जबलपुर। महापौर जगत बहादुर सिंह ने कांग्रेस क्या छोड़ी कांग्रेसियों ने तो उनके जीते जी अंतिम संस्कार कर दिया. जबलपुर के कांग्रेसियों ने गुरुवार को जबलपुर के ग्वारीघाट में उनका तर्पण किया. इस मौके पर मौजूद कांग्रेसियों ने भजन भी गाए. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि भले ही कुछ नेता अपने स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ दें, इससे पार्टी खत्म नहीं हो जाती बल्कि नए सिरे से नई लीडरशिप के साथ पार्टी फिर से खड़ी होगी.
मेयर जगत बहादुर का किया तर्पण
जबलपुर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ग्वारीघाट में एक अनोखा प्रदर्शन किया. ग्वारीघाट में बड़ी तादाद में कांग्रेस के कार्यकर्ता इकट्ठे हुए और इन लोगों ने जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह के लिए मृत्यु के बाद के संस्कार किए. नर्मदा जी में जाकर कार्यकर्ताओं ने तर्पण किया.
'महत्वाकांक्षी और स्वार्थी आदमी हैं जगत बहादुर'
कांग्रेस के कार्यकर्ता सतीश तिवारी का कहना है कि जगत बहादुर सिंह एक बेहद महत्वाकांक्षी और स्वार्थी आदमी हैं. उन्होंने कांग्रेस के निशान पर चुनाव लड़ा, कांग्रेसियों ने उनका साथ दिया लेकिन उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए कांग्रेस को ही छोड़ दिया. सतीश तिवारी ने कहा कि अब हमारे लिए जगत बहादुर सिंह किसी उपयोग के नहीं रहे इसलिए हमने उन्हें तिरोहित कर उनका तर्पण कर दिया.
क्या कहना है पंडितों का
ग्वारीघाट पर मौजूद पंडित अभिषेक का कहना है कि हिंदू धर्म में ऐसा विधान है की मृत्यु के बाद यदि परिवार का कोई सदस्य किसी का अंतिम संस्कार नहीं कर सकता तो वह पहले ही मृत्यु के बाद की क्रिया कर लेता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने जो किया है यह पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन है इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है.
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शशांक शेखर ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ी
कमलनाथ सरकार के दौरान महाधिवक्ता रहे कांग्रेस के बड़े नेता शशांक शेखर ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है और वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. जगत बहादुर सिंह और शशांक शेखर दोनों ही कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के करीबी बताए जाते हैं.अब चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या विवेक तन्खा भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं.