मंडी: जिला कुल्लू के बंजार निवासी पुलिस कर्मी कृष्ण लाल को पुलिस विभाग की प्रीमियम फ्री लाइफ इंश्योरेंस कवर योजना का लाभ मिला है. 16 वर्षों तक सेना में सेवाएं देने के बाद मार्च 2020 में पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुआ थे और थर्ड बटालियन पंडोह में तैनात थे. अप्रैल 2022 में कृष्ण लाल छुट्टी लेकर घर आए थे. पांव फिसले के कारण रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आ गई. लंबे उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो सके और अब व्हील चेयर पर दूसरों के सहारे जीवन यापन करते हुए विभाग के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
कांस्टेबल कृष्ण लाल की दशा के बारे में जब कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर को पता चला तो उन्होंने तुरंत पुलिस विभाग की प्रीमियम फ्री लाइफ इंश्योरेंस कवर योजना के तहत सितंबर 2023 को क्लेम के लिए एप्लाई किया. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ खुद वार्तालाप करके इस मामले में गंभीरता दिखाई. अब दिव्यांग हो चुके पुलिस कर्मी को साढ़े 22 लाख का क्लेम मिला है. बीती 27 मई को यह राशि कर्मचारी के खाते में आई है. कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर ने इस योजना के लिए पुलिस विभाग और क्लेम देने के लिए एसबीआई का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों में इस योजना के लेकर यह भ्रम है कि यह राशि सिर्फ मृत्यु पर ही मिलती है, लेकिन दिव्यांगता पर भी इस राशि को देने का प्रावधान है. उन्होंने पुलिस विभाग के कर्मचारियों से ऐसी सभी योजनाओं की जानकारी स्वयं रखने और अपने परिजनों के साथ सांझा करने का अनुरोध किया है.
कांस्टेबल कृष्ण लाल और उनकी धर्मपत्नी सुनीता ने मदद करने करने के लिए कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर, पुलिस विभाग और सहयोगी कर्मचारियों का आभार जताया है. इन्होंने कहा कि इस राशि से अब इन्हें भविष्य में अपने उपचार को सही ढंग से करवाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही भविष्य में आर्थिक तौर पर पड़ने वाली जिम्मेदारियों का निर्वहन भी वे कर पाएंगे.
क्या है पुलिस विभाग की प्रीमियम फ्री लाइफ इंश्योरेंस कवर योजना
पुलिस विभाग की प्रीमियम फ्री लाइफ इंश्योरेंस कवर योजना के तहत चार प्रमुख बैंकों एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस और एचडीएफसी बैंक के साथ पुलिस विभाग ने एमओयू साइन किए हैं. इन बैंकों में जिन पुलिस कर्मियों के सैलरी अकाउंट हैं. उन्हें प्रीमियम फ्री लाइफ इंश्योरेंस कवर योजना का लाभ मिलता है. इसमें मृत्यु के उपरांत तो परिवार को राशि मिलती ही है, लेकिन दिव्यांगता की स्थिति में भी क्लेम देने, बच्चों की पढ़ाई और बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद का प्रावधान भी है. आईपीएस अधिकारी भगत सिंह ठाकुर जब एसपी पुलिस वेल्फेयर थे तो उन्होंने अपने समय में ही प्रदेश भर में बैंकों के साथ एमओयू करके इस योजना को लागू करवाया था. बता दें कि पुलिस विभाग में इस योजना के तहत दिव्यांगता की स्थिति में क्लेम दिलाने का यह पहला मामला है.