इंदौर: देशभर में स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध इंदौर में जगह-जगह गड्ढे और सड़कों पर पानी एकत्र होने के कारण डेंगू की बीमारी फैल रही है. बारिश के सीजन में डेंगू से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 298 तक पहुंच गया है. यही स्थिति मलेरिया को लेकर है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग अब शहर में डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है.
डेंगू संक्रमित मरीजों का इलाज जारी
इन दिनों इंदौर में जल जमाव और घनी बस्तियों में मच्छरों के पनपने के कारण लगातार डेंगू से संक्रमित लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. फिलहाल, शहर में अभी एक्टिव डेंगू के 12 मरीज हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति बेहतर बताई जा रही है. जिला मलेरिया अधिकारी दौलत सिंह पटेल ने बताया कि, "इंदौर में जनवरी से लेकर अब तक 298 डेंगू पेशेंट पाए गए हैं. लिहाजा अब सघन बस्तियों में जाकर लोगों को समझाइश दी जा रही है, कि घरों के बाहर पानी जमा ना होने दें."
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लोगों को किया जा रहा जागरूक
इंदौर प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी घनी बस्तियों में जाकर जांच भी कर रहे हैं. वहीं लोगों के समझाइश दी जा रही है कि टायर और प्लांट में जिस तरह से पानी जमा हो जाता है. उसी में डेंगू का मच्छर पनपता है. इसलिए कहीं भी बारिश का पानी जमा न होने दें. पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें और ज्यादा दिन तक पानी स्टोर ना करें. दौलत पटेल ने बताया कि, "डेंगू के अलावा मलेरिया को लेकर भी ऐसी ही स्थित है. जिसके चलते संक्रमित इलाकों में दवाई का छिड़काव किया जा रहा है. बारिश के सीजन में लोगों को मलेरिया और डेंगू के मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वहीं, सभी शासकीय अस्पतालों से मलेरिया की दवाई नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है."