक पर नियुक्ति भी मिल गई. जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने पर रीडर को निलंबित कर दिया गया और सभी आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.

SDM READER MADE FAKE CERTIFICATE
प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 10:18 PM IST

जबलपुर। जबलपुर में एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर जाति प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि एसडीएम के रीडर ने फर्जी हस्ताक्षर कर लोगों का जाति प्रमाण पत्र बनाए हैं. इस फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से चार लोगों को केंद्रीय जीएसटी की नौकरी भी मिल गई. शिकायत के आधर पर सत्यापन किया गया तो मामला सामने आया. शिकायत दर्ज होने के बाद से चारों आरोपी फरार हो गए हैं. वहीं रीडर को पुलिस ने पकड़ लिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है.

फर्जी प्रमाण पत्र से मिली नौकरी

जबलपुर के एसडीएम के रीडर संजय पुरबिया ने एसडीएम अधारताल के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर करके जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर दिया. इन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ लोगों को नौकरी भी मिल गई. मुकेश बर्मन, मनीष कोरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन ने जीएसटी की परीक्षा पास की और चारों केंद्रीय जीएसटी में अधीक्षक के पद पर नियुक्त हो गए. इन चारों के प्रमाण पत्र संजय पुरबिया ने फर्जी तरीके से बनाए थे.

विजिलेस टीम पहुंची एसडीएम कार्यालय

केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम को इस बात की शिकायत मिली थी कि इन चारों अधिकारियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी हैं. केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम ने इन जाति प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की. प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए टीम अधारताल एसडीएम के कार्यालय पहुंची. यहां उनकी मुलाकात संजय पुरबिया से ही हुई. संजय पुरबिया ने विजिलेंस टीम को एसडीएम से मिलने नहीं दिया और ना ही फोन पर बात करने दी. इस दौरान एसडीएम के रीडर ने एसडीएम शिवाली सिंह को भी गलत जानकारियां दी.

जांच में निकला फर्जीवाड़ा

जब विजिलेंस टीम को लगातार संजय पुरबिया एसडीएम से मिलने से रोकता रहा तो विजिलेंस टीम को जाति प्रमाण पत्र से जुड़ा हुआ शक और गहरा हुआ. इसके बाद केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम एसडीएम से व्यक्तिगत तौर पर मिली. जब कागजों की जांच की गई तो पता चला कि चारों प्रमाण पत्र फर्जी हैं और रीडर ने ही इन प्रमाण पत्रों को बना कर दिया है. इसके बाद जबलपुर कलेक्टर ने एसडीएम के रीडर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.

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रीडर निलंबित

शिकायत दर्ज होने के बाद जबलपुर कलेक्टर ने तुरंत एसडीएम के रीडर संजय पुरबिया को निलंबित कर दिया. पुलिस ने एसडीएम रीडर संजय पुरबिया को हिरासत में ले लिया है. वहीं केंद्रीय जीएसटी की टीम ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने वाले चोरों अध्यक्षों के खिलाफ जबलपुर के अधारताल थाने में शिकायत दर्ज कराई. चारों आरोपी जबलपुर के अधारताल क्षेत्र के ही रहने वाले हैं और शिकायत दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे हैं.

जबलपुर। जबलपुर में एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर जाति प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि एसडीएम के रीडर ने फर्जी हस्ताक्षर कर लोगों का जाति प्रमाण पत्र बनाए हैं. इस फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से चार लोगों को केंद्रीय जीएसटी की नौकरी भी मिल गई. शिकायत के आधर पर सत्यापन किया गया तो मामला सामने आया. शिकायत दर्ज होने के बाद से चारों आरोपी फरार हो गए हैं. वहीं रीडर को पुलिस ने पकड़ लिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है.

फर्जी प्रमाण पत्र से मिली नौकरी

जबलपुर के एसडीएम के रीडर संजय पुरबिया ने एसडीएम अधारताल के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर करके जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर दिया. इन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ लोगों को नौकरी भी मिल गई. मुकेश बर्मन, मनीष कोरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन ने जीएसटी की परीक्षा पास की और चारों केंद्रीय जीएसटी में अधीक्षक के पद पर नियुक्त हो गए. इन चारों के प्रमाण पत्र संजय पुरबिया ने फर्जी तरीके से बनाए थे.

विजिलेस टीम पहुंची एसडीएम कार्यालय

केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम को इस बात की शिकायत मिली थी कि इन चारों अधिकारियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी हैं. केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम ने इन जाति प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की. प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए टीम अधारताल एसडीएम के कार्यालय पहुंची. यहां उनकी मुलाकात संजय पुरबिया से ही हुई. संजय पुरबिया ने विजिलेंस टीम को एसडीएम से मिलने नहीं दिया और ना ही फोन पर बात करने दी. इस दौरान एसडीएम के रीडर ने एसडीएम शिवाली सिंह को भी गलत जानकारियां दी.

जांच में निकला फर्जीवाड़ा

जब विजिलेंस टीम को लगातार संजय पुरबिया एसडीएम से मिलने से रोकता रहा तो विजिलेंस टीम को जाति प्रमाण पत्र से जुड़ा हुआ शक और गहरा हुआ. इसके बाद केंद्रीय जीएसटी की विजिलेंस टीम एसडीएम से व्यक्तिगत तौर पर मिली. जब कागजों की जांच की गई तो पता चला कि चारों प्रमाण पत्र फर्जी हैं और रीडर ने ही इन प्रमाण पत्रों को बना कर दिया है. इसके बाद जबलपुर कलेक्टर ने एसडीएम के रीडर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.

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रीडर निलंबित

शिकायत दर्ज होने के बाद जबलपुर कलेक्टर ने तुरंत एसडीएम के रीडर संजय पुरबिया को निलंबित कर दिया. पुलिस ने एसडीएम रीडर संजय पुरबिया को हिरासत में ले लिया है. वहीं केंद्रीय जीएसटी की टीम ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने वाले चोरों अध्यक्षों के खिलाफ जबलपुर के अधारताल थाने में शिकायत दर्ज कराई. चारों आरोपी जबलपुर के अधारताल क्षेत्र के ही रहने वाले हैं और शिकायत दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे हैं.

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