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राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की पुलिस से नहीं इनसे लेना होगी अनुमति, इंदौर हाई कोर्ट ने दिया आदेश - INDORE HIGH COURT ORDER

इंदौर में आयोजनों को लेकर पुलिस द्वारा दी जाने वाली परमिशन पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इंदौर के एक व्यापारी ने इस मामले की याचिका हाई कोर्ट में लगाई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस से आयोजनों के लिए परमिशन देने का अधिकार छीन लिया है.

INDORE HIGH COURT GAVE ORDER
शहर में कार्यक्रमों की अनुमति मामले में हाई कोर्ट ने दिया आदेश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 2:23 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 2:41 PM IST

इंदौर: हाई कोर्ट में एक व्यापारी ने राजबाड़ा सहित अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा विभिन्न तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर जो परमिशन दी जाती है उसको लेकर एक याचिका लगाई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इंदौर नगर निगम को आदेश दिया है, कि अब नगर निगम इस तरह के आयोजनों को लेकर परमिशन जारी करेगा. अब तक पुलिस द्वारा इस तरह की परमिशन दी जाती थी.

कार्यक्रमों की नगर निगम कमिश्नर से लेना होगी अनुमति (ETV Bharat)

व्यापारी सन्नी परियानी ने हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका

पिछले दिनों राजबाड़ा सहित अन्य जगहों पर जिस तरह से पुलिस द्वारा राजनीतिक व धार्मिक आयोजनों की परमिशन दी गई थी. उससे कई तरह की परेशानियों का सामना व्यापारियों को करना पड़ता था. बता दें कि कई बार पुलिस से मिली परमिशन के बाद व्यापारियों के दुकान के बाहर ही मंच लगाकर आयोजनों को कराया जाता था. जिससे व्यापारियों को परेशानिया होती थी. इसी को लेकर इंदौर के व्यापारी सन्नी परियानी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी.

व्यापारियों को उठानी पड़ती थी परेशानियां

व्यापारी ने याचिका के माध्यम से बताया कि इंदौर के राजबाडा में अलग-अलग तरह के आयोजन विभिन्न संगठनों के द्वारा रोजाना किए जाते है. जिस कारण कई बार राजवाड़ा में तेज आवाज में चलने वाले साउंड सिस्टम से कई तरह के घटनाक्रम घटित हो चुके हैं. वहीं पुलिस विभिन्न तरह के राजनीतिक दबाव व बिना जांच के परमिशन दे देती है. जिसके चलते कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं.

पुलिस इन बातों का नहीं रखती थी ख्याल

पुलिस कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हमेशा व्यस्त रहती है और उसके पास परमिशन देते समय किन बातों का ध्यान रखना है और किस तरह से जांच पड़ताल करना है उसको लेकर अलग से पुलिस फोर्स भी नहीं है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बिना जांच के संबंधित व्यक्ति को अनुमति दे देते हैं. जिस कारण कई तरह की लापरवाही से वहां पर घटनाएं घटित हो जाती हैं.

नगर निगम कमिश्नर देगा आयोजनों की परमिशन

इन तमाम तरह की बातों को सुनने के बाद कोर्ट ने भी पूरी याचिका को काफी गंभीर माना. इसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया, कि इंदौर नगर निगम कमिश्नर धारा 322 नगर निगम कानून के अंतर्गत शहर में होने वाले आयोजनों को लेकर परमिशन देंगे. लेकिन परमिशन देते समय संबंधित अधिकारी को इन बातों का ध्यान रहना होगा कि, शहर में कहीं पर भी वॉयरलैस न हो और पूरा मंच लगने के बाद जांच की जाए. इसके अलावा पर्यावरण कहीं दूषित ना हो और किसी व्यापारी की दुकान के बाहर मंच ना लगे. इसी के साथ कई और चीजों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अब पुलिस को परमिशन नहीं देने का फरमान दिया है.

यहां पढ़ें...

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जस्टिस प्रणय वर्मा ने सुनवाई की

इंदौर नगर निगम को नगर निगम की धारा 322 के तहत परमिशन देने के आदेश दिया है. बता दें कि कोर्ट के समक्ष याचिका व्यापारी सन्नी परियानी ने लगाई थी. उनकी याचिका पर कोर्ट के समक्ष उनके अधिवक्ता कुलदीप पाठक ने पैरवी की, वहीं अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस प्रणय वर्मा ने यह आदेश जारी किए हैं.

इंदौर: हाई कोर्ट में एक व्यापारी ने राजबाड़ा सहित अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा विभिन्न तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर जो परमिशन दी जाती है उसको लेकर एक याचिका लगाई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इंदौर नगर निगम को आदेश दिया है, कि अब नगर निगम इस तरह के आयोजनों को लेकर परमिशन जारी करेगा. अब तक पुलिस द्वारा इस तरह की परमिशन दी जाती थी.

कार्यक्रमों की नगर निगम कमिश्नर से लेना होगी अनुमति (ETV Bharat)

व्यापारी सन्नी परियानी ने हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका

पिछले दिनों राजबाड़ा सहित अन्य जगहों पर जिस तरह से पुलिस द्वारा राजनीतिक व धार्मिक आयोजनों की परमिशन दी गई थी. उससे कई तरह की परेशानियों का सामना व्यापारियों को करना पड़ता था. बता दें कि कई बार पुलिस से मिली परमिशन के बाद व्यापारियों के दुकान के बाहर ही मंच लगाकर आयोजनों को कराया जाता था. जिससे व्यापारियों को परेशानिया होती थी. इसी को लेकर इंदौर के व्यापारी सन्नी परियानी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी.

व्यापारियों को उठानी पड़ती थी परेशानियां

व्यापारी ने याचिका के माध्यम से बताया कि इंदौर के राजबाडा में अलग-अलग तरह के आयोजन विभिन्न संगठनों के द्वारा रोजाना किए जाते है. जिस कारण कई बार राजवाड़ा में तेज आवाज में चलने वाले साउंड सिस्टम से कई तरह के घटनाक्रम घटित हो चुके हैं. वहीं पुलिस विभिन्न तरह के राजनीतिक दबाव व बिना जांच के परमिशन दे देती है. जिसके चलते कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं.

पुलिस इन बातों का नहीं रखती थी ख्याल

पुलिस कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हमेशा व्यस्त रहती है और उसके पास परमिशन देते समय किन बातों का ध्यान रखना है और किस तरह से जांच पड़ताल करना है उसको लेकर अलग से पुलिस फोर्स भी नहीं है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बिना जांच के संबंधित व्यक्ति को अनुमति दे देते हैं. जिस कारण कई तरह की लापरवाही से वहां पर घटनाएं घटित हो जाती हैं.

नगर निगम कमिश्नर देगा आयोजनों की परमिशन

इन तमाम तरह की बातों को सुनने के बाद कोर्ट ने भी पूरी याचिका को काफी गंभीर माना. इसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया, कि इंदौर नगर निगम कमिश्नर धारा 322 नगर निगम कानून के अंतर्गत शहर में होने वाले आयोजनों को लेकर परमिशन देंगे. लेकिन परमिशन देते समय संबंधित अधिकारी को इन बातों का ध्यान रहना होगा कि, शहर में कहीं पर भी वॉयरलैस न हो और पूरा मंच लगने के बाद जांच की जाए. इसके अलावा पर्यावरण कहीं दूषित ना हो और किसी व्यापारी की दुकान के बाहर मंच ना लगे. इसी के साथ कई और चीजों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अब पुलिस को परमिशन नहीं देने का फरमान दिया है.

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जस्टिस प्रणय वर्मा ने सुनवाई की

इंदौर नगर निगम को नगर निगम की धारा 322 के तहत परमिशन देने के आदेश दिया है. बता दें कि कोर्ट के समक्ष याचिका व्यापारी सन्नी परियानी ने लगाई थी. उनकी याचिका पर कोर्ट के समक्ष उनके अधिवक्ता कुलदीप पाठक ने पैरवी की, वहीं अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस प्रणय वर्मा ने यह आदेश जारी किए हैं.

Last Updated : Aug 26, 2024, 2:41 PM IST
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