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दारोगा बना लुटेरा; नकली क्राइम ब्रांच बनाकर व्यापारी के लूट लिए 42 लाख रुपये, फिल्मों की तरह रची थी साजिश - Varanasi Crime News

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 7:46 PM IST

यूपी के वाराणसी में व्यापारी से लाखों रुपये लूट का खुलासा किया है. जिस गिरोह ने लूट ने वारदात को अंजाम दिय़ा था, उसका सरगना एक दारोगा बताया जा रहा है. आइए जानते हैं कि गिरोह ने लूट की साजिश कैसी रची थी.

वाराणसी पुलिस ने दो लुटेरों को किया गिरफ्तार.
वाराणसी पुलिस ने दो लुटेरों को किया गिरफ्तार. (Etv Bharat)
काशी जोन डीसीपी गौरव बंसवाल ने लूट का किया खुलासा. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: कुछ दिनों पहले व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपये लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस लूट का मास्टरमाइंड वाराणसी में ही तैनात एक दारोगा बताया जा रहा है. गैंग ने फिल्मी स्टाइल में लूट की वारदात को अंजाम दिया था. फिलहाल पुलिस ने दारोगा सूर्य प्रकाश, विकास मिश्रा और अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इनके पास से लूट के 8 लाख 5 हज़ार रुपये और 2 पिस्टल बरामद हुए हैं.

काशी जोन डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया कि 22 जून को कुछ अज्ञात लोग बस के अंदर चढ़े और व्यापारी से लगभग 42 लाख लूट ले गए थे. जिसको लेकर रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर एक स्पेशल टीम एडिशनल डीसीपी काशी जोन के नेतृत्व में गठित की गई थी. इस पूरे मामले में जब पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो परत दर परत सारी चीज खुलती चली गई. पुलिस पूछताछ में पता चला कि 22 जून की रात नीचीबाग निवासी सर्राफ कारोबारी जयपाल ने अपने 2 कर्मचारियों को 93 लाख रुपए का देकर बस में बैठाया था. दोनों वाराणसी से कोलकाता जा रहे थे. कारोबारी जयपाल कर्मचारी अविनाश और धनंजय को बैठाकर घर आ गया. बाद में अविनाश ने कारोबारी को फोन किया और कहा कि पुलिस ने कैश पकड़ लिया है. एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में और 2 सादे कपड़े में थे. उन्होंने खुद को चंदौली के सैयदराजा थाना की क्राइम टीम का हिस्सा बताया और बस से नीचे उतार लिया है. बिना नंबर प्लेट की कार में बैठाया और कहीं लेकर जा रहे हैं. उसने यह भी बताया कि गाड़ी में बैठने के बाद इन लोगों ने हमें डरा-धमाकर 90 लाख में से 42 लाख 50 हजार रुपए ले लिए और फरार हो गए. हमने बताया कि लीगल पैसा है, उन्हें डॉक्यूमेंट्स भी दिखाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी और पैसे लेकर चले गए.

डीसीपी ने बताया कि टीम ने सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, कॉल डिटेल की जांच में कुछ व्यक्तियों के नाम प्रकाश में आए थे. इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस लूटकांड में वाराणसी में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध आई है. डीसीपी ने बताया कि इस गैंग का एक मुखबिर यह वाच करता है कि कौन व्यापारी कितने रूपये लेकर बस में चढ़ता है. उन्होंने बताया कि यह गिरोह पूरा पैसा कभी नही लूटते है. आधी धनराशि लेकर बाकी वापस कर देते हैं. जिसके डर से व्यापारी कंप्लेन नहीं करता है. डीसीपी ने बताया कि गिरोह क्राइम ब्रांच के सदस्य बताकर बस को कहीं भी रास्ते में रुकवा लेते थे.


गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 22 जून को भीटी के पास नेशनल हाईवे पर बस को रोककर बस में बैठे व्यापारी को पिस्टल दिखाकर व डरा धमकाकर, उतारकर व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपये लूट लिये थे. इस लूट कांड में नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी व योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक भी शामिल थे. आरोपियों ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से अपना एक आदमी अजय गुप्ता को एक पिस्टल के साथ भुल्लनपुर प्राइवेट बस स्टैण्ड पर बस में बैठा दिये थे. इसके बाद कटारिया पेट्रोल पम्प के पहले ही बस को रुकवाकर इस घटना को अंजाम दिए थे. सब इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पाण्डेय ने वर्दी में ही बस को रुकवाये थे और घटना को अंजाम दिये थे. डीसीपी ने बताया कि सब इंस्पेक्टर से अभी पूछताछ जारी है. साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


इसे भी पढ़ें-शाहजहांपुर पुलिस की मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश ढेर, लूट-डकैती के 32 मुकदमे दर्ज थे

काशी जोन डीसीपी गौरव बंसवाल ने लूट का किया खुलासा. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: कुछ दिनों पहले व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपये लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस लूट का मास्टरमाइंड वाराणसी में ही तैनात एक दारोगा बताया जा रहा है. गैंग ने फिल्मी स्टाइल में लूट की वारदात को अंजाम दिया था. फिलहाल पुलिस ने दारोगा सूर्य प्रकाश, विकास मिश्रा और अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इनके पास से लूट के 8 लाख 5 हज़ार रुपये और 2 पिस्टल बरामद हुए हैं.

काशी जोन डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया कि 22 जून को कुछ अज्ञात लोग बस के अंदर चढ़े और व्यापारी से लगभग 42 लाख लूट ले गए थे. जिसको लेकर रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर एक स्पेशल टीम एडिशनल डीसीपी काशी जोन के नेतृत्व में गठित की गई थी. इस पूरे मामले में जब पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो परत दर परत सारी चीज खुलती चली गई. पुलिस पूछताछ में पता चला कि 22 जून की रात नीचीबाग निवासी सर्राफ कारोबारी जयपाल ने अपने 2 कर्मचारियों को 93 लाख रुपए का देकर बस में बैठाया था. दोनों वाराणसी से कोलकाता जा रहे थे. कारोबारी जयपाल कर्मचारी अविनाश और धनंजय को बैठाकर घर आ गया. बाद में अविनाश ने कारोबारी को फोन किया और कहा कि पुलिस ने कैश पकड़ लिया है. एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में और 2 सादे कपड़े में थे. उन्होंने खुद को चंदौली के सैयदराजा थाना की क्राइम टीम का हिस्सा बताया और बस से नीचे उतार लिया है. बिना नंबर प्लेट की कार में बैठाया और कहीं लेकर जा रहे हैं. उसने यह भी बताया कि गाड़ी में बैठने के बाद इन लोगों ने हमें डरा-धमाकर 90 लाख में से 42 लाख 50 हजार रुपए ले लिए और फरार हो गए. हमने बताया कि लीगल पैसा है, उन्हें डॉक्यूमेंट्स भी दिखाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी और पैसे लेकर चले गए.

डीसीपी ने बताया कि टीम ने सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, कॉल डिटेल की जांच में कुछ व्यक्तियों के नाम प्रकाश में आए थे. इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस लूटकांड में वाराणसी में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध आई है. डीसीपी ने बताया कि इस गैंग का एक मुखबिर यह वाच करता है कि कौन व्यापारी कितने रूपये लेकर बस में चढ़ता है. उन्होंने बताया कि यह गिरोह पूरा पैसा कभी नही लूटते है. आधी धनराशि लेकर बाकी वापस कर देते हैं. जिसके डर से व्यापारी कंप्लेन नहीं करता है. डीसीपी ने बताया कि गिरोह क्राइम ब्रांच के सदस्य बताकर बस को कहीं भी रास्ते में रुकवा लेते थे.


गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 22 जून को भीटी के पास नेशनल हाईवे पर बस को रोककर बस में बैठे व्यापारी को पिस्टल दिखाकर व डरा धमकाकर, उतारकर व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपये लूट लिये थे. इस लूट कांड में नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी व योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक भी शामिल थे. आरोपियों ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से अपना एक आदमी अजय गुप्ता को एक पिस्टल के साथ भुल्लनपुर प्राइवेट बस स्टैण्ड पर बस में बैठा दिये थे. इसके बाद कटारिया पेट्रोल पम्प के पहले ही बस को रुकवाकर इस घटना को अंजाम दिए थे. सब इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पाण्डेय ने वर्दी में ही बस को रुकवाये थे और घटना को अंजाम दिये थे. डीसीपी ने बताया कि सब इंस्पेक्टर से अभी पूछताछ जारी है. साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


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