अजमेर: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले का आगाज शनिवार को हुआ. जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने पूजा अर्चना के बाद झंडारोहण कर मेले का आगाज किया. स्कूली छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सामूहिक नृत्य किया. मेले के पहले दिन पशुओं की कमी रही और अव्यवस्थाओं का आलम रहा. मेला 15 नवम्बर तक चलेगा.
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि मेले में आने वाले पशुओं में कमी आई है. सरकार का प्रयास है कि मेले में पशुओं की आवक कम नहीं हो. इस कड़ी में ही ऊंटों की रैली का आयोजन पहली बार मेले में किया है. मेला ग्राउंड पर विभिन्न स्कूलों की ओर से शानदार सामूहिक नृत्य पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुत किया. छात्रों की वेशभूषा विदेशी महिलाओं को खूब लुभा रही थी. विदेशी पर्यटकों ने सामूहिक नृत्य कर रही छात्राओं की तस्वीरें ली.
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ऊंटों की निकली सवारी: मेले में हर बार बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं, लेकिन इस बार पशुओं और विदेशी पर्यटकों की संख्या कम नजर आई. मेले में इस बार ऊंटों की कमी साफ दिखाई दी. पशुपालन विभाग ने ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए रैली का आयोजन किया. इस रैली को मंत्री सुरेश सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली में ऊंटों पर सरकारी विज्ञापन लगाए गए. कुछ ऊंट गाड़ियों में पुष्कर के नगाड़ा वादक अपने विदेशी शिष्यों के साथ नगाड़ा बजाते नजर आए. खास बात यह रही कि इस रैली में मंत्री सुरेश सिंह रावत, नगर पालिका चैयरमैन कमल पाठक और अन्य जनप्रतिनिधि ऊंटों पर बैठकर रवाना हो गए.
फुटबॉल मैच देखने कम आए दर्शक: मेला ग्राउंड पर फुटबॉल मैच हुआ और इसमें दोनों टीमों ने कड़ी धूप में पसीना भी बहाया, लेकिन दर्शकों की कमी रही. खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और मैच को देखने के लिए कोई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद नहीं था. मैच का परिणाम स्थानीय पर्यटकों के पक्ष में आया. विदेश खिलाड़ियों को मात खानी पड़ी. मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में सरकारी विज्ञापनों के काफी बैनर लगाए गए, जहां लोगों के बैठकर कार्यक्रम देखने की व्यवस्था है. इससे लोगों को कार्यक्रम देखने में दिक्कतें आई.
विदेशियों को पसंद आई सतरंगी संस्कृति: मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में सतरंगी संस्कृति की झलक देख विदेशी पर्यटक काफी खुश नजर आए. स्विटजरलैंड से आई कटरिना ने बताया कि वह पहली बार भारत आई हैं. यहां कि संस्कृति उन्हें बहुत पसंद आई. मेले में इतने ऊंटों को देखना उनका पहला अनुभव रहा. ऑस्ट्रेलिया से डेनियल और आस्ट्रेड पुष्कर मेला घूमने के लिए आए थे. पुष्कर की सतरंगी संस्कृति से दोनों काफी प्रभावित नजर आए. उन्होंने बताया कि अफ्रीका में उन्होंने पहली बार ऊंट देखे थे. यहां सजे धजे ऊंटों को देखना काफी रोमांचित अनुभव रहा.
अव्यवस्थाएं रही हावी: पुष्कर के सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर पुष्कर मेले में अव्यवस्थाओं को लेकर कहा कि 40 वर्षों से वे मेले का हिस्सा रहे हैं, लेकिन सरकारी तंत्र और अनुशासन की कमी से पुष्कर मेला लुप्त होता जा रहा है. लोगों का भी मोह भंग हो रहा है. पराशर ने कहा कि लोगों के लिए पानी पीने तक की व्यवस्था नहीं की गई. मेले में अनुशासन बिल्कुल भी नहीं दिखा. मैदान में कार्यक्रम स्थल पर बैरिकेडिंग नहीं की गई.
नेता प्रतिपक्ष ने लगाए ये आरोपः पुष्कर नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष समृता पाराशर का आरोप है कि मेले का राजनीतिक करण किया गया है. मेले में तीर्थ यात्रियों की सुविधा की बजाय विज्ञापन पर खर्चा किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मेला ग्राउंड पर जहां लोग बैठकर कार्यक्रम देखते हैं, उन्हे बैनर से पाट दिया गया, लोग कार्यक्रम देखने के लिए मैदान में आए तो उन्हें धक्के दिए गए जो कि गलत है. प्रशासन को पहले से व्यवस्था करनी चाहिए थी. उन्होंने आरोप लगाया कि मेला तो सबके लिए है, लेकिन प्रतिपक्ष का नेता होने के बावजूद मुझे और विपक्षी पार्षदों को निमंत्रण तक नही दिया.